टैक्स भरें नहीं तो बैंक खाते व चल सम्पत्ति होगी अटैच : निगम आयुक्त

12/28/2019 12:15:45 PM

करनाल(मनोज) : प्रापर्टी व सॢवस टैक्स के बकायादारों के खिलाफ नगर निगम एक्शन मोड में आ गया है। निगम आयुक्त निशांत यादव ने दो टूक कहा कि अब भी टैक्स नहीं भरा तो संबंधित विभागों के बैंक खाते सील करेंगे। यही नहीं वाहन जैसी चल सम्पत्ति भी जब्त कर ली जाएगी। इनकी बोली लगाकर निगम रिकवरी करेगा। 

कमिश्नर ने डिफाल्टर प्लाट धारकों को भी चेताया कि वह प्रापर्टी टैक्स जमा करवा दें नहीं तो उन पर भी कार्रवाई होगी। बता दें कि निगम के एरिया में स्थित 10 केंद्रीय संस्थानों पर 67.14 करोड़ सॢवस टैक्स पैंङ्क्षडग है। जबकि राज्य सरकार के 60 विभागों ने भी 40.35 करोड़ प्रापर्टी टैक्स नहीं चुकाया है। इन्हें कई बार नोटिस भेजे जा चुके हैं।  

समय बढ़ाने की मांग, कमिश्नर बोले-अब गुंजाइश नहीं 
मीटिंग में आए प्रतिनिधियों ने आयुक्त से कुछ ओर समय बढ़ाने की मांग उठाई। आयुक्त ने कहा कि प्रापर्टी व सॢवस टैक्स को लेकर निगम की ओर से सभी विभागों को लगातार नोटिस भेजे गए हैं लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। इसलिए अब और समय दिए जाने की गुंजाइश नहीं बची। अब तो टैक्स भरना ही पड़ेगा।  

कमिश्नर ने बैठक कर चेताया
निगम कमिश्नर निशांत यादव ने शुक्रवार को विकास सदन सभागार में मीटिंग बुलाई। इसमें समय पर प्रापर्टी टैक्स नहीं भरने से डिफाल्टर की श्रेणी में आए संस्थानों के प्रतिनिधि आए। आयुक्त ने सरकार के निर्देशों की जानकारी देते हुए 31 दिसम्बर तक बकाया प्रापर्टी टैक्स भरने की सलाह दी। मीटिंग में यू.एच.बी.वी.एन., सिंचाई, सहकारी बैंक व चीनी मिल, एन.डी.आर.आई., कृषि, रैडक्रॉस, जेल, जन स्वास्थ्य विभाग यूनिट-1, भारतीय खाद्य निगम, डाक व तार विभाग व एच.वी.पी.एन.एल. सहित करीब 10 विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। केंद्र सरकार के विभागों की ओर से निगम को जो टैक्स अदा किया जाना है वह सॢवस टैक्स के रूप में है। जबकि स्टेट के विभागों की तरफ प्रापर्टी टैक्स बकाया है।

सरकार की मंशा : निकाय खुद पर हों निर्भर 
कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि सरकार ने अब निकायों को ग्रांट देने से मना कर दिया है। साफ तौर पर कहा है कि बकायादारों से टैक्स लेकर अपना काम चलाएं। स्व:निर्भर बनें। आयुक्त ने मीटिंग में कहा कि बकायादारों के पास 31 दिसम्बर तक का समय है। इस दौरान सरकार की ओर से एकमुश्त बकाया राशि भरने पर पूरा ब्याज माफ है।  

Edited By

vinod kumar