कोरोना से जंग में विपक्ष और जनता दोनों सरकार के साथ खड़े : रणदीप सुर्जेवाला

4/3/2020 10:27:25 PM

राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुर्जेवाला ने कहा है कि हमारे पुलिस कर्मी, सफाई कर्मचारी और पैरामैडीकल नर्स, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि 50 तुरंत घोषित करें। कोरोना से जंग में विपक्ष और जनता दोनों सरकार के उठाए गए हर कदम के साथ खड़े हैं। हम सरकार को बार-बार आगाह कर रहे हैं कि विदेश से आए हर व्यक्ति का टैस्ट करें। रणदीप सुर्जेवाला ने पंजाब केसरी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि कोरोना की जंग में बहादुर सेनानी डॉक्टर, मैडीकल स्टाफ, पुलिस के कर्मचारी और अधिकारी, सफाई कर्मचारी, पत्रकार सब आगे खड़े हैं। पत्रकार सबको खबर पहुंचाते हैं, सफाई कर्मचारी सफाई का काम करते हैं, पुलिसकर्मी और अधिकारी पूरी व्यवस्था देख रहे हैं। प्रस्तुत हैं खास बातचीत के प्रमुख अंश :-

प्रश्न : कोरोना के चलते आम जनजीवन की रफ्तार रुक गई है। लोग घरों तक सीमित हो गए हैं। परिस्थितियों का आप कैसे आकलन करते हैं?
उत्तर : 21वीं शताब्दी की कोरोना सबसे बड़ी महामारी है। इसको हम सब को गंभीरता से लेना चाहिए। कोरोना से जंग में विपक्ष और जनता दोनों सरकार के उठाए गए हर कदम के साथ खड़े हैं लेकिन कुछ बातें हैं जो जनता के सजग प्रहरी और एक जिम्मेवार विपक्ष के तौर पर सरकार की जानकारी और निदान के लिए रखना हमारा कत्र्तव्य है। उन्होंने बताया कि अकेले हरियाणा में हैल्थ बुलेटिन के मुताबिक 13,929 लोग आज 1 अप्रैल तक विदेश से यहां आए हैं लेकिन टैस्ट मात्र 818 लोगों का किया गया इसलिए हम सरकार को बार-बार आगाह कर रहे हैं कि विदेश से आए हर व्यक्ति का टैस्ट किया जाए परंतु वास्तविकता यह है कि रोहतक मैडीकल कॉलेज और भगत फूल सिंह खानपुर मैडीकल कॉलेज गोहाना सोनीपत को इन टैस्टों के लिए डैजिग्नेट किया गया है। दोनों लैब रोजाना 100 टैस्ट भी नहीं कर पातीं। ऐसे में संक्रमण कैसे रुकेगा? मेरा आलोचना के हिसाब से नहीं बल्कि बड़ी विनम्रता से यह मानना है कि भाजपा-जजपा सरकार विदेश से आए 14,000 लोगों और उनके निकट या उनके संपर्क में आए लोगों की टैसिं्टग में भारी कोताही बरत रही है।

प्रश्न : स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ बहुत से ऐसे विभाग हैं जो कोरोना की जंग आगे होकर लड़ रहे हैं। क्या उनके लिए सरकार की व्यवस्थाओं से आप संतुष्ट हैं?
उत्तर : एक पहलू और भी है, कोरोना की जंग में बहादुर सेनानी डॉक्टर, मैडीकल स्टाफ, पुलिस के कर्मचारी और अधिकारी, सफाई कर्मचारी, पत्रकार सब आगे खड़ेे हैं। पत्रकार सबको खबर पहुंचाते हैं, सफाई कर्मचारी सफाई का काम करते हैं, पुलिसकर्मी और अधिकारी पूरी लॉ एंड ऑर्डर व्यवस्था देख रहे हैं जबकि अस्पताल के सिपाही डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी हैं। यह शर्म की बात है कि पंचकूला में एक नर्स को रेनकोट पहनकर कोरोना की बीमारी का इलाज करते सब ने देखा, इसी प्रकार से रोहतक मैडीकल कॉलेज के डॉक्टर हैल्मेट पहनकर कोरोना वायरस का इलाज करते देखे गए जबकि पंचकूला की एक नर्स तो कोरोना से ग्रस्त हो गई है। जंग लडऩे वाले सिपाहियों के पास ही जरूरी इक्विपमैंट नहीं हैं तो वे लड़ाई कैसे लड़ेंगे?

