भाजपा के ब्राह्मण नेता एकजुट होकर विरोध करें: करण दलाल

5/8/2018 2:20:20 PM

चंडीगढ़(बंसल): हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जे.ई. की परीक्षा में ब्राह्मणों के खिलाफ पूछा गया सवाल अब सरकार के गले की फांस बन गया है। हालांकि सरकार की तरफ से काफी सफाइयां दी जा रही हैं, लेकिन विरोध के स्वर तेज होते दिख रहे हैं। कांग्रेस विधायक करण दलाल ने जहां भाजपा के ब्राह्मण नेताओं को एकजुट होकर विरोध करने का आह्वान किया, वहीं प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। दलाल के बयान के बाद भाजपा नेता भी हरकत में आ गए। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तथा राज्यसभा सांसद ने उलटा कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
 

एम.एल.ए. हॉस्टल में पत्रकारों से बातचीत में दलाल ने कहा कि सरकार ने सिर्फ ब्राह्मणों और उनकी बेटियों का ही नहीं, बल्कि 36 बिरादरी का अपमान किया है। परीक्षा में आपत्तिजनक सवाल पूछने पर सरकार की मंशा फिर साफ हो गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन को भी पद से हटाया जाए और परीक्षा पत्र में सवाल डालने वाले दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो। दलाल ने कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के बयान की निंदा की जिसमें धनखड़ ने कहा था कि व्यायामशालाओं में आर.एस.एस. की शाखाएं भी लग सकती हैं।

सरकार को बर्खास्त करने की मांग जायज नहीं: विज
दलाल के बयान के बाद विज ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग की ओर से पूछा गया सवाल गलत है। इस मामले में आयोग पहले ही मामले में माफी मांग चुका है। प्रश्न पत्र तैयार करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार को बर्खास्त करने की करण दलाल की मांग जायज नहीं है। दलाल हर रोज रात को सरकार को बर्खास्त करके ही सोते हैं। मगर, सरकार सुबह फिर उन्हें दिखाई देती है और शाम को वह फिर अपनी मांग को दोहराते हैं।

कांग्रेस ने ब्राह्मणों की उपेक्षा की, इसलिए रूठे ब्राह्मण: वत्स
भाजपा राज्यसभा सदस्य जनरल (सेवानिवृत्त) डी.पी. वत्स ने कहा कि आज ब्राह्मण समुदाय की उपेक्षा का सवाल उठाने वाली कांगे्रस ने अपने 10 साल के शासन में जमकर समुदाय की उपेक्षा की। जींद के खोखरी गांव में 3 ब्राह्मण युवतियों की हत्या के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और पुलिस की लापरवाही की बदौलत बड़ा आंदोलन हुआ और ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही दोषियों को पकड़ कर कानून के हवाले किया। वत्स ने विपक्षी नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल का इस्तीफा मांगे जाने पर कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग एक स्वतंत्र इकाई है। 
 

समुदाय विशेष की भावनाओं को आहत करने के मामले में आयोग द्वारा मुख्य परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिया गया है। ऐसे में इस विषय पर उपेक्षा का आरोप लगाने वाले कांगे्रसियों को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस पुस्तक से यह प्रश्न लिया गया है, वह वर्ष 2012 में प्रकाशित हुई थी। इसकी भी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए मामले को तूल देने की कोशिश कर रहे हैं।
 

Deepak Paul