टमाटर, आलू, गोभी व प्याज की दरें निर्धारित, कम मूल्य पर बिके तो सरकार करेगी भरपाई

12/31/2017 2:20:10 PM

करनाल(विकास): हरियाणा के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए व फसलों की विविधिकरण पर बल देते हुए प्रदेश सरकार ने देश में सर्वप्रथम भावांतर भरपाई योजना की शुरूआत की है। इसमें टमाटर, प्याज, आलू व गोभी शामिल हैं। योजना की शुरूआत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीते दिन करनाल के गांगर गांव से की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने भावांतर भरपाई ई-पोर्टल व क्रोप कलसटर डिवैल्पमैंट कार्यक्रम के अंतर्गत टमाटर उत्पादक किसान का रजिस्ट्रेशन भी किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 फसलों टमाटर व आलू के लिए 400 रुपए प्रति क्विंटल और गोभी व प्याज के लिए 500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भरपाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना के तहत इन मूल्य से कम मूल्य होने पर आने वाले अंतर की भरपाई करेगी। सरकार किसानों के उत्पाद की सुरक्षा के लिए कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधा देने पर भी विचार कर रही है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि भावांतर भरपाई योजना की शुरूआत के बाद अब हरियाणा के किसी भी किसान की सब्जी सड़क पर फैंकने नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान गांव गांगर के किसान ओरंग पाल का पंजीकरण भी ऑनलाइन किया। 

ऐसे मिलेगा सब्जियों पर मुआवजा
धनखड़ ने बताया कि किसान को अपनी फसल के पैदावार के समय में इसे भावांतर भरपाई वैबसाइट पर या हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के कार्यालय में जाकर अपना पंजीकरण करवाना होगा, कि वह अपने खेत में यह फसल पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाव के लिए किसान को जे-फार्म भी कटवाना होगा, यदि भाव अधिक है तो भी उसे मंडी के अधिकारी से जे-फार्म चढ़वाना होगा अन्यथा किसान को अगले वर्ष पंजीकृत नहीं किया जाएगा।

श्रमिकों को निपुण बनाने के लिए खोलेंगे एकैडमी
सी.एम. ने कहा कि हरियाणा में श्रमिकों को कार्य में निपुण बनाने के उद्देश्य से सरकार जल्द ही प्रदेश में भवन निर्माण से जुड़े श्रमिकों के लिए एक एकैडमी खोली जाएगी ताकि कम पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा राजमिस्त्री, कारपैंटर, पलम्बर, पेंटर, इलैक्ट्रीशियन इत्यादि कार्यों में निपुण होकर अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकें।

टिंडा बेचकर सी.एम. ने खरीदी थी पहली हाथ घड़ी
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचकर अपना जीवनयापन किया, वहीं प्रदेश के सी.एम. मनोहर लाल खट्टर भी बचपन में मंडी में सब्जी बेचते थे। उन्होंने अपने लिए पहली हाथ घड़ी टिंडा बेचकर खरीदी थी। इसका खुलासा उन्होंने करनाल के गांगर गांव में भावांतर भरपाई योजना का शुभारंभ करने के बाद किसानों को सम्बोधित करते हुए किया।