बैंक कर्मचारी बन लोगों के खातों को करते थे खाली, पुलिस ने बड़े गिरोह का किया भंडाफोड़

4/12/2021 9:48:24 AM

रोहतक (दीपक): बैंक कर्मचारी बन भोले भाले लोगों को ठगने वाले बड़े गिरोह का साइबर सेल ने भंडाफोड़ किया है। ये आरोपी कॉल सेंटर में काम करते थे और दूसरे साइबर ठगों को डेटा चुराकर देते थे, जिसके बदले में इन्हें मोटा कमीशन मिलता था। पुलिस के अनुसार ठगों के तार पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और अन्य कई राज्यों में है। पुलिस ने दो आरोपियों को रिमांड पर लिया है। ताकि पूछताछ की जा सके। इसके साथ ही पुलिस ने ओएलएक्स पर फौजी की फर्जी आईडी बना लोगों को ठगने वाले एक ओर आरोपी को गिरफ्तार किया है।

फर्जी बैंक कर्मचारी बन लोगो से खातों ओर ओटीपी की जानकारी लेकर खाता ही साफ करने वाले ठगों के एक गिरोह का रोहतक साइबर सेल ने फंडाफोड़ किया है। साइबर सेल ने अलग-अलग मामलों में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, महम थाने में 13 मार्च को सोनू नाम के व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि एक फर्जी कॉल आने के बाद ओटीपी पूछा गया और उनके खाते से 200000 साफ हो गए, जिसके आधार पर मामला साइबर सेल रोहतक में आया। 

इसके बाद पुलिस ने जांच की और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी कॉल सेंटर में काम करते थे और जरूरी डाटा चुरा कर और फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों के पास फोन करते थे, जिसके बाद उनसे बैंक की जानकारी लेते थे। वहीं दूसरी और ओएलएक्स पर फौजी की फर्जी आईडी बनाकर लोगों को ठगने का एक और मामले का खुलासा साइबर सेल ने किया है।



रोहतक जिले के भालौठ गांव के विजय ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि एक व्यक्ति ने अपने आप को फौजी बता अपनी अल्टो के-10 कार सेल करने की बात कहकर 115000 रुपये ठग लिए, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी की शिकायत पर मामला दर्ज कर फरीदाबाद के रहने वाले वसीम खान नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है।

साइबर सेल के एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि यह लोग कॉल सेंटर में काम करते हैं तथा इनके संपर्क दूसरे राज्यों में बैठे कई और ठगों से है। उन्होंने कहा कि यह लोग जरूरी डाटा चुरा कर उन लोगों को देते हैं जिसकी एवज में इन्हें मोटा कमीशन मिलता है। उसके बाद दूसरे राज्यों में बैठे भोले भाले लोगों के पास फोन करते हैं और उनके बैंक की जानकारी चुराकर उनके खातों को साफ कर देते हैं।

कुलदीप सिंह ने बताया कि ऐसा ही एक मामला और पकड़ा है, जिसमें एक युवक ओएलएक्स पर फौजी की फर्जी आईडी बनाकर लोगों को ठगने का काम करता है। एसएचओ ने कहा कि सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड की मांग की थी लेकिन दो आरोपियों जो मामले में मुख्य रूप से शामिल है उनका रिमांड हासिल किया गया है। ताकि और लोगों तक पहुंचा जा सके। पुलिस ने बताया कि इन ठगों के तार पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और कई अन्य राज्यों में हो सकते हैं, इसलिए उनसे गहनता से पूछताछ की जा रही। एसएचओ कुलदीप सिंह ने लोगों से अपील की कि कोई भी व्यक्ति अपनी निजी जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें।
 

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Content Writer

vinod kumar