हुड्डा के बहाने कांग्रेस को बिखेरने में लगी भाजपा

6/24/2019 8:35:03 AM

ब्यूरो (धामु) : हरियाणा की राजनीति में नेताओं की भगदड़ शुरू हो गई है। जिन नेताओं को लगने लगा है कि उनकी पार्टी उनको टिकट नहीं देगी,वे अब भाजपा में शामिल होने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। भाजपा को भी विधानसभा में नए चेहरों की जरूरत है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा अपने सिटिंग विधायकों में से अभी सभी को चुनाव मैदान में नहीं उतारेगी,क्योंकि कई ऐसे भी विधायक हैं,जिनकी जन छवि अपेक्षाकृत अच्छी नहीं है। ऐसी धूमिल छवि वाले विधायकों को भाजपा इस बार टिकट देने से बचना चाह रही है।

भाजपा को है 55 चेहरों की तलाश
वर्तमान हालातों के संदर्भ में बात करें तो अभी तक भाजपा को करीब 55 प्रभावी चेहरों की आवश्यकता है,जो भाजपा को सत्ता तक पहुंचा सकें। हालांकि भाजपा को यह लगता भी है कि वो अगर दूसरी लाइन के नेताओं को आगे लाती है तो भी सरकार बनाने की स्थिति में है परन्तु भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अब 85 सीटों का जो लक्ष्य दिया है,पार्टी उसे भी हासिल करना चाहती है। इसके लिए प्रदेश भाजपा के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी और नीतिकार रोड मैप तैयार करने में लग गए हैं। 

अब भाजपा 55 सीटों पर जिताऊ प्रत्याशी उतारने के लिए दूसरे दलों के बड़े चेहरों को पार्टी में शामिल करने में जुट गई है। शाह के जीत मंत्र का यह भी एक हिस्सा है कि विपक्षी दलों के  जनाधार वाले नेताओं को भाजपा में शामिल किया जाए। इससे पार्टी के पास प्रत्याशियों की च्वाइस होगी और विपक्ष कमजोर होकर टूट जाएगा। 

हुड्डा के समीपी को ही हुड्डा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार सकती है भाजपा
कांग्रेस के उक्त विधायक जिनके कि भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं हैं वह भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के समीपी बताए जा रहे हैं। उक्त विधायक का हुड्डा के चुनाव क्षेत्र गढ़ी,सांपला,किलोई में अपना जनाधार है जिसका प्रमुख कारण है कि वह पहले इस सीट से जीत भी चुके हैं। यह भी सम्भावना जताई जा रही है कि भाजपा उक्त कांग्रेसी विधायक को भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के मुकाबले चुनाव मैदान में उतार दे? हुड्डा के चुनाव क्षेत्र गढ़ी,सांपला,किलोई में वोटर अधिक नहीं हैं। जबकि गैर हुड्डा जाट वोटरों की संख्या करीब 52 प्रतिशत है। 

परन्तु इस सीट से जीतते हुड्डा ही हैं। इसके पीछे का गणित यह है कि हुड्डा जाट एक तरफा मतदान करते हैं और गैर हुड्डा जाट बिखर जाता है। इसी थ्योरी पर काम करते हुए इस बार भाजपा किलोई सीट से किसी हुड्डा को ही अपना प्रत्याशी बनाएगी, ताकि भूपेन्द्र हुड्डा को हराया जा सके। भाजपा का मानना है कि अगर वह अपने हुड्डा प्रत्याशी के साथ दूसरे वोट जोडऩे में कामयाब हो जाती है तो भूपेंद्र हुड्डा को हराना आसान हो जाएगा। 

हुड्डा को हराने में पूरी ताकत लगाएगी भाजपा 
चर्चाकारों का कहना है कि भाजपा के टारगेट पर कांग्रेस नहीं भूपेन्द्र सिंह हुड्डा हैं। क्योकि भाजपा के नीतिकारों का मानना है कि हुड्डा को हराकर कांग्रेस को कमजोर किया जा सकता है। इसीलिए भाजपा ने रोहतक और सोनीपत के जाट लैंड पर अपना फोकस बनाया हुआ है। इसी तरह भाजपा मेवात से भी कई प्रभावी नेताओं को पार्टी में शामिल करने जा रही है। 

Naveen Dalal