भाजपा की नीति बांटो और राज करो की हमेशा से रही है: वरुण मौलाना

2/7/2021 12:41:16 PM

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा प्रदेश के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना एक कद्दावर नेता रहे हैं। आज उनके पुत्र वरुण मौलाना विधायक हैं। विरासत में मिली राजनीति के कारण शब्दों पर उनकी एक खास पकड़ है। आज पंजाब केसरी ने वरुण मौलाना से कई अहम विषय पर बातचीत की। जिसमें उन्होंने सबका साथ-सबका विकास के मुख्यमंत्री के नारे को पूरी तरह से झूठा करार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने हर विधानसभा में 5-5 करोड़ के विकास कार्य की बात कही थी। लेकिन आज तक उनके क्षेत्र में एक भी रुपया विकास कार्य पर नहीं खर्च किया गया। भाजपा की नीति केवल फूट डालो-राज करने की रही है और इनके सहयोगी निर्दलीय व जजपा के विधायक जो किसानों में किसानों की बात और किसानों के आंदोलन के समर्थन की बात करते हैं, सरकार के विरोध की बात करते हैं। लेकिन चंडीगढ़ पहुंचने पर वह अपने सुर बदल कर सरकार के साथ की और समर्थन की बात करते हैं। कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के बाद इस प्रकार के दोगले नेता जनता के सामने मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : बजट सत्र में कौन से प्रमुख मुद्दे उठाएंगे ?
उत्तर :
 बहुत दुख की बात है कि पूरे देश में सबसे छोटा सेशन हरियाणा प्रदेश का होता है। मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया था कि 5 दिन पहले विधेयक दे दिए जाएंगे। लेकिन पिछले सेशन में भी ऐसा नहीं हुआ। जब हम विधानसभा में होते हैं तो हमें पटल पर ही विधेयक मिलते हैं। ताकि इन्हें कोई पढ़ न सके और सत्तापक्ष की जीत हो जाए। मुख्यमंत्री द्वारा यह भी कहा गया था कि हर विधानसभा में 5-5 करोड़ के विकास कार्य करवाए जाएंगे। सबका साथ सबका विकास होगा। विकास के क्षेत्र में किसी भी विधानसभा को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा। आज तक मेरे विधानसभा में एक भी रुपया नहीं पहुंचा। इसके लिए भी मैंने सवाल लगाया। आरक्षित के लिए जो बजट खर्च होना चाहिए, नहीं होता। एलोकेशन होती है, लेकिन पहुंचता नहीं है। उसके लिए भी मैंने सवाल लगाया और चर्चा भी करूंगा। किसानों के मुद्दे पर चार बार गवर्नर साहब से समय मांगा गया। लेकिन अभी तक नहीं दिया गया। समय केवल इसलिए मांगा जा रहा है कि स्पेशल सेशन बुलाकर हम किसानों की बात उन तक पहुंचाएं। विधायक दल के नेता चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कहा कि हम चाहते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव आए, ताकि पता चले कि कुछ जो विधायक किसानों के साथ होने की बात करते हैं और चंडीगढ़ आते ही वह किसानों को भूल जाते हैं और कहते हैं कि हम सरकार के साथ हैं। उनका रुख स्पष्ट करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव की आशा है।

प्रश्न : किसान आंदोलन को लेकर टिकैत की हरियाणा में एंट्री को कैसे देखते हैं ?
उत्तर :
  यह संघर्ष प्रदेशों से शुरू होकर आज अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर पहुंच चुका है। यह किसानों की और आम आदमी की जीत है। वह सही मांगों के लिए सड़कों पर हैं। इसीलिए उन्हें पूरे विश्व से समर्थन मिल रहा है।

