बजट के दिन भी बैंक बंद, 350 करोड़ का लेन-देन प्रभावित

2/2/2020 11:26:10 AM

भिवानी- बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शुक्रवार को जहां जिले में पहले ही दिन करीब 300 करोड़ का लेन प्रभावित हुआ, वहीं इस हड़ताल के दूसरे दिन शनिवार को जब केंद्र सरकार बजट पेश कर रही थी तो करीब 350 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ। इसका कारण यह है कि लोग महीने के शुरूआती दिनों में बैंकों से ज्यादा लेन-देन करते हैं।

इसलिए इन 2 दिनों की हड़ताल से जिले के बैंकों में 650 करोड़ का लेन-देन प्रभावित हो चुका है। वहीं, आज रविवार का अवकाश होने के चलते बैंक यूं ही बंद रहेंगे। इसलिए अब सोमवार यानि कल ही बैंकों में लेन-देन की व्यवस्था में सुधार होने की संभावना है। दूसरी ओर, बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल के दूसरे दिन भी शहर में प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इसके अलावा कर्मचारियों ने मांगे ना माने जाने पर फिर से अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी। 

बता दें कि सरकारी और राष्ट्रीकृत बैंकों के कर्मचारी पिछले कई दिनों से नई पैंशन योजना की जगह पुरानी पैंशन लागू करने, अधिकारियों की कार्य अवधि निश्चित करने, सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करने, जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाले कारपोरेट घरानों से एनपीए हुए ऋणों को वसूली के लिए सरकार द्वारा कानून बनाए जाने, आऊटसोॄसग बंद करने, समान काम समान वेतन दिए जाने, पुरानी पैंशनर्ज की पैंशन में संशोधन किए जाने, पारिवारिक पैंशन सुधार किए जाने, 5 दिवसीय कार्य दिवस किए जाने सहित अन्य मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। 

हड़ताल के दोनों दिन जिले में एक भी सरकारी और राष्ट्रीयकृत बैंक का ताला नहीं खुला। इसके चलते लोगों को बैंकों से लेन-देन में इन 2 दिनों के दौरान खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इसका कारण यह है कि अधिकतर पैंशनधारक लोग अपनी पैंशन या वेतनधारी लोग अपना वेतन महीने की पहली तारीख को लेने ही बैंकों में आ जाते हैं। मगर महीने के पहले दिन ही हड़ताल के चलते इस तरह के लोगों को मायूस होकर अपने घरों को लौटना पड़ा। 

2 दिवसीय हड़ताल के चलते जिले के अधिकतर ए.टी.एम. भी खाली हो गए हैं। उनमें लोगों को अपना कार्ड डालने के लिए स्क्रीन पर यही दिखाई देता है कि ए.टी.एम. में कैश नहीं है। इसके चलते जरूरतमंद लोगों को ए.टी.एम. के भी खाली होने से परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इस परेशानी को दूर करने के लिए लोग एक दूसरे से पैसे उधार मांगकर काम चला रहे हैं। 

Isha