सद्भाव यात्रा के पहले चरण में 14 विधानसभा क्षेत्र कवर, 13 हलकों में आज से दस्तक देंगे बृजेंद्र
punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 09:40 PM (IST)
चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : कांग्रेस के विदेश विभाग के उपाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह की ओर से प्रदेश में निकाली जा रही सद्भाव यात्रा के बाद कांग्रेस की सियासत में हलचल तेज है और चर्चाओं का बाजार भी लगातार गर्म है। जहां कांग्रेस के कई नेता इस यात्रा को खुलकर अपना समर्थन देते नजर आए हैं तो वहीं कुछ नेताओं ने अभी तक इस यात्रा से अपनी दूरी बना रखी है। कांग्रेस प्रभारी इस यात्रा को बृजेंद्र सिंह का निजी कार्यक्रम बता चुके हैं तो नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने इस यात्रा को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। ऐसे में बृजेंद्र सिंह की इस सद्भाव यात्रा को लेकर कांग्रेस में विभिन्न चर्चाओं का दौर लगातार जारी है। ‘कांग्रेस का हाथ-भाईचारे के साथ’ नारे पर आधारित इस यात्रा के तहत बृजेंद्र सिंह जहां लगातार सरकार पर प्रहार कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश का संचार भी करते नज़र आ रहे हैं । बृजेन्द्र सिंह विभिन्न चरणों में 180 दिनों में करीब 3600 किलोमीटर पैदल चलते हुए प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में दस्तक देंगे। इस यात्रा के पहले चरण में अब तक वे 14 विधानसभा क्षेत्र कवर करते हुए 550 किलोमीटर पैदल चल चुके हैं।
गौरतलब है कि बृजेंद्र सिंह ने 5 अक्तूबर को नरवाना हलका के गांव दनौदा के ऐतिहासिक बिनैन खाप के चबूतरे से अपनी सद्भाव यात्रा का आगाज किया था। पहले चरण में उन्होंने नरवाना, कलायत, सफीदों, जींद, जुलाना, नारनौंद, उचाना, उकलाना, बरवाला, आदमपुर, नलवा, हिसार, हांसी और बवानीखेड़ा विधानसभा क्षेत्र कवर किए हैं और उनका पहला चरण 6 नवंबर को समाप्त हो चुका है। पहले चरण में सिरसा से कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा ने हिसार के कैमरी गांव पहुंचकर यात्रा को समर्थन दिया। 5 अक्तूबर को ही यात्रा के शुभारंभ अवसर पर कैथल के विधायक आदित्य सुर्जेवाला ने समर्थन जताया। इसके अलावा पूर्व विधायक शमशेर गोगी, चुरु से कांग्रेस के सांसद राहुल कसवां, पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा, पूर्व मंत्री अतर सिंह सैनी भी यात्रा को अपना समर्थन दे चुके हैं। जींद जिले में कांग्रेस की एकमात्र विधायक विनेश फौगाट समेत पूर्व विधायक रामकिशन बैरागी, नरवाना से विगत चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे सतबीर दबलैण, बरवाला से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे रामनिवास घोङ़ेला के पुत्र समेत कांग्रेस के कई पूर्व मंत्रियों, विधायकों व अनेक संगठनों के पदाधिकारी भी इस यात्रा को समर्थन दे चुके हैं। इसी तरह से पूर्व मंत्री एवं थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा भी उनकी इस यात्रा की तारीफ कर चुके हैं और उनका मानना है कि कोई भी यात्रा या कार्यक्रम कांग्रेस की मजबूती के लिए हो रहा है तो वह पार्टी और कार्यकत्र्ता दोनों के लिए ठीक है।
सियासी विश्लेषक मानते हैं कि जिस तरह से यात्रा की शुरूआत में टीका-टिप्पणी की गई और यात्रा को लेकर उनके विरोधियों ने सवाल उठाए, उससे लगा कि यात्रा में गतिरोध आ सकता है, लेकिन जिस तरह से यात्रा के पहले चरण में बृजेंद्र सिंह को प्रत्येक स्थान पर लोगों का सहयोग मिला है उससे बृजेंद्र सिंह के साथ-साथ कांग्रेस में उनके समर्थकों का भी उत्साह बढ़ा है। बृजेंद्र ङ्क्षसह के समर्थकों का कहना है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के और नेता भी उनके साथ नजर आ सकते हैं और हमारी यात्रा का उद्देश्य भी कांग्रेस को एकजुट व मजबूत करने के साथ-साथ कार्यकत्र्ताओं में जोश का संचार करना है। विशेष बात यह है कि दूसरे चरण की यात्रा का आगाज मंगलवार 11 नवंबर को नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र से होगा। दूसरे चरण में बृजेंद्र सिंह नारनौल, महेंद्रगढ़, लोहारु, तोशाम, भिवानी, दादरी, बाढड़ा, कलानौर, महम, गोहाना, बरोदा एवं इसराना में पदयात्रा करते हुए कुल 13 विधानसभा क्षेत्र कवर करेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान वे हर रोज करीब 20 किलोमीटर पैदल चलते हैं।
