भाकियू ने तैयार की महाआंदोलन की रूपरेखा, करेगी दिल्ली का घेराव

punjabkesari.in Saturday, Dec 02, 2017 - 03:42 PM (IST)

कुरूक्षेत्र(रणदीप रोड): भारतीय किसान यूनियन अपनी मांगो को लेकर महाआंदोलन करने की तैयारी में है।  कुरुक्षेत्र में यूनियन की प्रदेश स्तरीय बैठक पीपली देवीलाल पार्क में हुई, जिसमें यूनियन ने महाआंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है, आंदोलन में दिल्ली को चारों ओर से घेरा जाएगा। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि, इस आंदोलन के लिए अन्ना हजारे की अगुवाई करने की अपील की गई। 23 फरवरी को होने वाले इस महा आंदोलन में देश के 65 संगठनों के हिस्सा लेने की बात कही।

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भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने यूनियन के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि, 23 फरवरी को होने वाले इस महा आंदोलन में देश के 65 संगठन हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन आर पार की लड़ाई के मूड में है इस दिन दिल्ली को चारों तरफ से घेरने का बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।

ट्रैक्टर-ट्रॉली से रास्ता करेंगे जाम
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि दिल्ली के आसपास प्रदेश के किसान ट्रैक्टर ट्राली से दिल्ली जाने वाले रास्तों को जाम किया जाएगा। इसके अलावा अन्य प्रदेशों के किसान अपने अपने प्रदेशों की राजधानियों में प्रदर्शन करेंगे और मध्य प्रदेश के किसान पैदल कूच कर दिल्ली पहुंचेंगे।

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अन्ना हजारे से आंदोलन की अगुवाई की अपील
गुरनाम सिंह का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन ने अन्ना हजारे से भी अपील की है कि वह इस आंदोलन की अगुवाई कर। गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती उनका आंदोलन जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन की मांग है कि इस तरह से बीजेपी अपने मैनिफेस्टो में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने की बात कह कर मुकर गई है।

किसानों को मिले लागत से 50प्रतिशत अधिक
किसान यूनियन का कहना है कि किसानों को लागत से 50 प्रतिशत अधिक दाम मिलना चाहिए।  भारतीय किसान यूनियन ने स्पष्ट किया कि हालांकि उनको अभी तक सरकार की तरफ से बातचीत का कोई न्योता नहीं आया है, लेकिन अगर 23 फरवरी से पहले न्योता आता है तो वह जरूर जाएंगे। उनकी कोर कमेटी के सात सदस्य हैं जो इस बात का फैसला लेंगे। यदि सरकार 23 फरवरी को ऐन मौके पर बातचीत के लिए बुलाती है तो वह हरगिज नहीं जाएंगे।

मैनिफेस्टों की आरटीआई की मांग
गुरनाम सिंह चढूनी ने खेद व्यक्त किया के राजनीतिक पार्टियां वोट लेने के लिए अपने मैनिफेस्टो में लुभावने वादे करते हैं और वोट लेने के बाद मुकर जाते हैं। लिहाजा उन्होंने फैसला लिया है कि वह सरकार से आरटीआई मांगेंगे के मेनिफेस्टो का क्या तात्पर्य है और इससे वायदे करके मुकरने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है।


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