प्रश्न : पूर्व स्पीकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा और जजपा के नेताओं का अपने गांव में विरोध करने और काले झंडे दिखाने का लोगों से आह्वान किया है। इसके क्या मायने हैं ?
उत्तर :
 किसान तो हर जगह जहां भी खड़े हो रहे हैं, वह चाहते हैं कि उनकी मांगों को उठाया जाए तो वह तो पहले से ही हो रहा है। वह हर राजनीतिक दल के विधायक को किसानों की आवाज उठाने के लिए कहते हैं। जो भी नहीं भी उठा रहा वह उन्हें भी कहते हैं। काले झंडे का मतलब विरोध करने की बात है। अगर कोई उनकी आवाज नहीं उठा रहा तो विरोध जरूर करो। मुख्यमंत्री ने भी एक बयान दिया था कि ऐसे सड़के रोकना ठीक नहीं, ऐसे सड़कों पर विरोध जताना ठीक नहीं, लोकतंत्र में लोकसभा और विधानसभा है वहां पर अपनी बात रखनी चाहिए। मैं उनसे एक बात पूछना चाहता हूं कि वह कितने लंबे समय विधानसभा सदन को चलाते हैं, कितनों को बोलने का मौका मिलता है।

प्रश्न : आपको लगता है कि अविश्वास प्रस्ताव आ पाएगा ?
उत्तर :
 इससे या तो सरकार गिरेगी या कम से कम पता चलेगा कि कौन किसान के साथ खड़ा है, कौन सरकार के साथ खड़ा है। बहुत से विधायक दोगली बात करते हैं। किसानों के सामने किसानों के साथ खड़े होने की बात करते हैं और सरकार के सामने सरकार के साथ होने की बात करते हैं। इससे किसान जागरूक होगा और आने वाले समय में ऐसे लोगों को अपने वोट की ताकत से जवाब देगा।

प्रश्न : आप अपने कौन से मुद्दे विधानसभा में उठाने चाहते हैं ?
उत्तर :
 हमारे यहां विधायक आदर्श ग्राम योजना भी है। उसके तहत भी पैसे आने की बात कही गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा था पांच-पांच करोड रुपए हर विधानसभा को विकास के लिए दिए जाएंगे। लेकिन हैरानी की बात है कि आज तक मेरे विधानसभा में एक भी रुपया नहीं पहुंचा। मैं इसके लिए पुरजोर मांग उठाऊंगा।

प्रश्न : प्रदेश लेवल के मुद्दों पर आपकी क्या राय है ?
उत्तर :
 हमारी हाल ही में विधायक दल की बैठक हुई। सदन से पहले भी हमारी मीटिंग होगी और यही फैसला लिया गया है कि जो भी ज्वलंत मुद्दे हैं, उन सब पर हम अपनी कॉल अटेंशन मोशन देंगे। जो भी क्वेश्चंस उठाने हैं, हम बैठक करके तय करके रणनीति के साथ आवाज उठाएंगे।

प्रश्न : लाल किला प्रकरण और हाल ही में दिल्ली के बॉर्डर पर प्रबंध इन दोनों पर क्या कहेंगे ?
उत्तर :
 जिस प्रकार की सख्ती दिल्ली बॉर्डर पर की गई है। ऐसी सख्ती पाकिस्तान बॉर्डर पर क्यों नहीं की गई, जहां से आतंकवादी देश में घुसते हैं। चाइना बॉर्डर पर क्यों नहीं की गई, जो देश के क्षेत्र के अंदर घुसकर कब्जा  कर रहा है। भाजपा सरकार द्वारा अपने देशवासियों के खिलाफ तो सख्ती कर रही है यह बड़े दुख की बात है। लाल किला हमारे देश की आन-बान और शान है। जिसे इन्होंने लाल किले को भी लीज पर दे दिया। यह देश के हर विभाग को हर चीज को बेचने की तरफ बढ़ रहे हैं। लाल किले में जो घटना घटी उसके लिए भी इनके द्वारा षड्यंत्र रचा गया। जनता को उकसाया गया। क्योंकि इनकी बांटो और राज करो की नीति हमेशा से रही है।

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Content Writer

Manisha rana