हुड्डा की CM खट्टर को चुनौती, 1000 दिन के कामों पर आमने-सामने करें खुली बहस

7/27/2017 9:49:30 AM

चंडीगढ़(बंसल):पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को 1000 दिन के कामों पर आमने-सामने खुली बहस की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि भाषण ही भाजपा सरकार का शासन है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने एक भी नया काम नहीं किया, बल्कि उनके कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए कामों का केवल फीता काटा है। हुड्डा अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 6 लाख करोड़ रुपए के निवेश की बात करते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर बताएं कि यह निवेश कहां हुआ है। 53 हजार नौकरियां देने की बात करते है जबकि उनके कार्यकाल में लगे 50 हजार लोगों का रोजगार छीन लिया। 

हुड्डा ने कहा कि 2005 में जब हमने सत्ता संभाली थी, तब 37 हजार रुपए वार्षिक प्रति व्यक्ति आय थी। 2014 में 1 लाख 48 हजार रुपए तक प्रति व्यक्ति आय पहुंची। मनोहर सरकार में यह घटकर 1 लाख 35 हजार पर रह गई, जो अभी तक 1 लाख 48 हजार भी नहीं कर पाए।  उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर से एक क्लिक पर 40 हजार तबादले करने का श्रेय लूट रहे मुख्यमंत्री को मालूम होना चाहिए कि कम्प्यूटर में तबादले वाले शिक्षक का नाम चढ़ाने के लिए भी हजारों रुपए लिए गए हैं। मत्स्य पालन और हारट्रोन में नौकरियों में भ्रष्टाचार की पोल खुल चुकी। धरातल पर भ्रष्टाचार कम होने की बजाय बढ़ा है।

पिछली सरकार के गड्ढे भरने से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि इन्हें नहरें भी गड्ढे दिखाई देते हैं। इसलिए दादूपुर नलवी नहर को गड्ढा मानकर भरने में लगे हुए हैं। हुड्डा ने कहा कि एस.वाई.एल. मामले में भाजपा सरकार कोरा झूठ बोल रही है कि जल्दी सुनवाई की अर्जी डाली जबकि यह अर्जी उनके कार्यकाल के दौरान डाली गई थी।  यह पूछने पर कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोहतक दौर का कोई राजनीतिक अर्थ तो नहीं तो उन्होंने कहा कि भाजपा सहित अधिकांश राजनीतिक पाॢटयों के प्रदेश कार्यालय वहां पर हैं। कांग्रेस की सदस्यता सूचियों के विवाद पर हुड्डा ने कहा कि कार्यकर्त्ताओं को सूचियां नहीं दिखाई जा रही, जिससे यही लगता है सूचियों में गड़बड़ है। 

प्रकाश सिंह रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से घबरा रही सरकार 
हुड्डा ने कहा कि पूर्व डी.जी.पी. प्रकाश सिंह की रिपोर्ट में सरकार की पोल खुल चुकी है। आंदोलन को उकसाने वाली भाजपा सरकार अब इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से घबरा रही है। उन्होंने हरियाणा में पुलिस फायरिंग से हुई 22 मौतों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में 16 लोग मारे गए और हरियाणा में 22 लोग पुलिस की गोली का शिकार हो चुके हैं। यह देश भर में प्रदेश के लिए शर्मनाक है।