पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप निराधार, असफल कैंडीडेट, कोचिंग सेंटर फैला रहे अफवाहें: भोपाल

10/23/2021 5:58:51 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा पुलिस विभाग के विभिन्न पदों के लिए करवाई गई परीक्षाएं  सवालों के घेरे में हैं। परीक्षाओं में धांधली के आरोप विपक्ष और कैंडीडेट्स लगातार लगा रहे हैं। आज पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान इन सभी सवालों पर कमीशन के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी ने क्लेरिफिकेशन देते हुए विराम लगाया है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा प्रयोग किया गया नॉर्मलाइजेशन शब्द के बारे में भी उन्होंने कलियर करने के साथ-साथ डिफाइंड सिलेबस, कॉमन एंट्रेंस टेस्ट और मार्च 2022 तक होने वाली भर्तियों को लेकर विस्तार से चर्चा की। बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-

प्रश्न:- कुछ एग्जाम को लेकर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पर उंगली उठ रही हैं। ऐसा क्यों और इसमें कितनी सच्चाई है ?
उत्तर:- पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर मेल और फीमेल सब इंस्पेक्टर के लिए हुई परीक्षाओं में धांधली की अफवाहें उड़ रही हैं। यह आरोप लगाया जा रहा है कि एचएसएससी बोर्ड की तरफ से गड़बड़ की गई है। 26 सितंबर को मेल कांस्टेबल का पेपर हुआ जिसमें गलती से गुड़गांव के तीन सेंटर्स पर कोई दूसरा सेट खुल गया। इसमें हमने सभी बच्चों को पंचकूला में आकर अक्टूबर माह में दोबारा पेपर देने का ऑफर किया जिसमें कुल 580 बच्चे बुलाए गए थे। लेकिन 350 बच्चे ही परीक्षा में बैठे, बाकि बच्चों ने पिछले पेपर पर ही सहमति दे दी। इसी बात को लेकर अफवाह उड़ी कि एचएसएससी ने सिर्फ सिफारिशी और अपने चहेतों को 13 तारीख के पेपर में बैठाया है जिसमें से डेढ़ सौ बच्चे पास हो गए हैं। लेकिन इंटरनल रिजल्ट के अनुसार केवल 10 ही बच्चे 60 से अधिक अंक ले पाए हैं। यह अफवाह कुछ असफल रहे कैंडीडेट्स, कोचिंग सेंटरस या यूट्यूबरों द्वारा ज्यादा लाइक लेने के चक्कर में फैलाई गई। 

26 तारीख को पूरे हरियाणा में होने वाले पेपर में 750 से अधिक बच्चों ने 60 से अधिक अंक लिए। दोनों ही दिन ली गई परीक्षाओं में अनुपात लगभग बराबर है। इसलिए यह आरोप बिल्कुल निराधार और गलत हैं। असफल कैंडिडेट्स पेपर को रद्द करवाने के लिए इस प्रकार के आरोप लगा रहे हैं। ताकि पेपर दोबारा करवाए जा सके।

प्रश्न:- आपके द्वारा हमेशा पारदर्शिता का एक बड़ा उदाहरण पेश किया गया। फिर ऐसे आरोप क्यों ?
उत्तर:- पारदर्शिता और योग्यता के संकल्प को हम पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभा रहे हैं। इस पेपर के रिजल्ट के बाद यह क्लियर हो जाएगा कि यह पेपर पारदर्शिता से हुआ या गड़बड़ी से। जो कैंडिडेट इसमें चुने जाएंगे उनसे पूछना कि वह सिफारशी हैं या नहीं। इसके साथ साथ एक और धारणा बनाई जा रही है कि बच्चों के ऑब्जेक्शन के बिना ही रिजल्ट निकाल दिया गया। बच्चों के ऑब्जेक्शन को कंसीडर नहीं किया गया। मैं यह बात साफ कर देना चाहता हूं कि 26 सितंबर वाले पेपर में 7 ऑब्जेक्शनों को हमने माना है। उदाहरण के तौर पर अनिल विज और मेरे से संबंधित प्रश्नों के नंबर हमने सभी कैंडिडेट्स को दिए हैं। 

13 अक्टूबर के पेपर में भी हमने तीन ऑब्जेक्शन को माना है। हमने ऑब्जेक्शन मानने के बाद आंसर की को रिवाइज करने के बाद पीएसटी और पीएमटी के लिए रिजल्ट दिया है। हम पेपर को सार्वजनिक इसलिए नहीं करते ताकि जो बच्चा आधे या एक नंबर से रहा होगा वह कोर्ट में खड़ा ना हो। क्योंकि कोर्ट के फैसले में लंबा समय लगेगा और हम रिजल्ट को उस समय तक लेट नहीं करना चाहते।

प्रश्न:- प्रश्नपत्र बनाते वक्त व्यक्तिगत सवालों को आखिर अहमियत क्यों दी जाती है ?
उत्तर:- यह कई बार एग्जामिनर से गलती हो जाती है। उसने अपनी गलती भी मानी है। हमने उस एग्जामिनर को ब्लैक लिस्ट भी किया है। क्योंकि व्यक्तिगत, जाति या धर्म से संबंधित प्रश्न न होना भी हमारे एग्रीमेंट में शामिल था। जिस प्रश्न से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे, लेकिन यह गलती उनके द्वारा की गई है। हमने इस गलती को दुरुस्त भी किया है। क्योंकि हम प्रूफ रीडिंग नहीं करते, इसलिए हमें नहीं पता चलता कि एग्जाम में क्या आएगा। फिर भी हमने अब एक एक्सपर्ट्स की टीम बनाई है। जो प्रश्न पत्र तो नहीं देखेंगे, लेकिन जहां से प्रश्न उठाए जाएंगे उस प्रश्न बैंक को जरूर देखेंगे। अगर उसमें 50 हजार भी प्रश्न होंगे तो भी उन्हें अच्छी तरह से रीड किया जाएगा। इनमें से जो भी कोई प्रश्न आपत्तिजनक होगा उसे हटाने के लिए बोला जाएगा।

