हिसार में फिर सामने आया भाजपा-जजपा का वीभत्स चेहरा: राजन राव

5/16/2021 8:24:11 PM

गुरुग्राम (मोहित): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने हिसार में मुख्यमंत्री का विरोध करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दोषी करार दिया है। उन्होंने कहा कि महामारी एक्ट होने के बावजूद सीएम मनोहर लाल कैसे कानूनी पाबन्दियों को तोड़ रहे हैं? 

राव ने कहा कि लोग सरकार की लापरवाही से बिना ऑक्सीजन, दवा और हॉस्पिटलों में बेड की किल्लत से मर रहे हैं और सरकार उद्घाटन में जुटी है। मनोहर लाल ने एक साल पहले कोरोना से लडऩे के बंदोबस्त क्यों नहीं किए? प्रदेश की जनता के लिए नियम कानून बनाकर उन्हें घरों में कैद रखा जा रहा है जबकि सीएम शहर शहर अपने काफिले के साथ नियमों की धज्जियां उड़ाते घूम रहे हैं। जब लोग इसका विरोध करें तो लोगों पर बर्बरता पूर्ण  लाठीचार्ज कहां का न्याय है?  हिसार में एक बार फिर भाजपा - जजपा सरकार का उन्माद से भरा वीभत्स चेहरा उजागर हो गया है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है, विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन जनता के विरोध को लठतंत्र से दबाया जा रहा है। निहत्थे लोगों पर बर्बरता की जा रही है। बुजुर्गों तक को दौड़ा-दौड़ा कर लाठियों से मारा जा रहा है। 

राव ने कहा कि प्रदेश के सीएम अपनी करनी और करतूत पर आंसू बहाने की बजाय विरोध करने वालों पर ही आरोप लगा रहे हैं। आंदोलन शुरू हुआ तब भी हरियाणा सरकार ने ही किसानों पर  बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थी। तब से लेकर आज तक सरकार का अडिय़ल रुख कायम है। मुख्यमंत्री कहते हैं की भाजपा और जजपा नेताओं के विरोध से आहत हैं तो यह बेहद शर्मनाक है। प्रदेश का मुखिया 300 किसानों की शहादत पर आहत नहीं होता, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज जैसी घिनौनी घटना पर आहत नहीं होता? जबकि जनता सब जानती है कि असली उन्माद तो प्रदेश सरकार कर रही है। इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर सीएम मनोहर लाल में जरा भी शर्म और नैतिकता बची है तो तत्काल अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।

राव ने कहा कि सीएम को अपनी कुर्सी बचाने और अपने आकाओं को खुश करने के लिए ना प्रदेश का भला नजर आ रहा है और ना ही प्रदेश की ढाई करोड़ जनता का। उन्हें केवल अपनी कुर्सी सलामत रखनी है। इसके लिए जनता पर चाहे जो जुल्म ओ सितम करने पड़े। शर्मा ने कहा कि अभी तक किसान शांति से अपने हक की लड़ाई लड़ रहा था, लेकिन सरकार किसानों को शांति छोडऩे पर मजबूर कर रही है। अब किसान के आक्रोश का सामना सरकार नहीं कर पाएगी, इसके लिए कितनी भी लाठियां चलवा लें। उन्होंने कहा कि सरकार बेनकाब हो चुकी है। अब किसान पर हर जुल्म का हिसाब उसे देना होगा। प्रदेश की ढाई करोड़ जनता के साथ किए विश्वासघात का हिसाब उसे देना होगा।

Content Writer

Shivam