घग्गर में उफान, सहमे लोग

7/23/2019 2:40:04 PM

सिरसा: खतरे के निशान तक बह रही घग्गर नदी में पानी का उफान पिछले कई दिनों से बढ़ता जा रहा है। सोमवार को भी पानी का दबाव काफी था। बाढ़ के संभावित खतरे को भांपते हुए जहां ग्रामीणों ने ठीकरी पहरा देने का क्रम शुरू किया हुआ है, वहीं सरकारी अमला भी नदी के तटबंधों पर दौरा कर पानी का जायजा ले रहा है। तटबंधों को मजबूत बनाने के भी प्रयास निरंतर जारी हैं। साथ ही जिला प्रशासन ने साथ लगते गांवों के लोगों को सतर्क रहने व एहतिहयात बरतने के निर्देश दिए हुए हैं। रविवार को घग्गर का जलस्तर 22000 क्यूसिक था, जोकि सोमवार को बढ़कर 23500 क्यूसिक हो गया है। गांव नेजाडेला, रंगा, बुढ़ाभाना, किराड़कोट, पनिहारी, मुसाहिबवाला व लहंगेवाला आदि गांवों से होकर गुजरने वाली घग्गर नदी पर ग्रामीण दिन-रात पहरा दे रहे हैं। 

ग्रामीणों द्वारा तटबंधों को मजबूत करने के लिए जे.सी.बी. व ट्रैक्टरों द्वारा बांधों को मजबूत करने का कार्य जारी है। मत्तड़ से पहले सरदूलगढ़ घग्गर नदी के पुल में फंसी कैली को जे.सी.बी. मशीन की सहायता से निकाला गया। वहीं भूंदड़ के पास लकड़वाले पुल में भी काफी मात्रा में कैली फंसी हुई थी को लोगों ने निकाल दिया है। गत दिनों मल्लेवाला-नेजाडेला के पास अचानक तटबंध टूटने से सैंकड़ों एकड़ खड़ी फसलों में जलभराव हो गया था, जिसके बाद किसानों द्वारा तटबंधों पर निगरानी रखी जा रही है।

ग्रामीणों का कहना है प्रशासन को पूर्व में मालूम था कि इस बार घग्गर नदी में बाढ़ आने की संभावना है तो पहले ही घग्गर नदी के तटबंधों को मजबूत बनाने के लिए किसानों की सहायता करनी चाहिए थी, लेकिन केवल सरकारी बांधों की ही जिम्मेदारी कहकर पल्ला झाडऩे से कमजोर तटबंध पानी के ज्यादा बहाव के चलते टूट गया, जिससे उनके गांवों की सैंकड़ों एकड़ खड़ी फसलों में जलभराव होने से भारी नुक्सान हुआ है। किसानों की जिला प्रशासन से मांग है कि घग्गर नदी के जलभराव से हुए फसलों के नुक्सान का मुआवजा देकर किसानों की आॢथक सहायता की जाए।

Isha