वन रैंक वन पेंशन रामकिशन सुसाइड मामला- अपने वायदे से भूली सरकार

1/18/2017 3:47:36 PM

भिवानी (अशोक भारद्वाज): गत 1 नवंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर भिवानी के पूर्व सैनिक रामकिशन ने वन रैंक वन पेंशन मामले पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। रामकिशन के अतिंम संस्कार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एंव राहुल गांधी के अलावा कई बड़े नेता पहुंचे थे। परिवार को सत्वनां देते हुए बड़ी बडी घोषणाएं भी की गई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गांव बामला में मीडिया के सामने पीड़ित परिवार को एक करोड़ की राशि सहायता स्वरूप एंव परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी एंव शहीद का दर्जा देने की घोषणा की थी। लेकिन अढाई माह बीतने के बाद परिवार की किसी ने भी सुध नहीं ली है। न ही आज तक कोई सरकारी कागजी कार्रवाई अमल में लाई गई है। पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के परिवार को आज भी उम्मीद है कि उनको एक करोड़ रूपये की राशि व सरकारी नौकरी जरूर मिलेगी। बलविन्द्र सिंह एंव किताब कौर ने बताया कि वो एक बार अरविन्द केजरीवाल से मिल चुके हैं। उन्होनें आश्वासन दिया है कि एक करोड़ की राशि उन्हें जरूर दी जाएगी। अजीत बामला ने बताया कि दिल्ली के मुंख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा मात्र घोषणा ही बन कर रह गई है अभी तक कोई सरकारी कागज भी परिवार को नहीं मिला है। मात्र राजनीति की गई है। इसमें गांव के मान सम्मान को भी ठेस पहुंची है अगर राशि नहीं देनी थी तो घोषणा नहीं करनी चाहिए थी।

 


वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से भी पीड़ित परिवार को 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता व उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी व गांव में उनके नाम से पंचायत से रिजुलेशन मिलने के बाद गांव के स्कूल का नामकरण रामकिशन के नाम से करने की घोषणा की गई थी। 

जानिए पूरा मामला

पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन की सिफारिशों में कथित अनियमितताओं को लेकर राजधानी स्थित जंतर-मंतर पर कुछ साथियों के साथ प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल ने नंवबर 2016 को सूइसाइड कर लिया था। वह हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले थे। वह सेना से सूबेदार पद से रिटायर्ड हुए थे। राम किशन के बेटे ने बताया, 'उन्होंने हमें फोन किया और बताया कि वह सूइसाइड कर रहे हैं क्योंकि सरकार वन रैंक वन पेंशन पर उनकी मांगों को पूरा करने में नाकाम रही।' उधर, दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने राम किशन की आत्महत्या को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था।

 
इस मामले में दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल भी कूद पड़े थे। वह राम किशन के परिवारवालों से मिले। केजरीवाल ने राम किशन की मौत पर दुख जताते हुए वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की थी। केजरीवाल ने देशवासियों से अपील की थी कि वे पूर्व सैनिकों के अधिकारों के लिए लड़ें। उन्होंने पूर्व सैनिक के परिवार वालों को सांत्वना देने के साथ उन्हें 1 करोड़ रुपए की अार्थिक मद्द दिल्ली सरकार की ओर से देने का बायदा भी किया था।

क्या हैं पूर्व सैनिकों की मांगें
हाल ही में वन रैंक वन पेंशन में विसंगतियों की शिकायतों पर सुनवाई के लिए बनी जुडिशल कमिटी ने अपनी रिपोर्ट रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को सौंपी थी। पूर्व सैनिकों के मुताबिक, पहली शिकायत कट ऑफ ईयर पर है। अधिकतम पेंशन के लिए 33 साल की नौकरी की शर्त 1.1.2006 के पहले के सिविल पेंशनरों के लिए हटा दी गई है। इसे पूर्व फौजियों के लिए भी लागू करने की मांग हो रही है। कुछ और मांगें हैं – जैसे पेंशन को नए सिरे से तय करने का काम हर 5 साल की जगह हर साल हो। इसके लिए बेस ईयर 2014 की जगह 2013 हो। उस साल जिस माह में अधिकतम वेतन हो, उस पर री-फिक्सेशन हो। विसंगतियों को दूर करने में समय लगते देख पूर्व सैनिकों ने दोबारा आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया था। कुछ लोगों ने इसके लिए राजनीतिक लड़ाई लड़ने का भी फैसला लिया है। फौजी जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर पंजाब और उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों के जरिये चुनाव लड़ने का फैसला किया है।