भाजपा के लिए आसान नहीं होगा व्यापारियों को साधना

5/19/2018 9:23:55 AM

अम्बाला(वत्स): प्रदेश का व्यापारी वर्ग सरकार बनाने में बड़ी भूमिका अदा करता है। इसी वजह से सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की नजरें व्यापारी वर्ग पर टिकी हुई हैं। कुछ समय पूर्व व्यापारियों को खुश करने के लिए सी.एम. मनोहर लाल खट्टर ने रोहतक में प्रदेश स्तरीय विराट व्यापारी सम्मेलन का आयोजन किया था जिसमें व्यापारियों की संख्या कम होने से यह साफ हो गया था कि प्रदेश का व्यापारी वर्ग सरकार से नाराज चल रहा है। अगर सरकार समय रहते व्यापारियों की नाराजगी दूर नहीं कर पाई तो आने वाले चुनावों में भाजपा को बड़ा खमियाजा भुगतना पड़ सकता है।

भाजपा की सरकार बनने के पहले नोटबंदी ने व्यापारियों की कमर तोडऩे का काम किया था। नोटबंदी से उनका बड़ा नुक्सान हुआ था। नोटबंदी से उबरने के बाद जी.एस.टी. ने व्यापारियों को और परेशानी में डाल दिया। व्यापारी अब जी.एस.टी. की दर कम करने की मांग कर रहे हैं। हरियाणा के व्यापारी जाट आरक्षण आंदोलन के बाद प्रदेश सरकार से ज्यादा नाराज हैं। इस आंदोलन दौरान प्रदेश के सैंकड़ों व्यापारियों का करोड़ों रुपए का नुक्सान हो गया था। सरकार ने आंदोलन दौरान उपद्रव करने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए थे लेकिन बाद में जाटों के दबाव में उनके केस वापस लेने की घोषणा कर दी।

इससे व्यापारियों की नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई। रोहतक में सरकार की ओर से आयोजित प्रदेश स्तरीय व्यापारी सम्मेलन में व्यापारियों की नाराजगी खुलकर सामने आई थी। उस सम्मेलन में व्यापारियों ने जो मांगें सी.एम. के समक्ष रखी थीं। उन्होंने उनमें से कुछ मांगों को पूरा करने पर सहमति जताई थी। सरकार के पास करीब 1 वर्ष का समय बचा है। अगर इस अवधि दौरान खट्टर व्यापारियों की नाराजगी दूर नहीं कर पाए तो भाजपा के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो सकता है। 
 

 

 

 

Rakhi Yadav