हरियाणा में भैंस के बच्चे में मिला कोरोना का नया वैरियंट ‘बुवाइन’

7/10/2021 1:04:32 PM

ब्यूरो: लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के एनिमल बायोटेक्नोलाजी विभाग ने अपने शोध में बुवाइन कोरोना वायरस को खोजा है। कोरोना प्रजाति का यह वायरस कटई (एक माह से छोटा भैंस का बच्चा) में पाया गया है। इसके लिए विज्ञानियों ने लॉकडाउन से पहले प्रदेशभर से कटड़ों के 250 से अधिक नमूने लिए थे। इन सैंपलों में कई पाजिटिव मिले। जिसमें से पांच संक्रमित नमूनों को लैब में विकसित कर सीक्वेंसिंग की गई और उनके बारे में जाना गया। यह इसलिए भी था क्योंकि वायरस अलग-अलग जानवरों में दाखिल होने की प्रवृति रखता है।

विभाग की वरिष्ठ विज्ञानी डा. मीनाक्षी बताती है कि आने वाले 10 वर्षों में इंसानों में जो बीमारियां आएँगी, वह पशुओं से आने की संभावना है। जैसे कोरोना वायरस इसका खतरा अभी तक टला नहीं है। इसी तरह कई वायरस है जी जानवरों में मौजूद है और म्यूटेशन के बाद नया रूप ले सकते हैं। इसकी सर्विलांस नेटवर्क स्तर पर होनी चाहिए। इसके साथ ही एकल स्वास्थ्य शिक्षा (वन वर्ल्ड बन नेशन) पर जोर देना होगा। एकल स्वास्थ्य में वेटरनरी मेडिकल, आयुर्वेद, योग जैसी विधाओं को एकसाथ एक मंच पर आकर काम करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में जी-7 देशों की बैठक में एकल स्वास्थ्य की बात कही थी। मगर देशभर में यह भी जानना जरूरी है कि यह वायरस अब किस प्रजाति में जा रहा है क्या यह पशुओं में जा रहा है। 

बुवाइन कोरोना  पशुओं के मलमूत्र, दूध या मांस के जरिए इसानों में पहुंच सकता है। डा. मीनाक्षी के अनुसार सार्स कोविड-2 में भी शुरुआत में कई लोगों को दस्त हुए इस वायरस का उपचार भी नैनो फार्मूलेशन से खेज रहे हैं, इसमें काफी सकारात्मक परिणाम मिले है। पशुओं का इस फार्मूलेशन से उपचार किया जा सकता है।

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Content Writer

Isha