कच्छ से उडान भर गुडगांव पहुंचे बर्ड लेक की टूटी टांग, रेस्कयू कर अस्पताल पहुंचाया

2/3/2023 9:11:50 PM

गुड़गांव, (ब्यूरो): राष्ट्रीय पक्षी उद्यान सहित शहर के विभिन्न इलाकों में प्रवासी परिंदों का मेला लगा है। इसी क्रम में वीरवार नजफगढ ड्रेन में एक फ्लेमिंगों पक्षी की टांग टूट गई। जिसे रैस्क्यू कर उसे आनन फानन में उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। जबकि बीते साल गुजरात से उडान भरकर गुडगांव पहुंचे एक फ्लेमिंगों पक्षी की मौत हो गई थी।

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ज्ञात हो कि वाइल्ड लाइफ सोसायटी के अध्यक्ष अनिल गंडास को सूचना मिली की नजफगढ ड़्रेन में एक भारी भरकम प्रवासी पक्षी की टांग टूट गई है। जिसके कारण पानी में वह ठीक से चल नही पा रहा है। जानकारी के बाद मौके पहुंची वाइल्ड टीम ने मौके पर पहुंची। जहां देखा गया कि फ्लेमिंगों नाम की प्रवासी पक्षी की बाई टांग टूटकर लटक गई है। आनन फानन में रैस्क्यू कर टीम ने उसे अस्पताल पहुंचाया। जहां पर उसका उपचार किया जा रहा है। बता दें इससे पूर्व 2022 में एक फ्लेमिंगो की हाई टेंशन तार की चपेट में आने मौत हो गई थी।

 

क्या होती है ग्रेटर फ्लेमिंगो

पक्षी विशेषज्ञ अनिल गंडास की माने यह पक्षी गूजरात के कच्छ, अफ्रिका, मध्य एशिया व में पाया जाता है। जिसका वजन आमतौर पर 8 से 10 किलोग्राम के बीच होता है। इतना ही नही इसकी लंबाई डेढ़ से 2 मीटर के करीब होती है। फ्लेमिंगो परिवार का यह सबसे बड़ा पक्षी होता है। इसका वैज्ञानिक नाम फोइनीकापटरस है।

 

30 से 35 हजार प्रवासी मेहमान

बता दें कि इन दिनों सुल्तानपुर पक्षी उद्यान में 30 से 35 हजार प्रवासी पक्षियों का हुजुम है। ये पक्षी दिन रात की उड़ान भरकर यहां पहूंचतें है। पहूंचने वाले मेहमानों में प्रमूख रूप से बार हैडिड गुज, ग्रै लैंग गुज, कामन क्रूट, परपल मोर हरण, पाईड किंग फिशर व गे्रटर $फलेमिंगों जैसे पक्षी बताए गए है।

 

वर्जन-

“फ्लेमिंगों की पहचान बड़ी टांगें व बड़ी गर्दन है। आमतौर पर यह पिंक कलर का होता है। भारी होने के कारण कई बार उछलने व संतुलन खोने यह गिर जाता है। हो सकता है इसकी वजह टांग कही फंस जाने के बाद टूट गई हो। फिलहाल अस्पताल में उपचाराधी है।” अनिल गंडास, अध्यक्ष वाइल्ड लाफ सोसायटी

 

Content Writer

Pawan Kumar Sethi