भाजपा नेत्री बंतो कटारिया ने सुशासन दिवस की पूर्व संध्या पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नमन किया
punjabkesari.in Tuesday, Dec 24, 2024 - 04:38 PM (IST)
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : भारतीय जनता पार्टी हरियाणा प्रदेश उपाध्यक्ष बंतो कटारिया ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत रत्न पूर्व में रहे माननीय प्रधानमंत्री की अटल बिहारी वाजपाई जी की 100वीं जन्म जयंती को भारत सरकार द्वारा हर साल 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
बंतो कटारिया ने बताया अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। अटल बिहारी वाजपेई एक भारतीय राजनीतिज्ञ, राजनेता और एक अच्छे कवि भी थे,1996 में पहली बार 13 दिनों की अवधि के लिए, उसके बाद 1998 से 1999 तक 13 महीने की अवधि के लिए, उसके बाद 1999 से 2004 तक बतोर प्रधानमंत्री के रूप में पद संभाला।
बंतो कटारिया ने कहा अटल बिहारी वाजपेई तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहें। प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद, भारतीय जनता पार्टी लोकसभा में बहुमत बनाने में असफल रही तो अटल बिहारी वाजपेई ने 16 दिनों के बाद ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, अटल बिहारी वाजपेई भारत के 10 वें प्रधानमंत्री थे।
बंतो कटारिया ने अटल बिहारी वाजपेई जी के राजनीतिक जीवन पर बात करते हुए बताया :
• एक स्वयंसेवक के रूप में 1939 में अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ जुड़े।
• 1942 तक वह RSS के सदस्य बन गए थे।
• भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वाजपेयी को 24 दिनों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था।
• RSS द्वारा 1951 में नवगठित राजनीतिक दल ‘भारतीय जनसंघ’ के साथ काम करने के लिए वाजपेयी को चुना गया था और उन्हें उस पार्टी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया।
• 1957 के भारतीय आम चुनाव में वाजपेयी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा।
• 1968 में वाजपेयी भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
अटल बिहारी वाजपेई 9 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा सांसद सदस्य चुने गए l जब वे स्कूल में थे तब वह भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए एक आंदोलन में शामिल हुए जो की 1942 को "भारत छोड़ो आंदोलन" था।
बंतो कटारिया ने बताया पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया का पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से विशेष लगाव था ,वह समय-समय पर अटल बिहारी वाजपेयी को कविताएं सुनाते थे। वाजपेई जी रतन लाल कटारिया जी को विशेष तौर पर पसंद करते थे, जिसका वह अक्सर चर्चा करते रहते थे।
भाजपा नेत्री बंतो कटारिया ने बताया कि इस दिन का उद्देश्य लोगों में सरकार और शासन की जवाबदेही के बारे में जागरूकता पैदा करना है। सुशासन दिवस मनाने का मुख्य मकसद पारदर्शी और जिम्मेदार प्रशासन का निर्माण करना, आम आदमी का कल्याण और देश में वृद्धि और विकास सुनिश्चित करना है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतिस्पर्धाएं जैसे ग्रुप डिस्कशन, निबंध लेखन, चित्रकला और विभिन्न खेल आदि शामिल हैं।
सुशासन दिवस के अवसर पर, हमें यह याद रखना चाहिए कि सुशासन का अर्थ है एक ऐसा शासन जिसमें देश के लोग प्रसन्न हों, उनका विकास हो, देश के हर फैसले में उनकी हामी शामिल हो।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को सुशासन के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें सुशासन की प्रक्रिया में भागीदार बनाना है।