हरियाणा: प्राईवेट सेक्टर में 75% आरक्षण देने के पीछे क्या है बड़ा कारण? जानिए सरकार का तर्क

11/6/2020 7:37:08 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार ने वीरवार को विधानसभा सत्र में एक खास तरह का बिल पेश किया, जिसमें प्राईवेट इंडस्ट्री, कंपनियों इत्यादि में स्थानीय उम्मीदवारों को वरीयता एवं 75 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। हालांकि इस बिल को विधानसभा सत्र में सर्वसहमति से पास कर दिया गया है, लेकिन इस कानून को लाने के लिए हरियाणा सरकार ने जो तर्क दिया, वह बड़ा दिलचस्प है।

सदन में सरकार की ओर से बताया गया कि प्रवासी श्रमिकों की एक बड़ी संख्या विशेषत: कम वेतन पर कार्यरत रोजगारों के लिए प्रतिस्पर्धावश स्थानीय आधारिक संरचना, मूलभूत ढांचे व आवास सम्बन्धी सुविधाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है और मलिन बस्तियों का प्रसार करती है। इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य के मुद्दों से सम्बन्धित समस्याओं को बढ़ावा मिलता है जो हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में रहने और आजिविका की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। इसलिए कम वेतन वाली नौकरियों के लिए स्थानीय उम्मीदवारों को वरीयता देना सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से वांछनीय है और ऐसी कोई भी प्राथमिकता आम जनता के हितों में होगी। 



सरकार के मुताबिक, यह विधेयक जनता के हित में बड़े पैमाने पर हरियाणा के सभी निजी नियोक्ताओं को स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने में सफल सिद्ध होगा। यह विधेयक योग्य या प्रशिक्षित स्थानीय कार्यबल/श्रमिक/कर्मचारियों के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निजी नियोक्ताओं को लाभ प्रदान करेगा। स्थानीय स्तर पर उपयुक्त कार्यबल/श्रमिक/कर्मचारियों की उपलब्धता से उद्योग की दक्षता में वृद्धि होगी क्योंकि कार्यबल/श्रमिक/कर्मचारी किसी भी औद्योगिक संगठन/कारखाने के विकास के प्रमुख घटकों में से एक है। यह विधेयक उपरोक्त उद्ïदेश्यों को प्राप्त करने में पूर्ण रूप से सक्षम होगा।

सदन में यह भी बताया गया कि हरियाणा राज्य में स्थित विभिन्न कम्पनियों, सोसायटी, ट्रस्ट, लिमिटेड देयता भागीदारी फर्म, साझेदारी फर्म आदि में स्थानीय उम्मीदवारों को कम से कम 75 प्रतिशत रोजगार प्रदान करना और जहां योग्य या उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं है, वहां स्थानीय उम्मीदवारों को प्रशिक्षण/अन्य कौशल प्रदान करके योग्य बनाना इस विधेयक की मुख्य विशेषताएं हैं।

Shivam