Exclusive: भारती अरोड़ा ने अनिल विज को लिखी थी चिठ्ठी

11/22/2017 7:43:45 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरनी): मोती लाल नेहरू स्पोर्ट्स स्कूल को लेकर आरोपों में घिरी वित्त विभाग की टीम को बड़ी राहत दी है। मामले की जांच कर रही कैग ने आज सभी आरोपों को खारिज करते हुए वित्त विभाग को क्लीन चिट दे दी है। कैग ने पूर्ण जांच के बाद स्कूल के प्रबंधकों व अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की अनिमितता नही पाई है। पंजाब केसरी के सूत्रों के अनुसार   स्पोर्ट्स स्कूल की निदेशक प्राचार्य आईपीएस भारती अरोड़ा ने 1 वर्ष की चाइल्ड केयर लीव पर जाने से पहले हरियाणा के स्वास्थ्य व खेल मंत्री अनिल विज को पत्र लिख कैग से मिली क्लीन चिट की आरटीआई से प्राप्त जानकारी भी भेजी है।
 

राई स्पोर्ट्स स्कूल विवाद में दो मंत्रियों के आमने-सामने होने के कारण यह मामला काफी सुर्खियों में रहा है। मुख्यमंत्री ने स्कूल के मामले की जांच कैग को तब दी थी जब गत कांग्रेस सरकार में हुई अनियमित्तयों कि जांच कर भारती अरोड़ा ने स्कूल के एक कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया था, इस विवाद के बढऩे पर कांग्रेस के विधायक राई जय तीर्थ दहिया ने उस बर्खास्त कर्मचारी के पक्ष में मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद हरियाणा के वित्त मंत्रालय ने एक टीम गठित करवा कर स्कूल का वितीय मामलो का 8-9 साल का रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिए तब खेल विभाग या खेल मंत्री को कोई सूचना वित्त विभाग ने नहीं दी थी तथा भारती अरोड़ा के खिलाफ मोर्चाबन्दी कर आरोप प्रत्यारोप लगाए थे ।

इसी बीच वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के अधीन वित्त विभाग के अधिकारियों ने खेल विद्यालय का पूरा रिकार्ड उठाकर ले गए जिसमें स्कूल पर अनेक अनियमिता होने का आरोप लगाए गए थे। खेल विभाग की अनुमति के बिना रिकार्ड उठाने को गंभीरता से लेते हुए खेल मंत्री ने वित्त विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश कर दिये थे। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच मुख्य सचिव को तथा महालेखागार हरियाणा को सौंप दी थी। 

कैग की रिपोर्ट में मिली क्लीन चिट से वित्त मंत्रालय की टीम द्वारा द्वारा मोती लाल नेहरू स्पोट्र्स स्कूल राई के खिलाफ की गई कार्यवाही की हवा निकल गयी है। महालेखाकार ने खेल स्कूल राई के पूरे रिकार्ड की जांच की, जिसकी रिपोर्ट आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी। इस पर महालेखाकार, हरियाणा ने स्कूल को क्लीन चिट देते हुए रिपोर्ट दी, जिसमें किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार, गबन, धोखाधड़ी, गंभीर तथा किसी भी प्रकार की अनियमिताएं नही हुई। इससे वितमंत्री व उनकी टीम को गहरा आघात लगा है और देखना यह है कि खेल मंत्री द्वारा पहले की सिफारिश पर मामला दर्ज होता है या नही। इसके अलावा वित्त विभाग की टीम पर गलत जांच करने का भी मामला दर्ज किया जा सकता है, जिसपर खेल विभाग तथा मंत्री को निर्णय लेना है।