प्रश्न : प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने दावा किया है कि पलायन करने वाले मजदूरों को रोक लिया गया है और शैल्टर होम्स में उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं?
उत्तर : सबसे पहले तो जहां ये सुविधाएं दी जा रही हैं उसका मैं हरियाणा की जनता की ओर से सरकार का धन्यवाद करता हूं जबकि पंजाब केसरी को भी साधुवाद देता हूं। सरकार का आंकड़ा 22 हजार मजदूरों का है जबकि हरियाणा में साढ़े 5 लाख मजदूर काम करते हैं। बाकी सवा 4 लाख मजदूर कहां गए? इन 22 हजार मजदूरों में भी पंजाब केसरी ने दिखाया है कि सोशल डिस्टैंसिंग मैंटेन नहीं हो रही। क्या सरकार की इन्हें संक्रमण से बचाने की जगह संक्रमण फैलाने की तैयारी है? 

प्रश्न : हरियाणा में बहुत से लघु उद्योग हैं जो लॉकडाऊन के चलते बंद पड़े हैं जबकि कई प्रदेशों में कुछ शर्तों के साथ फैक्टरियां चलाने के लिए कहा गया है?
उत्तर : पानीपत में दरी, रजाई, फैब्रिक्स का व्यापार है। जो बिल्कुल ठप्प पड़ा है। इसी प्रकार से जगाधरी और यमुनानगर का बर्तन एवं प्लाईवुड उद्योग ठप्प पड़ा है। हमारा अंबाला का साइंटिफिक इंस्ट्रूमैंट्स उद्योग बिल्कुल ठप्प पड़ा है। हमारा कपड़ा एवं आई.टी. उद्योग भी ठप्प पड़ा है। फरीदाबाद की पूरी इंडस्ट्री ठप्प पड़ी है। सब जगह पूरी तरह से तालाबंदी का माहौल है। ये सब लघु उद्योग हैं। इनमें से कोई भी बड़ा उद्योगपति नहीं है जबकि मारुति और होंडा जैसी कंपनियों ने प्रोडक्शन ही बंद कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इन उद्योगपतियों से बात क्यों नहीं करते? उनकी प्रोडक्शन को चालू क्यों नही करवाते? उपमुख्यमंत्री इस बारे में क्या कर रहे हैं? सभी लघु उद्योगों के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा क्यों नहीं हो रही?  आज हमारे छोटे-छोटे लघु उद्योगों को पैकेज देने की आवश्यकता है।

प्रश्न : आप अपने तौर पर आम जनता से क्या अपील करना चाहेंगे?
उत्तर : कोरोना से लड़ी जाने वाली जंग में हम सब को खुद की सुरक्षा करनी पड़ेगी। परिवार की सुरक्षा और हमें मिलने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा करनी पड़ेगी जिसके सीधे नियम हैं। जहां तक हो सके अपने घर में लॉकडाऊन की अनुपालना करें। लॉकडाऊन के बाद भी जब तक जरूरत न हो अपने घरों से न निकलें जबकि अपने हाथ बार-बार साबुन या सैनिटाइजर से धोने के अलावा सब्जियां व फल भी धोकर खाएं।

प्रश्न : इस समय सरकार की ओर से भी किसानों की फसल की खरीद के दावे कितने सही हैं?
उत्तर : अन्य वर्गों के साथ-साथ प्रदेश में एक महत्वपूर्ण पहलू खेती और किसान और खेत मजदूर है। हरियाणा की 80 प्रतिशत आबादी लगभग खेती से जुड़े व्यवसायों पर आधारित है। खट्टर साब ने फरमान जारी कर दिया है कि 20 अप्रैल से पहले खरीद जारी नहीं करेंगे। लॉकडाऊन तो 14 अप्रैल को खत्म हो जाएगा जबकि 14 से 20 अप्रैल तक इसे क्यों टाला जा रहा है? किसान तो पहले से ही बेमौसमी बारिश की मार झेल रहा है जबकि फसल एक दिन भी अधिक खड़ी रहे तो उसका नुक्सान होता है लेकिन सी.एम. मनोहर लाल कह रहे हैं कि 20 अप्रैल से 5 मई तक एक हिस्से में खरीद करेंगे, 5 मई से 31 मई तक एक हिस्से में जबकि 1 जून से 30 जून तक एक हिस्से में खरीद करेंगे। 5 दिन हो गए इस बात को कहे हुए लेकिन आज तक बोनस की चि_ी पर प्रधानमंत्री दस्तखत ही नहीं कर पाते तो ऐसे में उस चि_ी के मायने क्या रहेंगे? ऐसे में गेहूं और सरसों की खरीद कैसे होगी?  अगर आप आज भी ऐसा करेंगे तो किसान, खेती और प्रदेश की अर्थव्यवस्था सब मर जाएंगे।
     प्रस्तुति : धरणी

Shivam