BPS महिला मेडिकल कालेज में 1654 नर्सिंग स्टाफ भर्ती का रिकॉर्ड हुआ गायब, जांच जारी(VIDEO)

8/4/2018 6:19:58 PM

गोहाना(सुनील जिंदल): गोहाना के खानपुर में स्थित महिला मेडिकल कालेज से 2012 में हुई 1654 नर्सिंग स्टाफ की भर्ती हुई थी। इन भर्तियों का रिकॉर्ड गायब होने का मामला सामने आया है। इस मामले में मेडिकल के डायरेक्टर ने महिला थाना पुलिस में रिपोर्ट देकर मामला दर्ज करवाया है। मेडिकल में स्टाफ नर्स नियुक्तियों का रिकॉर्ड गायब होने से उस समय चयनित हुए पदाधिकारियों की प्रमोशन भी रुकी है। साथ-साथ लोगों द्वारा भर्ती को लेकर आरटीआई लगाने वालों को भी मेडिकल प्रशासन द्वारा जवाब नहीं दिया जा रहा है। उधर मेडिकल के रिकॉर्ड के गायब होने के पिछले मेडिकल के कई अधिकारी व स्टाफ पर शक जताया जा रहा है, जिस को लेकर मामले में 2016 से जांच चल रही है।



गौरतलब है कि भगत फूल सिंह महिला मेडिकल अस्पताल की ओपनिंग के समय वर्ष 2012 में सभी पोस्टों की भर्ती के लिए परीक्षा ली गई थी। उस समय पेपर कराने की जिम्मेवारी डॉ. ज्योति कुमारी की थी। वर्ष 2016 में इसी मामले को लेकर जब सुप्रीडेंट सुरेश कुमारी को सस्पेंड किया गया तो कुछ पेपर उनके कमरे में मिले, जहां से मामला उजगार हुआ। उस समय निदेशक डॉ. एपीएस बत्रा ने इसकी जांच कराए जाने की मांग की जिसके बाद स्टाफ की भर्ती परीक्षा का कोई रिकॉर्ड नहीं मिल पाया। रिकॉर्ड के साथ सेलेक्शन लिस्ट भी गायब मिली कि किस उम्मीदवार को कितने नंबर परीक्षा में आए है।

इस मामले में मेडिकल के निदेशक डॉ. एपीएस बत्रा ने बताया 1654 नर्सिंग स्टाफ की जो भर्ती वर्ष 2012 में की गई थी उसका सारा रिकॉर्ड गुम है। अब उन कर्मचारियों की प्रमोशन रुकी हुई है। वह आरटीआई का जवाब भी रिकॉर्ड गुम होने पर नहीं दे पा रहे हंै। कमेटी ने मामले की जांच की थी। जिसके बाद डॉ. ज्योति कुमारी ने एक लिस्ट की फोटो कॉपी दी, लेकिन रिकॉर्ड तो पूरा गुम है। 



इस मामले में सोनीपत के एडिशनल एसपी राजीव देसवाल ने बताया इस मामले की खानपुर कलां थाना में शिकायत दी थी जिन्होंने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है अभी मामले की जांच की जा रही है जांच के बाद ही सारी स्थिति साफ हो सकेगी।

उम्मीदवारों की प्रमोशन भी रुकी 
उधर भर्ती का पूरा रिकॉर्ड गुम होने जाने के बाद सेलेक्ट हुए सभी उम्मीदवारों की प्रमोशन भी रुकी हुई है। सूची व रिकॉर्ड गायब होने के कारण यह पता नहीं चल पा रहा है कि कौन से कर्मचारी को कितने नंबर है और कौन किससे प्रथम है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन भी परेशान है इस के इलावा लोगों द्वारा भर्ती को लेकर आरटीआई लगाई जा रही है कि कितने नंबर किसी उम्मीदवार के है और उनका किस आधार पर चयन किया गया है। यह वह लोग है जो ज्यादा नंबर आने पर भी चयनित नहीं किए गए और उनसे कम नंबर वालों को संस्थान में नौकरी दे दी गई। 

Shivam