कई गांवों में हुई भयंकर ओलावृष्टि, बर्बादी देखकर भावुक हुए किसान

1/26/2017 3:46:31 PM

भिवानी (अशोक भारद्वाज):पूरा देश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की खुशियां मना रहा था, लेकिन इसके उल्ट भिवानी का अन्नदाता सुबह-सुबह हुई ओलावृष्टि से बर्बाद हुई अपनी फसलें देख कर रो रहा था। ओलावृष्टि इतनी भयंकर थी कि सरसों की पक्की-पकाई फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। गेहूं की फसल भी ओओलावृष्टि से खत्म होने के कगार पर है। 

बता दें कि गणतंत्र दिवस की सुबह जिला के धनाना, तालू, मुंढाल, सिवाङा व पुर गांव में भयंकर ओलावृष्टि हुई। किसानों की दिन रात की मेहनत एक मिनट में तबाह हो गई। सबसे अधिक बर्बादी सरसों की फसलों में हुई है। सरसों की पूरी फसल किसान बेचता है और उससे अपने परिवार का भरण-पोषण तथा अगली फसल का खर्च चलाता है। लेकिन अचानक पक्की-पकाई फसल बर्बाद होने के बाद किसान ठिक से बोल भी नहीं पा रहे हैं। बर्बादी बताते बताते अब किसान का गला भर आता है। बर्बाद हुए इन गरीब किसानों को अब केवल सरकार से उम्मीद है कि वो मुआवजा देकर उनके नुकसान की भरपाई करे।

किसानों का कहना है कि इस बार बारीश नहीं हुई। ना ही नहरों में प्रयाप्त पानी आता। ऐसे में जैसे-तैसे टयूबलों द्वारा हजारों रुपये खर्च कर उन्होंने अपनी सरसों व गेहूं की फसल को पाला था। अब फसल जब पक्क कर तैयार हुई तो अचानक हुई ओलावृष्टि ने उनकी फसलों की नहीं बल्कि उन्हे बर्बाद कर दिया। किसानों ने सरकार से तुरंत मुआवजा देने की मांग की है।

अब देखना होगा कि दिन-रात बिना गर्मी-शर्दी की परवाह किए देश की जनता का पेट भरने वाले अन्नदाता को किसान हितेषी होने का दावा करने वाली सरकार कोई मद्द देती है या फिर उसे भगवान भरोसे छोड़ती है।