'चंडीगढ़ पर अधिकार' को लेकर आमने-सामने पंजाब-हरियाणा, मनोहर सरकार ने भी पेश किया प्रस्ताव..पढ़िए किसने क्या कहा

4/5/2022 5:16:57 PM

चंडीगढ़(धरणी):  हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे शुरू हुई। सबसे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के शहीदों व अन्य दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी शोक प्रस्ताव पढ़े। इसके बाद मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़, एसवाईएल व बीबीएमबी के मुद्दे पर सदन में सरकारी प्रस्ताव प्रस्तुत किया। विस में पहली अप्रैल को पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ के मुद्दे पर पारित प्रस्ताव पर चिंता प्रकट की गई। साथ ही यह सिफारिश की गई कि चंडीगढ़ को पंजाब को स्थानांतरित करने के मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाए।



पंजाब का प्रस्ताव हरियाणा को स्वीकार्य नहीं: CM खट्‌टर
सीएम मनोहर लाल ने सरकारी संकल्प प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर के पानी पर हरियाणा का अधिकार संवैधानिक है। एसवाईएल नहर को जल्द पूरा करने के लिए 7 बार प्रस्ताव पारित किए थे। सभी ने पानी के दावों को बरकरार रखा है। पंजाब ने हरियाणा के दावे को नामंजूर करते हुए कई प्रस्ताव पारित किए। 1 अप्रैल 2022 को पंजाब विधानसभा में विधेयक पारित किए। इसलिए सदन पंजाब के प्रस्ताव पर चिंता प्रकट करता है। ये हरियाणा के लोगों को स्वीकार्य नहीं है। चंडीगढ़ के दावे पर हरियाणा अपना अधिकार बरकरार रखेगा। पंजाब ऐसा कोई कदम न उठाए जिससे कि संतुलन बिगड़ जाए।



पंजाब खून की नदियां बहाने को तैयार, हमें भी लड़नी पड़ेगी आर-पार की जंगः रघुबीर कादियान
हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र के दौरान रघुवीर कादियान ने कहा कि वह हरियाणा सरकार के प्रस्ताव का स्वागत करते है। यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है । उन्होंने कहा कि एसवाईएल के पानी के लिए बहुत संघर्ष हुआ है।

कादियान ने कहा कि इस मद्दे पर कुर्बानी के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब खून की नदियां बहाने को तैयार है, तो हमें भी आर-पार की जंग लड़नी पड़ेगी। कादियान ने कहा कि पंजाब-हरियाणा के बीच भाईचारा बना रहना भी जरूरी है। पानी नहीं मिले तो फिर प्रदेश को नुकसान होगा। कई सालों से हरियाणा को खरबों का नुकसान है। इस संबंध तक सुप्रीम कोर्ट तक आवाज पहुंचाई जानी चाहिए।



पंजाब सरकार पर विज का तंज, इनके तो दूध के दांत नहीं टूटे और ये बातें चंडीगढ़ की कर रहे हैं
हरियाणा के गृह मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने शरारतपूर्ण ये प्रस्ताव रखा है। विज ने कहा कि पंजाब के हालात श्री लंका जैसे होने वाले हैं। पंजाब सरकार ने ध्यान भटकाने के लिए इन मुद्दों को छेड़ा है। उन्होंने पंजाब सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ये चार दिन की पार्टी, शिशुकाल की है। इनके तो अभी दूध के दांत नहीं टूटे और ये बातें चंडीगढ़ की कर रहे हैं। विज ने कहा कि क्या ऐसे ही चंडीगढ पंजाब को दे दिया जाएग। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने भी सरकार का साथ देने के लिए आगे आए हैं, ये अच्छी बात है।  आज हम पंजाब से बड़े नजर आ रहे हैं, पंजाब से ज्यादा हमारी अर्थव्यवस्था है। अंगद का कदम रख दिया गया है, अब हम नहीं डिगेंगे।



CM Mann की सरकार पर बरसे हुड्डा, चंडीगढ़ को लेकर किए गए दावे को बताया जुमला
हरियाणा के पूर्व सीएम और विधानसभा के नेता विपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा ये बहुत गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि पंजाब द्वारा पारित किए प्रस्ताव के कोई मायने नहीं। पंजाब सरकार का ये दावा बस एक जुमला है। हरियाणा- पंजाब के बीच पानी, क्षेत्र और राजधानी का मुद्दा हमेशा से रहा है। हरियाणा को आज तक उसका हिस्सा नहीं मिला। हुड्डा ने कहा कि पंजाब में पानी को लेकर एग्रीमेंट रद्द किया है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा को पानी देने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा क सतलुज के पानी पर पूरे देश के लिए है हरियाणा के हक के लिए हम सरकार के साथ है। हुड्डा ने सीएम खट्टर से कहा कि आप जो प्रस्ताव लाए है, हम उससे सहमत है। अपने हक के लिए हमें कहीं भी जाना पड़े हम जाने के लिए तैयार है। पंजाब भाईयों से बरताव करें तो ठीक लेकिन बड़ा भाई बनकर हरियाणा के हक पर डाके न मारे जाए। हुड्डा ने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा का हिस्सा है और रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी हरियाणा के हितों को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।



