फ्लाईंग टीम की करतूत: दिव्यांग छात्र व मां को जबरन बस उतारा

12/1/2017 8:36:16 PM

भिवानी: हरियाणा रोडवेज की बसों में टिकट जांचने वाली फ्लाईंग टीम की एक नई करतूत सामने आई है। टीम ने बस में सफर कर रहे पूर्णरूप से नेत्रहीन दिव्यांग छात्र व उसकी मां को बस से जबरन नीचे उतार दिया। बस से उतारने की वजह सिर्फ यह थी कि उन्होंने टिकट नहीं लिया था। जानकारी के लिए बता दें कि सौ फीसदी दिव्यांग के साथ एक सवारी को भी मुफ्त में यात्रा करने का प्रावधान है। पीड़ित बच्चे की मां ने रोडवेज महाप्रबंधक के अलावा मुख्यमंत्री, राज्य मानवाधिकार आयोग और केंद्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगाई और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

पत्र में भिवानी निवासी सुनीता ने लिखा है कि वह 29 नवंबर को अपने नेत्रहीन बेटे कृष के साथ दिल्ली जा रही थी। वह भिवानी से दिल्ली जाने वाली भिवानी डिपो की बस में बैठी। उसने बस में सीट नंबर भी लिया था। लेकिन बस के रोहतक पुराना बस अड्डा पहुंचने से पहले ही फ्लाईंग दस्ते ने बस रुकवाई। उन्होंने उनसे टिकट मांगी तो सुनीता ने 100 फीसदी दिव्यांग का प्रमाणपत्र दिखाया। प्रमाणपत्र देखने के बावजूद फ्लाइंग दस्ते ने उसे और उसके पुत्र को बस से उतार दिया।  सुनीता के अनुसार, उतरने के बाद उसने टिकट लिया तब उन्हें बस में चढऩे दिया गया।

सुनीता की शिकायत पर भिवानी डिपो के महाप्रबंधक बलवंत गोदारा ने कहा कि उन्हें शिकायत तो मिली है लेकिन यह कार्रवाई रोहतक फ्लाइंग दस्ते ने की है जबकि बस भिवानी डिपो की है। उन्होंने बताया कि 100 फीसदी नेत्रहीन और बतौर सहायक एक व्यक्ति को रोडवेज में मुफ्त यात्रा का प्रावधान है। गोदारा ने कहा कि वह सुनीता की शिकायत रोहतक डिपो को भेज देंगे।