लोकायुक्त जांच में बड़ा खुलासा- 16 साल पुराने केस की फाइल पुलिस रिकार्ड से हुई गुम

6/30/2021 12:01:06 AM

पानीपत (सचिन शर्मा): 16 वर्ष पूर्व पानीपत में 6 घंटे तक जीटी रोड जाम करने के नामजद आरोपी उद्योगपतियों को पुलिस द्वारा क्लीन चिट देते हुए केस बंद करने के विरुद्ध शिकायत लोकायुक्त कोर्ट पहुंची तो जांच में चौकाने वाला खुलासा हुआ कि इस केस का पुलिस रिकार्ड ही गुम हो गया है। लोकायुक्त इस केस की आगामी सुनवाई 6 जुलाई को करेंगे।

दरअसल, 16 साल पहले पूर्व मज़दूर संगठन इंडियन फैडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (इफ़टू) नेता कॉमरेड पीपी कपूर के नेतृत्व में पानीपत के टेक्सटाइल मजदूरों का बहुत बड़ा आंदोलन चल रहा था, जिससे टेक्सटाइल उद्योग के सभी उद्यमी परेशान थे। इसी दौरान 12 नवम्बर 2005 को बरसत रोड पर एक फैक्ट्री में मालिक व मजदूरों के बीच मारपीट हुई थी। शहर के सभी उद्यमियों ने बरसत रोड के सामने जीटी रोड पर इफ्टू नेता कॉमरेड पीपी कपूर की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 6 घंटे तक जाम लगा दिया।  जाम खुलवाने के लिए तत्कालीन एसडीएम आरके सिंह, डीसी धर्मपाल नागल व एसपी रघबीर सिंह की उद्यमियों ने एक नहीं सुनी । 

जाम के दबाव में कॉमरेड पीपी कपूर के खिलाफ लूटपाट, हत्या का प्रयास आदि के जुर्म में एफआईआर नम्बर 607 दर्ज होने पर ही उद्यमियों ने जाम खोला। दूसरी ओर सिटी पुलिस स्टेशन के तत्कालीन थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह की शिकायत पर जाम लगाने वाले उद्योगपतियों कुलदीप, भूषण, सुनील चोपड़ा व विकास आदि के खिलाफ 13 नवम्बर 2005 को नामजद एफआईआर नम्बर 611 दर्ज हुई। मामले में जिला अदालत ने कॉमरेड पीपी कपूर को हत्या के प्रयास के जुर्म में सजा सुना दी व उन्हें करीब सवा दो साल तक उन्हें जेल में रहना पड़ा।

वहीं दूसरी ओर 6 घंटे तक जीटी रोड जाम करने के नामजद आरोपी उद्योगपतियों को पुलिस ने वर्ष 2007 में क्लीन चिट देते हुए अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दे दी। इसके खिलाफ 17 अगस्त 2017 को कॉमरेड पीपी कपूर ने लोकायुक्त को तथ्यों, सबूतों व मौके की फोटो न्यूज क्लिपिंग व बिंदुवार आरोपों सहित शिकायत भेज कर उद्योगपतियों व पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाया।

आरोप लगाया कि उद्यमियों ने दबाव बना कर उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा कर उन्हें तो सजा करवा दी, जबकिं पुलिस ने 6 घण्टे तक जीटी रोड जाम करने वाले उद्योगपतियों को क्लीन चिट दे दी। कपूर ने जीटी रोड जाम के सभी नामजद व अन्य उद्यमियों व इन्हें क्लीन चिट देने वाले पुलिस अफसरों को गिरफ्तार करने की मांग लोकायुक्त से की है।

लोकायुक्त जांच में हुआ खुलासा
लोकायुक्त के आदेश पर एसपी पानीपत द्वारा मामले की जांच कराई गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि रोड जाम के केस को बंद करने की क्लोजर रिपोर्ट अदालत में जमा कराने की पूरी फाइल गुम है। एसपी द्वारा अपने पत्र दिनांक 18 अगस्त 2020 के तहत लोकायुक्त को भेजी जांच रिपोर्ट में बताया कि जिला पुलिस ने अदालत से क्लोजर रिपोर्ट की नकल कॉपी लेने के लिए लिखित आवेदन भी किया तो अदालत ने सूचित किया कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। एसपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पुलिस रिकॉर्ड से इस केस की क्लोजर रिपोर्ट गुम होने के दोषी हैड कॉन्स्टेबल राजबीर सिंह की साल 2019 में मृत्यु हो चुकी है।

 

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Content Writer

Shivam