पिता का कुश्ती खेलने का अधूरा सपना पूरा कर रहे बजरंग पूनिया, अब ओलंपिक पर है नजर

8/6/2022 3:25:23 PM

सोनीपत(राम सिंहमार): स्टार रेसलर बजरंग पूनिया ने एक बार फिर अपने बेहतरीन प्रदर्शन से दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। पूनिया ने कॉमनवेल्थ गेम में कनाडा के मैक्लीन लाचालान को 65 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में हरा कर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया है। पहलवान की इस जीत पर उनके परिवार और गांव में जश्न का माहौल है। ग्रामीण बजरंग के भारत लौटने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि गांव में उनका स्वागत किया जा सके।

 

कॉमनवेल्थ के बाद एशियाई गेम्स व ओलंपिक पर है पूनिया की नजर

 

बजरंग पूनिया के पिता बलवान सिंह ने कहा कि बजरंग उनसे वादा करके गया था कि गोल्ड मेडल लेकर ही घर वापस आऊंगा। बेटे ने अपना वादा पूरा भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बजरंग ने शेर की तरह दहाड़  कर के अपने प्रतिद्वंदी को करारी शिकस्त दी है, उससे गांव के सभी लोग काफी खुश हैं। पिता का कहना है कि आजादी के 75 में अमृत महोत्सव में जहां देशभर में तिरंगा लहराया जा रहा है, तो वहीं भारत के खिलाड़ियों ने रेसलिंग में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए विदेश में भी भारत का झंडा ऊंचा कर दिया। पिता ने कहा कि वर्ल्ड चैंपियन में बजरंग तीन मेडल लाने के बाद अब बजरंग एशियाई गेम्स में दोबारा गोल्ड मेडल लाने के लिए तैयारी करेगा। इसी के साथ उन्हें विश्वास है कि बेटा 2024 के ओलंपिक में भी देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करेगा।

 

किन्हींं कारणों के चलते बजरंग के पिता नहीं खेल पाए थे कुश्ती

 

बजरंग के पिता ने कहा  कि उनका भी सपना था कि वे कुश्ती खेलें लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उनका सपना अधूरा रह गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने सपने को बेटे बजरंग पुनिया के जरिए जिया है। उन्होंने कहा कि बजरंग को बचपन से ही चीते की तरह खिलता देख उम्मीद की किरणें खिल गई थी और तब से लेकर आज तक बजरंग ने कभी हार का मुंह नहीं देखा। उन्होंने कहा कि भारत लौटने पर बजरंग का जोरदार स्वागत किया जाएगा।

 

 (हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भीबस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 

 

 

Content Writer

Gourav Chouhan