आईएएस की नौकरी छोड़ सियासत में आए थे बृजेंद्र सिंह
गौरतलब है कि 1998 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी बृजेंद्र ङ्क्षसह करीब 20 वर्षों तक भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहे और 2018 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और 2019 में भाजपा की टिकट पर वे हिसार से सांसद चुने गए। 2024 में अपने पिता के साथ कांग्रेस में आ गए, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें संसदीय चुनाव में टिकट नहीं दिया। अक्तूबर 2024 के विधानसभा चुनाव में बृजेंद्र सिंह ने उचाना से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के देवेंद्र अत्री से करीब 32 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे। बृजेंद्र सिंह के पिता चौ. बीरेंद्र सिंह 70 के दशक में राजनीति में सक्रिय हुए थे। वे 5 बार उचाना से विधायक चुने जाने के अलावा एक बार लोकसभा के सदस्य और 2 बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। इसके अलावा वे दो बार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं तीन बार हरियाणा में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। 2014 में संसदीय चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हुए और भाजपा ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया और वे मोदी सरकार में ग्रामीण एवं पंचायत मंत्री बने। थे। 2024 के संसदीय चुनाव से पहले वे कांग्रेस मेें शामिल हो गए थे। बृजेंद्र सिंह की माता प्रेमलता भी साल 2014 में भाजपा की टिकट पर उचाना से विधायक निर्वाचित हुई थीं।
राहुल गांधी की लुक में आ रहे हैं नजर
खास पहलू यह है कि बृजेंद्र सिंह की सद्भाव यात्रा को शुरू हुए करीब एक माह से अधिक का समय हो गया है। जिस तरह की लुक में राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान नजर आए थे, वैसा ही अंदाज और पहनावा बृजेंद्र सिंह का भी दिख रहा है। राहुल गांधी की तरह से बृजेंद्र सिंह ने दाढ़ी बढ़ा रखी है। उन्हीं की तरह से बिस्कुट कलर की पैंट एवं हॉफ बाजू की सफेद रंग की टीशर्ट डालते हैं। राहुल गांधी के अंदाज में ही यात्रा के दौरान लोगों से मिलते हैं। बुजुर्गों का आशीर्वाद ले रहे हैं तो बच्चों से दुलार करते हैं। खास बात यह है कि यात्रा के शुरूआती चरण में बृजेंद्र ने प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी, खराब कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे उठाए तो अब राहुल गांधी की ओर से पिछले दिनों हरियाणा को लेकर वोट चोरी के संदर्भ में उठाए गए सवालों को लेकर भी जनता के बीच जा रहे हैं। खास बात यह है कि इस यात्रा के दौरान बृजेंद्र सिंह का उत्साह बढ़ाने के लिए उनके पिता चौ. बीरेंद्र सिंह, पत्नी जसमीत कौर, बेटी कुदरत व बेटे समरवीर सिंह भी यात्रा में शामिल हो चुके हैं।
यात्रा का उद्देश्य आपसी भाईचारे को मजबूत करना: बृजेंद्र सिंह
जब सद्भाव यात्रा को लेकर बृजेंद्र सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य आपसी सद्भाव को और अधिक मजबूत करना है। यही वजह है कि इस यात्रा को कांग्रेस का हाथ, भाईचारे के साथ नारे को आधार बनाकर शुरू किया गया है और यात्रा के दौरान हम सभी को साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि कांग्रेस को एकजुट किया जाए और कार्यकत्र्ताओं में भी नया उत्साहवर्धन हो। उनका कहना है कि इस यात्रा को लेकर हम सद्भाव व भाईचारा मजबूत करने के साथ-साथ सरकार की जनविरोधी नीतियों को भी उजागर कर रहे हैं। बृजेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में हरियाणा में जुमलेबाजी के अलावा कुछ नहीं हुआ है और प्रदेश में किसान, व्यापारी व आमजन सभी परेशान हैं। बेरोजगारी निरंतर बढ़ रही है। किसानों को उनकी जरूरत की चीजें नहीं मिल रही हैं और वोट चोरी से बनी सरकार अपनी मौज-मस्ती में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी का मुद्दा प्रमाण सहित उठाए जाने के बाद अब भाजपा के पास इसका कोई जवाब नहीं है और ये लोग इस मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश में लगे हुए हैं।