प्रश्न:- सब इंस्पेक्टर के कितने पदों के लिए परीक्षाएं होनी थी और कितने कैंडिडेट ने परीक्षाएं दी ?
उत्तर:- एलमेल सब-इंस्पेक्टरों के 400 पदों के लिए 1 लाख 58 हजार कैंडीडेट्स ने अप्लाई किया था। जिनमें से एक लाख सात हजार ने परीक्षा दी। 65 फीमेल सब इंस्पेक्टर के लिए 56000 बेटियों ने अप्लाई किया था। जिसमें से 42000 ने परीक्षा दी है।

प्रश्न:- एचएसआईडीसी के सहायक प्रबंधक, नायब तहसीलदार, कानूनगो की परीक्षाएं कब तक होंगी ? लंबे समय से विज्ञापन जारी हुए हैं।
उत्तर:- हमारे आयोग बनने के बाद से हम लगभग 65 कैटेगरी के एग्जाम ले चुके हैं। हम कोई भी छुट्टी वाला दिन चाहे शनिवार या रविवार भी हो हम परीक्षाएं लेते रहे हैं। अब भी हमारा 14 नवंबर को एग्जाम है। फिर 17-18 और 19 दिसंबर को एग्जाम है। हम सिर्फ उस दिन को टालते हैं जिस दिन एचपीएससी, यूपीएससी या एसएससी के साथ कोई डेट्स में क्लैश हो। 13 तारीख को जुडिशरी के पेपर के कारण हमने एग्जाम टाले हैं। हमने 31 दिसंबर तक सारा शेड्यूल बना लिया है। इन सभी उक्त विज्ञापित पदों के लिए हम जनवरी-फरवरी में परीक्षाएं शुरू कर देंगे। फरवरी अंत तक इन सभी पदों के लिए हम परीक्षाएं ले चुके होंगे।

प्रश्न:- 31 मार्च 2022 तक कितनी भर्तियों की संभावनाएं हैं ?
उत्तर:- अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, कोई केस कोर्ट में नहीं गया या कोई बड़ा कारण नहीं रहा, तो हमारा टारगेट 25000 पदों को 31 मार्च तक भरने का है।

प्रश्न:- मुख्यमंत्री द्वारा नॉर्मलाइजेशन शब्द के प्रयोग का अर्थ समझाएं ?
उत्तर:- नॉर्मलाइजेशन एक फॉर्मूला है, जो सॉफ्टवेयर में फिट होता है। उससे प्रतिशत निकाली जाती है। यह अफवाह उड़ रही है कि इससे बच्चों के नंबर कम कर दिए गए। मैं क्लियर करना चाहता हूं कि नॉर्मलाइजेशन में बच्चों को फायदा तो जरूर हो सकता है, लेकिन किसी को नुकसान नहीं हो सकता।

प्रश्न:- डिफाइंड सिलेबस की मांग लगातार उठ रही है। इस बारे में आप क्या सोचते हैं ?
उत्तर:- यह कैंडीडेट्स और जनता की बड़ी मांग है। कई बार बच्चों के मैंने कमेंट पढ़े एचएसएससी में अनपढ़ लोग लगे हुए हैं। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि हम उस विभाग के क्राइटेरिया क्वालिफिकेशन को फॉलो करते हैं, जिसके पदों की भर्ती होती है। हरियाणा में सभी विभागों के सिलेबस में अंतर है। पुलिस, बिजली विभाग, शिक्षा विभाग इत्यादि सभी विभागों के रूल्स अलग-अलग हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने चीफ सेक्रेटरी को एक पत्र भी लिखा है कि हरियाणा के सभी विभागों, कॉरपोरेशन, कमिशन को लेटर लिखें कि सभी अपनी सर्विस रूल्स में बदलाव करें और कम से कम 75 फ़ीसदी सिलेबस सभी विभागों का एक जैसा करें। बाकि 25 फ़ीसदी सिलेबस अपने विभाग के अनुसार करें।

प्रश्न:- हिमाचल-राजस्थान जैसे प्रदेशों में अपने प्रदेश से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, जबकि हरियाणा में ऐसा नहीं होता। इस पर अपने विचार बताएं ?
उत्तर:- यह सिर्फ पुलिस की रिक्रूटमेंट में लागू नहीं है कि हरियाणा के 25 फीसदी प्रश्न पूछे जाएं। बाकि सभी परीक्षाओं में हरियाणा से संबंधित 25 प्रश्न या 25 फीसदी प्रश्न पूछे जाते हैं।

प्रश्न:- कॉमन एंट्रेंस टेस्ट का एमओयू साइन हुआ है या नहीं ?
उत्तर:- इस हफ्ते में हमारा एनटीए के साथ एमओयू हो जाएगा। हम उनको वर्क ऑर्डर भी दे देंगे। इसके बाद एनटीए ही हमें बताएगा की परीक्षाएं कब करवाने जा रहे हैं। इसी हफ्ते यह एग्रीमेंट संभव है।

 

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Content Writer

vinod kumar