मानेसर जमीन घोटाले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने चहेतों को बांटी जमीन

2/19/2018 4:11:44 PM

रोहतक(ब्यूरो): पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मानेसर लैंड डील घोटाले में अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया है। यह आरोप सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में हुड्डा पर लगाए हैं।

चार्जशीट के पहले पन्ने पर ही सीबीआई ने जिक्र किया है कि 2004 के बाद से भूमि अधिग्रहण के लिए उद्योग विभाग से कोई सिफारिश नहीं हुई थी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मानेसर भूमि के अधिग्रहण के लिए आदेश दिए, जबकि उद्योग विभाग या हरियाणा राज्य औद्योगिक और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचएसआईआईडीसी) ने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की थी।

2004 में औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी), मानेसर में आवासीय और मनोरंजक उपयोगिताओं को बनाने के लिए हरियाणा राज्य औद्योगिक और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचएसआईआईडीसी) के लिए इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट द्वारा अधिग्रहित 600 एकड़ जमीन को 2007 में अधिग्रहण दिया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री और उसके सहयोगियों ने रियल स्टेट बिल्डरों को मदद पहुंचाने के लिए अधिग्रहण करवाया। बिल्डरों ने किसानों को अधिग्रहण की धमकी देकर अस्थाई कीमतों पर जमीन बेचने को कहा था।

चार्जशीट में सीबीआई ने कहा कि यह फाइल राज्य सरकार को दिल्ली के निवासी नवीन राव के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने के लिए पेश की गई थी। अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद जमीन खरीदी वाले नवीन राव ने जनवरी 2007 में 12.50 एकड़ के ग्रांट लाइसेंस के लिए शहर और देश की योजना के निदेशक को आवेदन किया था। राव, एंजेलिक इंटरनेशनल लिमिटेड और भूमि के मालिक लक्ष्मी नारायण, सतबीर सिंह, रंबिर सिंह, हुकम चंद ने 12 जून, 2007 को आयुक्त (उद्योग) से अधिग्रहण प्रक्रिया से लगभग 68 एकड़ जमीन की रिहाई के लिए अनुरोध किया।