विधानसभा के विशेष सत्र दौरान बोले अभय चौटाला, शाह कमीशन की रिपोर्ट पर राजनीति की गई
विशेष सत्र दौरान इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि हम शुरू से ही चंडीगढ़ के समर्थन में हैं। हरियाणा के हक पर राजनीति की गई है। उन्होंने कहा कि शाह कमीशन की रिपोर्ट पर राजनीति की गई है। कमेटी ने दोनों प्रदेश की सीमाएं तय की थी और चंडीगढ़ को दोनों प्रदेशों की राजधानी बनाया गया था। उन्होंने कहा कि एसवाईएल के लिए हमने लंबी लड़ाई लड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल निर्माण का आदेश दिया था और हरियाणा के हक में फैसला सुनाया था, लेकिन फिर भी हरियाणा को पानी नहीं मिला। चौधरी देवीलाल के समय एसवाईएल पर सबसे ज्यादा काम हुआ है। प्रदेश सरकार ने समय रहते कोशिश की होती तो आयोजन का निर्माण हो गया होता।

विधानसभा में बोले दुष्यंत चौटाला, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी पर हरियाणा का हक!
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वह पंजाब सरकार के प्रस्ताव का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में भी हरियाणा के हक को लेकर वह केंद्र सरकार से मांग करते है। इसके साथ ही केंद्र हरियाणा को नया हाईकोर्ट बनाने के लिए जमीन दे, नहीं तो हमें 50 प्रतिशत हिस्सा दे। चौटाला ने कहा कि पंजाब सरकार ने अपने विधानसभा में प्रस्ताव पास कर चंडीगढ़ पर अपना हक बताया है लेकिन हरियाणा इस बात का पूरी तरह विरोध करता है, क्योंकि चंडीगढ़ पर जितना पंजाब का हक है उतना ही हक हरियाणा का भी है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी में भी हरियाणा का हक था, लेकिन उसे समाप्त कर दिया गया। वह केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि पंजाब यूनिवर्सिटी में भी हरियाणा की हक को दिलवाया जाए।


निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधा    
निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि 2014 से 2017 तक केंद्र में भाजपा और पंजाब में अकाली व भाजपा गठबंधन की सरकार रही। इससे पहले कांग्रेस की दोनों जगह सरकार रही मगर इसके बावजूद भी इस मसले का हल नहीं हुआ। हरियाणा, पंजाब और केंद्र में समान विचारधारा की सरकार रही है। जब कांग्रेस और भाजपा सत्ता से बाहर रहती हैं तब चंडीगढ़, एसवाईएल और यूनिवर्सिटी का मसला उठता रहता है। सत्ता में आने के बाद ये मसले गौण हो जाते हैं। यह विचारणीय प्रश्न है। इसमें सिवाय राजनीति के और कुछ नहीं है।उन्‍होंने कहा कि जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के अलावा राजनीतिक दलों का रुख है और कुछ नहीं है। केंद्र सरकार से यह आग्रह किया जाए कि ऐसा प्रस्ताव आए कि जनता की भावनाएं बनी रहे। आरपार की लड़ाई की बात नहीं होनी चाहिए। इसे आपसी भाईचारे को बनाए रखते हुए काम करना चाहिए। संकल्प प्रस्ताव का समर्थन किया।

किरण चौधरी ने किया ससुर बंसीलाल के कार्यकाल का बखान
 किरण चौधरी अपने ससुर पूर्व सीएम बंसीलाल के कार्यकाल का बखान किया। किरण चौधरी ने कहा कि रातोंरात बंसीलाल ने पंचकूला से डेराबस्सी तक सड़क बनवाई। चौधरी बंसीलाल ने सीएम बनते ही दक्षिण हरियाणा को पानी देना है तो नहर बनानी होगी। एसवाईएल नहर बनवाने का मकसद भी यह था कि दक्षिण हरियाणा को पानी मिले। एसवाईएल नहर निर्माण समयबद्ध हो, यह भी संकल्प पत्र में जुड़ना चाहिए। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में हरियाणा और पंजाब की स्थायी सदस्यता खत्म किए जाने का भी विरोध किरण चौधरी ने किया।""

पंजाब के सीएम आदतन पियक्कड़
कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्‍नोई ने पंजाब के सीएम भगवंत मान पर अमर्यादित टिप्‍पणी भी कर दी और कहा कि पंजाब के सीएम आदतन पियक्कड़ हैं। इनकी बात पर ज्यादा ध्यान कोई नहीं देता। सदन में चंडीगढ़ और एसवाईएल मुद्दे पर पेश किए गए संकल्‍प प्रस्‍ताव पर चर्चा चल रही है।

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Content Writer

Isha