बजरंग गर्ग ने हरियाणा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, बोले- गेहूं खरीद, उठान करने के सभी दावे फेल साबित

punjabkesari.in Sunday, Apr 20, 2025 - 07:58 PM (IST)

सिरसा (सतनाम सिंह) : हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने व्यापारियों की मीटिंग लेने के उपरांत पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण लगभग 36 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडी व खुले में पड़ी है जबकि लगभग किसान की गेहूं मण्डियों में 54 लाख 50 हजार मीट्रिक टन आ चुकी है और उठान सिर्फ 18 लाख 30 हजार मीट्रिक टन तक हुआ है। गेहूं का समय पर उठान न होने के कारण गेहूं मंडी व सड़कों पर खराब हो रही है। 

बजरंग गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री के गेहूं खरीद, उठान और भुगतान 48 घंटे में करने के सभी दावे फेल सिद्ध हुए है। जब 48 घंटे में गेहूं का उठान नहीं हो रहा है तो भुगतान सरकार कैसे करेगी। सरकार ने गेहूं उठान का टेंडर लेट दिया और मण्डियों में बारदाना भी लेट देने के कारण भी गेहूं उठान में देरी हुई है। बजरंग गर्ग ने कहा कि गेहूं की खरीद व उठान लेट होने के कारण करोड़ों रुपए की गेहूं की फसल जलकर व बारिश से खराब हो गई है। सरकार को तुरंत किसान की गेहूं के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए और सरकार को सरकारी गेहूं की खरीद पर 300 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सकें। 

वोल 1 बजरंग दास गर्ग ने कहा कि सरकार की तरफ से गेहूं खरीद, उठान व भुगतान के पुख्ता से पुख्ता प्रबंध करना चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि गेहूं उठान के ठेकेदार व सरकारी अधिकारी गेहूं उठान के नाम जो 3 रुपए से 6 रुपए तक बोरी मांग रहे है। सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी खुले पैसे लेने का जो खेल रहे है उनके खिलाफ भी सरकार को सख्त कार्रवाई करें और जो सरकारी अधिकारी गेहूं खरीद व उठान में लापरवाही करे सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। 

मुख्यमंत्री को अपने वादे के अनुसार गेहूं की खरीद, उठान व भुगतान 48 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को सरसों, नरमा, बाजरा, मूंग, गेहूं, धान व हर अनाज खरीद पर पहले की तरह आढ़तियों को 2.5 प्रतिशत आढ़त देनी चाहिए और सरकारी अधिकारी व ठेकेदार की लापरवाही के कारण गेहूं उठान में देरी होने पर घटती आने पर घटती के पैसे आढ़तियों का ना काटकर उसका पैसें अधिकारी व ठेकेदार से रिकवरी की जाए क्योंकि सरकारी एजेंसी द्वारा गेहूं खरीद के बाद गेहूं सरकार की हो जाती है ऐसे में उसके घटती के पैसे आढ़तियों से काटना सरासर गलत है जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

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Content Editor

Deepak Kumar

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