हरियाणा में भाजपा की सीटें भले ही घटी लेकिन वोट प्रतिशत बढ़ा, कांग्रेस ने भी मारी लंबी छलांग

10/26/2019 5:17:21 PM

डेस्क: हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सीटें भले ही कम हुई हों, लेकिन इस बार वोट प्रतिशत बढ़ा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी लंबी छलांग मारी है। चुनाव हारने के बावजूद कांग्रेस के वोट प्रतिशत में काफी इजाफा हुआ है। भाजपा का वोट प्रतिशत जहां लोकसभा चुनाव के मुकाबले 22 फीसदी गिरा है, वहीं 2014 विधानसभा चुनाव की तुलना तीन प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। बावजूद इसके पार्टी चालीस सीटों पर ही सिमट गई। 

2014 में भाजपा ने 33.20 वोट प्रतिशत के साथ 47 सीटें जीती थी, जबकि 2019 में पार्टी 36.5 फीसदी वोट लेकर भी बहुमत से छह कदम दूर रह गई। इनेलो का तो वजूद ही खतरे में पड़ गया है। बीते चुनाव में इनेलो 19 सीट के साथ मुख्य विपक्षी दल बना था, उसे 24.11 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन इस बार 2.44 प्रतिशत वोट के साथ पार्टी सिर्फ ऐलनाबाद सीट ही जीत पाई है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ही अपनी सीट बचाने में कामयाब हो पाए हैं। अन्य व जजपा का वोट प्रतिशत कुल मिलाकर 27 फीसदी रहा है। 

हरियाणा में अप्रैल में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 58.02 फीसदी वोट मिले थे और लोकसभा की सभी 10 सीटें जीती थीं। पांच महीने बाद अब हुए विधानसभा चुनाव लगभग 22 फीसदी की गिरावट के साथ भाजपा को हरियाणा में 36.44 फीसदी वोट मिले हैं। लोकसभा चुनावों में भाजपा को 79 सीटों पर बढ़त मिली थी। जो घटकर 40 सीटों पर आ गई है। 

भाजपा को 39 सीटों का घाटा हुआ है। कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनावों में 10 सीटों पर बढ़त थी। अब कांग्रेस 31 सीटों पर जीती है। इस तरह कांग्रेस को 21 सीटों का फायदा हुआ है। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 28.42 फीसदी वोट मिले थे, जबकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 28.13 वोट मिले हैं। लोकसभा चुनाव की तुलना मामूली गिरावट वोट प्रतिशत में आई है। बावजूद उसकी सीटें बढ़ी हैं।

भाजपा को दक्षिण और मध्य हरियाणा में फायदा
भाजपा को वोट प्रतिशत में दक्षिण और मध्य हरियाणा में फायदा मिला है। वहीं जिन सीटों पर इनेलो व आजाद विधायक भाजपा में शामिल हुए थे, उनमें से कई सीटें जीतने के साथ ही भाजपा ने वोट प्रतिशत भी बढ़ाया है। जिससे बीते विधानसभा चुनाव की तुलना उसका वोट प्रतिशत तीन फीसदी बढ़ा है। भाजपा ने इस बार रतिया, हथीन, नलवा, फतेहाबाद, कलायत सीटें जीती हैं। 

रतिया में इनेलो से पूर्व विधायक प्रो. रविंद्र बलियाला भाजपा में आए थे, उन्हें टिकट नहीं मिला, लेकिन उन्होंने भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण नापा का साथ दिया। हथीन में केहर सिंह इनेलो से भाजपा में आए थे, वहां प्रवीण डागर जीते हैं। नलवा में रणबीर गंगवा इनेलो से भाजपा में आए थे, उन्हें टिकट मिला और वह जीते भी। 

फतेहाबाद में बलवान सिंह दौलतपुरिया इनेलो से भाजपा में आए, उन्हें टिकट नहीं मिला, फिर भी उन्होंने भाजपा उम्मीदवार दुड़ा राम का साथ दिया। दुड़ा राम जीत भी गए। कलायत में रामपाल माजरा भाजपा में इनेलो से शामिल हुए थे, उन्हें टिकट तो नहीं मिला, मगर उनके समर्थन से कमलेश ढांडा जीतने में सफल रहीं। इसके अलावा महम, राई, गन्नौर, कैथल, पलवल, होडल व तिगांव सीट को भी भाजपा ने जीता है। 

Edited By

vinod kumar