निकाय चुनाव: 31 माह बाद आमने-सामने चुनाव लड़ेगी BJP और JJP, इस वजह से लिया गया ये फैसला

5/29/2022 10:22:02 AM

ब्यूरो:  प्रदेश में होने वाले निकायों के चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा पार्टी आमने सामने होंगी। सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा के 31 माह पूर्व के गठबंधन में गांठ पड़ती दिखाई दे रही है। अक्तूबर 2019 में मिलकर सरकार बनाने के बाद दोनों दल एक साथ कदमताल करते आ रहे थे, लेकिन 19 जून को होने वाले निकाय चुनावों में अलग अलग चुनाव लड़ेगी। दोनों दलों के रणनीतिकारो का मानना है कि 28 नगरपालिकाओं और 18 नगर परिषदों में अलग-अलग चुनाव लड़ने से दोनों दलों को अपनी-अपनी जमीनी ताकत जानने का मौका मिल जाएगा। 2024 में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले भाजपा और जजपा के लिए यह और पंचायती राज चुनाव रियलिटी चेक होंगे।

भाजपा विधायको लंबे समय से कर रहे थे ये मांग
भाजपा ने अकेले निकाय चुनवों में उतरने का फैसला यूं ही नहीं लिया है, लंबे समय से पार्टी के विधायक इसकी मांग करते आ रहे थे। जब से जजपा कोटे के विभागों में कथित घोटालों के आरोप लगने शुरू हुए, तभी से भाजपा विधायकों ने पार्टी की बैठकों में सरकार की छवि पर असर पड़ने का मुद्दा जोरशोर से उठाया।  

इसिलए हुई दोनों पार्टिया अलग
भाजपा अगर एक ही राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार उतारती है तो उसे जजपा विधायकों के साथ की जरूरत नहीं पड़ेगी। भाजपा के 40 विधायक हैं और एक सीट जीतने के लिए 31 विधायकों की ही जरूरत है। दूसरी सीट में उम्मीदवार उतारने की सूरत में 10 जजपा विधायकों, 6 निर्दलीयों, एक हलोपा और कांग्रेस विधायकों में सेंध लगाने की जरूरत पड़ेगी। चूंकि, कांग्रेस में बाहरी उम्मीदवार आने पर कुछ विधायक बगावत की तैयारी में हैं। जजपा के अभी पंचकूला नगर निगम में दो पार्षद हैं। प्रदेश में अन्य नगरपालिका, नगर परिषद और नगर निगम में जजपा के जनप्रतिनिधि नहीं हैं। निकाय चुनाव में गठबंधन न रहने का फायदा किसे हुआ, यह 22 जून को नतीजे आने पर साफ हो जाएगा।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

Content Writer

Isha