अपने ही नेता बढ़ा सकते हैं भाजपा की परेशानी: धर्मबीर

4/4/2018 7:58:23 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): लोकसभा चुनावों में करीब एक वर्ष का समय शेष बचा है। भाजपा की केंद्र व राज्यों की सरकारों के सामने विभिन्न मांगों को पूरा करने का दबाव है। खुद लोगों की मांग उठाकर भाजपा के अपने ही नेता आने वाले समय में पार्टी की मुश्किल बढ़ाने का काम कर सकते हैं। ऐसा ही एक मुद्दा भाजपा सांसद धर्मबीर ने छेड़ दिया है, जिसमें उन्होंने पी.एम. को पत्र लिखकर दलित, गरीब, मजदूर और किसानों की वृद्धावस्था सम्मान पेंशन की उम्र 60 से कम करके 55 साल करने की मांग उठा दी है।

प्रदेश में चुनावों के दौरान पेंशन एक बड़ा मुद्दा रहता है। वर्ष 1987 में प्रदेश में चौ. देवी लाल की सरकार सत्ता में आने के पीछे वृद्धावस्था पेंशन ने बड़ी भूमिका अदा की थी। इसके बाद वृद्धावस्था पेंशन को लेकर लगातार राजनीति होती रही है। भाजपा ने भी चुनावों के दौरान प्रदेश में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बढ़ाने की घोषणा की थी। सरकार बनने के बाद सी.एम. खट्टर ने एकमुश्त पेंशन राशि में वृद्धि करने की बजाय 200 रुपए हर साल बढ़ाने का निर्णय लिया था। पेंशन को लेकर राजनीति इसलिए भी हावी होती रही है कि पूर्व की सरकारों के शासनकाल में बड़ी संख्या में फर्जी पेंशनें बनवाने के मामले सामने आए थे। कम उम्र के लोगों ने भी राजनीतिक पहुंच के चलते इसका जमकर फायदा उठाया था।

हालांकि बाद में कई लोगों को खुलासा होने पर ब्याज समेत रकम सरकारी खजाने में जमा करानी पड़ी थी। खट्टर सरकार ने पैंशन को आधार कार्ड से लिंक कराकर इसमें होने वाले फर्जीवाड़े पर पूरी तरह रोक लगाने का काम कर दिया। वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या आधारकार्ड से लिंक होने के बाद कम हो गई, जिससे सरकारी खजाने का बोझ कुछ कम हो गया।अब जबकि चुनाव आ रहे हैं, भाजपा सांसद धर्मबीर ने खुद मांग कर डाली है कि पेंशन की आयु सीमा 5 साल कम की जाए। आने वाले समय में यह बड़ा मुद्दा बन सकता है, जो भाजपा की ही परेशानी बढ़ाने का काम कर सकता है। खुद धर्मबीर ने अगला लोकसभा चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा की हुई है। वह लोकसभा की बजाय विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

राजनैतिक गलियारों में चर्चा रहती है कि धर्मबीर उसी पार्टी के साथ जुडऩे के आदी हो चुके हैं, जिस पार्टी की सरकार सत्ता में आती नजर आती है। ऐसे में इस बार भी कोई गारंटी नहीं है कि वे भाजपा की टिकट पर ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में धर्मबीर की सरकार से इस तरह की मांग आने वाले समय में भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकती है। विपक्षी दल भी इस तरह का मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरने का काम कर सकते हैं। पेंशन का मुद्दा इतना बड़ा है कि यह सरकार बनाने और भगाने में बड़ी भूमिका अदा करता रहा है। अब देखना यह होगा कि धर्मबीर की अपनी ही पार्टी की सरकार से की गई मांग आने वाले समय में क्या गुल खिलाती है। 

Rakhi Yadav