बलराज कुंडू ने सरकार से समर्थन वापसी का किया ऐलान, कल सौंपेंगे राज्यपाल को पत्र(VIDEO)
2/27/2020 10:15:40 PM
चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने वीरवार काे सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया। वह कल हरियाणा के राज्यपाल को अपना समर्थन वापसी का पत्र सौंपेंगे। दरअसल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट सत्र के दौरान सदन में अपने जवाब के दौरान पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर और कविता जैन पर लगे घोटालों के आरोपों में उन्हें क्लीन चिट देते हुए कहा कि कोई घोटाला नहीं हुआ। बस इसी बात से खफा होकर कुंडू ने सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया।
बिना जांच के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने क्लीच चीट दी
समर्थन वापसी का ऐलान करने के बाद कुंडू ने कहा कि अनिल विज सच में ईमानदार हैं, उनकी कथनी करनी में फर्क नहीं। उन्होंने कहा कि बिना जांच के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने क्लीच चीट दे दी। जांच की बात ना कहकर अर्बन लोकल बॉडी को क्लीन चिट दी। कुंडू ने कहा कि शुगर मिल में 4000 करोड़ का घोटाला हुआ, लेकिन सीएम इस पर मौन हैं।
डॉक्यूमेंट देने के बावजूद सीएम ने मनीष ग्रोवर को बचाया
उन्होंने कहा कि बड़े बड़े डॉक्यूमेंट देने के बावजूद सीएम ने मनीष ग्रोवर को बचाया। वह भ्रष्टाचार को पूर्ण रूप से आशीर्वीद देते दिखे। कुंडू ने कहा कि मैं जनता की सेवा करने आया हूं किसी की चमचागीरी करने नहीं, जो गलत बोलेगा उसे गलत बोलूंगा। ये मेरी लड़ाई नहीं प्रदेश वासियों का हक है। उन्होंने कहा कि निर्दलीय मेरे साथ आना चाहे तो स्वागत, मुझे उम्मीद नहीं है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ उठती रहेगी आवाज
कुंडू ने कहा कि मेरी आवाज भ्रष्टाचार के खिलाफ उठती रहेगी। उन्होंने कहा कि जब विधायक के कहने से जांच नहीं होती तो आम जनता के कहने से कैसे होगी। कुंडू ने कहा कि ईमानदार अधिकारी के नेतृत्व में जांच करवाई जानी चाहिए थी, मैंने मनीष ग्रोवर के खिलाफ सभी वैद्य सबूत दिए हैं। जो कभी देखे नहीं गए उन घोटालों को भी मनीष ग्रोवर ने अंजाम दिया। मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचारियों को आशीर्वाद प्राप्त है, लोकतंत्र की हत्या है ये बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। विज की गठित एसआईटी को सीएम ने खत्म कर दिया
बता दें कि रोहतक के पूर्व विधायक व पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर पर महम के विधायक बलराज कुंडू ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। कुंडू का आरोप था कि सहकारिता मंत्री रहते हुए मनीष ग्रोवर ने शुगर मिल से शीरे का घोटाला किया। इसके अलावा रोहतक नगर निगम में भी भ्रष्टाचार किया। कुंडू ने करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार ने मनीष ग्रोवर पर कार्रवाई नहीं की तो वे समर्थन वापिस ले लेंगे। इसके बाद उन्होंने गृह मंत्री अनिल विज को शिकायत दी थी। जिस पर विज ने एक एसआईटी गठित कर दी थी।
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। गुरुवार को बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर बोल रहे थे। स्वास्थ्य खराब होने की वजह से बलराज कुंडू सदन से जा चुके थे। लेकिन उन्होंने जब देखा कि सीएम मनीष ग्रोवर के मामले पर बोल रहे हैं तो वे घर से वापिस सदन पहुंच गए। कुंडू ने कहा था कि जब मनीष ग्रोवर का शीरा का व्यापार है तो उन्हें सहकारिता विभाग क्यों दिया गया। इस पर सीएम मनोहर ने कहा कि जो व्यक्ति जिस पेशे से जुड़ा हुआ है, उसे वो विभाग दे देना कोई गलत नहीं है। इस पर बलराज कुंडू ने सीएम से कहा कि आप तो मनीष ग्रोवर को क्लीन चिट दे रहे हैं। इस पर सीएम ने कहा कि आप कोर्ट चले जाओ।
सदन से बाहर आकर बलराज कुंडू ने कहा कि एसआईटी गठित होने के बाद भी सीएम मनोहर लाल सदन में मनीष ग्रोवर पर लगे आरोपों को स्पष्टीकरण देने में जुटे हुए थे। लेकिन जिस प्रकार सीएम ने सदन में जवाब दिया है, मैं उस बात से आहत हूं। मुझे इस बात का बड़ा अफसोस है कि आज की राजनीतिक किस स्तर पर जा रही है। ईमानदारी की बात एक भाषण मात्र रह गई है। मैंने समर्थन ईमानदार सरकार और ईमानदार सीएम को दिया था। मैं ऐसी भ्रष्ट सरकार को अपना समर्थन नहीं दे सकता। अपना समर्थन वापिस लेता हूं और शुक्रवार को अपना समर्थन वापसी का पत्र स्पीकर और राज्यपाल को दे दूंगा।
इस विवाद की एक जड़ मंत्री पद भी माना जा रहा है। गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने निर्दलीय विधायकों में सिर्फ रणजीत सिंह को मंत्री पद दिया था। इसके अलावा 4 विधायकों को बोर्ड का चेयरमैन बना दिया था। कुंडू मंत्री पद की रेस में थे लेकिन पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर के चलते उनका पत्ता कट गया। इस वजह से दोनों के बीच खटास पैदा हुई। बलराज कुंडू विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में ही थे। भाजपा ने उनकी टिकट काटी तो पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव में खड़े हुए और जीत दर्ज की।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 सीटें, जजपा को 10, आजाद 7, इनेलो को 1, हलोपा को 1 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली थी। भाजपा ने निर्दलीय 7 और जजपा के 10 विधायकों के साथ मिलकर 57 के आंकड़े के साथ सरकार बनाई थी। कुंडू के समर्थन वापसी के बाद सरकार के पास 56 विधायक रह जाएंगे।