बायो-मैडीकल वेस्ट प्रबंधन में नहीं दिखा रहे दिलचस्पी, 40 अस्पतालों पर लटकी बंद होने की तलवार

9/7/2019 1:41:56 PM

करनाल : जिलेभर के करीब 40 अस्पतालों-क्लीनिक-लैब संचालकों द्वारा बायो-मैडीकल वेस्ट ऑथोराइजेशन लेने में दिलचस्पी न दिखाने के चलते उन पर बंद होने की तलवार लटक गई है। चूंकि अस्पताल संचालक बोर्ड द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब देने में लापरवाही बरत रहे हंै। डी.सी. द्वारा बनाए गए बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि अस्पतालों, क्लीनिकों व लैबों को बंद करने की कार्रवाई 5 दिन बाद शुरू कर दी जाएगी जिसके चलते अस्पताल संचालकों में बेचैनी बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर 14 ईंट-भ_ों ने जिग जैग तकनीक नहीं अपनाई है और न ही कोई नोटिस का जवाब भेजा है। जिसके परिणाम स्वरूप इन ईंट-भ_ों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। 

जिला टास्क फोर्स के सदस्यों का कहना है कि करीब 60 अस्पतालों-लैब संचालकों को न बायो-मैडीकल वेस्ट प्रबंधन के लिए रजिस्ट्रेशन न करवाने के चलते नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया था। इनमें से मात्र 15 ने ही जवाब भेजा है जबकि अन्य ने जवाब भेजने की कोई कार्रवाई अभी तक अमल में नहीं लाई। हालांकि अभी नोटिस के जवाब भेजने के लिए 4 दिन का समय बाकी है। जवाब न भेजने वाले अस्पतालों-लैबों-क्लीनिकों को बंद करने की कार्रवाई अनिवार्य तौर पर अमल में लाई जाएगी। विभाग इन्हें बंद करने की कार्रवाई करने के लिए पूरी तैयारी करने में जुटा हैं। काबिलेगौर है कि जिले के काफी अस्पताल बायो-मैडीकल वेस्ट को गारबेज में ही फैंक रहे हंै, जिसके चलते प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और साथ ही बीमारियां भी। जो सरेआम नियमों का उल्लंघन है।

करीब 40 अस्पताल-क्लीनिक व लैब ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक नोटिस का जवाब नहीं भेजा है। जवाब नहीं भेजने वाले अस्पतालों-क्लीनिकों को अगले 5 दिनों बाद बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। क्योंकि ये अस्पताल बायो-मैडीकल वेस्ट प्रबंधन के तरीके अपनाने में कोई रुचि नहीं ले रहे हंै, जो एन.जी.टी. के नियमों के खिलाफ है। नियमों के खिलाफ जो भी जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा सैमीनार से लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा चुके हैं। 
 

Isha