भाजपा के नेता SYL के मुद्दे से हरियाणा-पंजाब के किसानों को बांटना चाहती है : अशोक अरोड़ा

12/16/2020 12:09:22 PM

चंडीगढ़ (धरणी) : कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार अशोक अरोड़ा ने आज किसान आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ जननायक जनता पार्टी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में सबसे ज्यादा विरोध जजपा पार्टी के नेताओं का हो रहा है। क्योंकि इन्होंने चौधरी देवी लाल के नाम पर वोट मांगे और आज सत्ता से चिपक कर किसानों पर लाठियां बरसा रहे हैं, किसानों के खिलाफ मुकदमें बनवा रहे हैं। साथ ही साथ उन्होंने अभय चौटाला पर भी टिप्पणी करते हुए कहा की एक भाई किसानों पर मुकदमे बनाता है तो दूसरा भाई मुकदमा खारिज करने के लिए बोलता है। अशोक अरोड़ा ने यह बात पंजाब केसरी से विशेष मुलाकात के दौरान कही। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:

प्रश्न :
कृषि कानून और किसान आंदोलन पर आपकी क्या टिप्पणी है?
उत्तर : लगभग 3 हफ्ते से धरती पुत्र किसान, जो गर्मी- सर्दी की परवाह न करते हुए, धूप-छांव-बरसात की परवाह न करते हुए खेत में काम करके देश के लोगों का पेट पालता है। इस दिसंबर की भयंकर सर्दी के बावजूद किसान खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर है। आंदोलन के कारण 12 किसान भाइयों ने शहादत तक दे दी है। कोरोना से लड़ाई में देश को जीत हासिल करवाने वाले वीरों जैसे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, सफाई कर्मचारी और पुलिस कर्मचारियों या बेरोजगार हुए मजदूर- छोटे दुकानदार जिनके पास बिजली के बिल भरने के लिए पैसे नहीं थे उनकी वेलफेयर के लिए बिल लाती तो हम उनका स्वागत करते। लॉकडाउन के दौरान केवल कृषि सेक्टर ने देश की अर्थव्यवस्था को जिंदा रखा। कॉर्पोरेट सेक्टर की कृषि सेक्टर पर पहले से नजर थी और सरकार ने उनके दबाव में उनके द्वारा ड्राफ्ट किया गया। अध्यादेश लागू करके देश के किसान और खाने वाले हर आदमी के साथ कुठाराघात किया। जिस प्रजा ने इन्हें राजा बनाया उनके हित के लिए सरकार को तुरंत प्रभाव से इन तीनों बिलों को रद्द करना चाहिए।

प्रश्न : एस.वाई.एल. आजकल चर्चा का विषय है, क्या कहेंगे?
उत्तर : एस.वाई.एल. हरियाणा प्रदेश की जीवन रेखा है। 10 नवंबर 2016 को माननीय सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों का फैसला आया जिसमें पंजाब विधानसभा द्वारा नदी जल समझौते रद्द करने के प्रस्ताव पास किया था उसे रद्द कर दिया गया। उस समय प्रदेश में खट्टर साहब की सरकार थी। इन्होंने सर्वदलीय मीटिंग बुलाकर फैसला लिया कि सभी मिलकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलेंगे। ताकि प्रदेश को उसका हक मिल सके। 4 साल बीत जाने के बाद भी प्रधानमंत्री तक से मिलने का समय नहीं लिया गया। आज सरकार की किसान आंदोलन को कुचलने की सभी चालें विफल हो गई है। इन्होंने कभी किसान को आतंकवादी और कभी नक्सलवादी बताया, कभी विदेशी फंडिंग के आरोप लगाए। तब भी सरकार इस आंदोलन को नहीं तोड़ पाई। इस कारण से आज बी.जे.पी. के नेता एस.वाई.एल. की बात करके पंजाब और हरियाणा के किसानों को बांटना चाह रहे हैं। एस.वाई.एल. की लड़ाई में हरियाणा के लिए अशोक अरोड़ा सबसे पहले कुर्बानी देने को तैयार है। परंतु आज किसान-मजदूर-मंडी विरोधी इन तीनों बिलो को सरकार को तुरंत रद्द करना चाहिए

प्रश्न :
कृषि आंदोलन को लेकर कांग्रेस की रणनीति क्या है?
उत्तर : कांग्रेस पार्टी जनता हित के हर आंदोलन के साथ है। आज यह लोग खेती को खत्म करना चाहते हैं। इन कानूनों को बड़े-बड़े कॉरपोरेट्स ने ड्राफ्ट किया है। इसका उदाहरण है कि इन लोगों ने पहले ही बड़ी-बड़ी जमीनें खरीद कर गोदाम बना लिए। ताकि किसानों के अनाज को जमा किया जा सके। आज यह एम.एस.पी. लिख कर देने की बात कर रहे हैं जबकि एम.एस.पी. तो पहले से ही है। सरकार द्वारा तय रेट पर खरीद नहीं हो पा रही। केवल हरियाणा और पंजाब में ही एमएसपी मिल पाती है। क्योंकि यहां किसान नेताओं की सरकार रही और उन्होंने मंडी सिस्टम को मजबूत किया। यह सरकार यहां भी एमएसपी और मडिया खत्म करके यहां के किसानों को देश के दूसरे हिस्से के किसानों से जोड़ना चाहते हैं।

प्रश्न : गठबंधन सरकार में निर्दलीयों और पार्टियों के  स्टैंड पर आपका क्या कहना है?
उत्तर : आज जननायक जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, निर्दलीयों ने उन्हें समर्थन दिया है। आज जितनी दोषी बी.जे.पी. है उतनी ही जे.जे.पी. । जितने दोषी मनोहर लाल खट्टर जी हैं, उतने दोषी दुष्यंत चौटाला जी भी हैं। मुझे हैरानी होती है एक भाई लाठी चलाने में, सर्दी में वाटर कैनन चलाने में और मुकदमे बनाने में सरकार के साथ है और दूसरा भाई कहता है मुकदमे रद्द करो। तुम ही मुकदमे बनवाते हो और तुम ही रद्द करवाते हो। आज हरियाणा में जे.जे.पी. के नेताओं का सबसे ज्यादा विरोध है। क्योंकि हरियाणा का किसान हमेशा से भा.ज.पा. को पूंजीपतियों की सरकार मानता था। परंतु दुष्यंत चौटाला चौधरी देवी लाल के परिवार से हैं। सन 1977 में चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन पर दिल्ली में एक रैली का आयोजन किया गया था। प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने चौधरी देवीलाल से मुख्यमंत्री होने के कारण दिल्ली रैली में नहीं जाने की बात कही थी। लेकिन चौधरी देवीलाल ने जवाब दिया था कि मैं मुख्यमंत्री बाद में पहले किसान हूं। मैं दिल्ली जरूर जाऊंगा। एक तो वह इंसान थे और उनके नाम पर वोट मांगने वाले आज सत्ता से चिपक कर किसानों पर लाठियां बरसा रहे हैं।

प्रश्न : प्रदेश की कानून व्यवस्था पर आपकी क्या टिप्पणी है?
उत्तर : नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट यानी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा प्रदेश में कानून व्यवस्था की बड़ी बुरी हालत है। प्रदेश में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है और इस अपराध का मूल कारण हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी है। आज देश में बेरोजगारी में हरियाणा नंबर एक का प्रदेश बन गया है।

Manisha rana