सिविल अस्पताल के गेट पर नहीं लगे हैं ड्रॉप बॉक्स, बीड़ी व सिगरेट के धुएं में उड़ रहे निर्देश

12/16/2019 11:54:23 AM

जींद (जसमेर) : जिले का सिविल अस्पताल नो-स्मोकिंग जोन बनने से अभी कोसों दूर हैं। सिविल अस्पताल में कायदे से कोई भी व्यक्ति बीड़ी, सिगरेट या तम्बाकू से बने उत्पाद अपने साथ लेकर एंट्री भी नहीं कर सकते लेकिन सिविल अस्पताल में सूरत-ए-हाल यह है कि लोग अस्पताल परिसर में बीड़ी और सिगरेट के धुएं में सुप्रीम कोर्ट से लेकर खुद स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के आदेशों को उड़ाते नजर आते हैं।

अस्पताल के मेन गेट पर वह ड्राप बॉक्स भी नहीं हैं, जो कायदे से यहां होने चाहिएं, जिनमें लोग अस्पताल में एंट्री के वक्त अपने पास मौजूद बीड़ी, सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पाद उसमें डाल सकें। सुप्रीम कोर्ट कई साल पहले बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सिविल अस्पताल जैसे सार्वजनिक स्थलों को नो-स्मोकिंग जोन घोषित कर चुका है। इन आदेशों के बाद इन सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना गैर-कानूनी है।

सिविल अस्पताल के मामले में तो निर्देश और भी ज्यादा कड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने काफी समय पहले यह आदेश जारी किए थे कि सिविल अस्पताल में आने वाले मरीज, उनके परिजन, अस्पताल के  कर्मचारी या अधिकारी कोई भी अपने साथ बीड़ी, सिगरेट या दूसरे तम्बाकू उत्पाद लेकर अस्पताल परिसर में एंट्री नहीं कर सकते। लोगों को अपने पास मौजूद इस तरह के उत्पादों को अस्पताल में एंट्री से पहले उस ड्राप बॉक्स में डालने होंगे, जिनका अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर होना अनिवार्य है। अतिरिक्त मुख्य सचिव के इन आदेशों पर शुरू में तो जींद के सिविल अस्पताल में अमल हुआ था लेकिन बाद में आदेश हवाहवाई होते चले गए।

अस्पताल में मरीज और उनके परिजन पार्कों में धूम्रपान करते रहते हैं। उन्हें ऐसा करने से रोकने वाला कोई नहीं है। सिविल अस्पताल के किसी भी मेन गेट पर अस्पताल परिसर में तम्बाकू उत्पाद ले जाने पर रोक लगी होने की चेतावनी देने वाले बोर्ड भी नहीं लगे हुए हैं। इस तरह के बोर्ड नहीं लगे होने से मरीजों और उनके परिजनों को उस कानून के बारे में पता ही नहीं चल पाता, जिसमें अस्पताल परिसर में किसी भी तरह का तम्बाकू उत्पाद ले जाने पर रोक लगाई गई है।  सिविल अस्पताल के 2 मेन गेट गोहाना रोड पर हैं। इनमें से किसी भी गेट पर अस्पताल प्रशासन ने तम्बाकू उत्पाद डालने के लिए ड्रॉप बॉक्स नहीं लगाए हैं।

कायदे से अस्पताल के इन दोनों मुख्य प्रवेश द्वारों के साथ-साथ बीच में बने एक छोटे गेट पर ड्रॉप बॉक्स लगाने चाहिएं। ड्रॉप बॉक्स पर बड़े शब्दों में यह लिखा होना चाहिए कि मरीज या उनके परिजन और कर्मचारी अपने पास मौजूद बीड़ी, सिगरेट या दूसरे तम्बाकू उत्पाद इन ड्रॉप बॉक्स में डालें। नियम यह कहता है कि अस्पताल परिसर में एंट्री से पहले मरीजों, उनके परिजनों और कर्मचारियों तथा अधिकारियों को अपने पास मौजूद हर तरह के तम्बाकू उत्पाद इन ड्रॉप बॉक्स में डालने चाहिएं। अस्पताल से बाहर जाते समय लोग अपने तम्बाकू उत्पादों को ड्रॉप बॉक्स से निकालकर ले जा सकते हैं। अस्पताल के मेन गेट पर ड्रॉप बॉक्स नहीं होने से अस्पताल में आने वाले लोग अपने पास मौजूद तम्बाकू उत्पादों को अपने साथ ही कैम्पस में ले जाते हैं और यह पूरी तरह से गैर-कानूनी है। 

Isha