बंधुआ मजदूरी का नृशंस प्रकरण: आयोग ने मांगी सघन जांच रिपोर्ट, दोषियों पर शिकंजा कसने के निर्देश
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 08:48 AM (IST)
चंडीगढ़ (धरणी) : एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार “15 वर्षीय बालक के बंधुआ मजदूरी और शारीरिक शोषण” का स्वतः संज्ञान लेते हुए हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने गंभीर चिंता व्यक्त की थी। इस मामले में 13-08-2025 को अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा तथा दोनों सदस्यों कुलदीप जैन और दीप भाटिया को मिलाकर बने पूर्ण आयोग ने अपने आदेश में संबंधित अधिकारियों को तत्काल एवं व्यापक जांच के निर्देश दिए थे।
दिनांक 13-08-2025 के हरियाणा मानव अधिकार आयोग के पूर्व आदेश की अनुपालना में, 09.10.2025 को पुलिस अधीक्षक, नूंह से प्राप्त रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इस प्रकरण में FIR संख्या 18 दिनांक 10.08.2025 को बाल न्याय (देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धाराओं 75 और 79 तथा भारतीय न्याय संहिता (B.N.S.) की धाराओं 118(2), 125, 127(4), 137, 146, 289 और 3(5) के अंतर्गत थाना जी.आर.पी., बहादुरगढ़ में मामला दर्ज किया गया है।
आयोग ने उक्त रिपोर्ट का अवलोकन किया है और इससे संतुष्ट नहीं है। एफआईआर और संलग्न दस्तावेजों की सामग्री से यह स्पष्ट होता है कि अल्पवयस्क पीड़ित बालक संतोष को आरोपी अनिल कुमार द्वारा बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन से एक काले रंग की मोटरसाइकिल पर बैठा कर लगभग आधे घंटे की दूरी पर स्थित एक डेयरी फार्म ले जाया गया, जहाँ उस बालक संतोष से बंधुआ मजदूरी करवाई गई। यह घटनाक्रम स्पष्ट रूप से अपहरण, अवैध बंधन और शारीरिक उत्पीड़न की एक सतत श्रृंखला को दर्शाता है, जिसकी सघन और समयबद्ध जांच आवश्यक है।आयोग ने इस मामले की प्रगति रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक, रेलवे, अंबाला छावनी से प्राप्त करने का निर्देश दिया है।
रिपोर्ट से यह भी प्रतीत होता है कि वह डेयरी फार्म बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन से लगभग 20–25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, किंतु पुलिस रिपोर्ट में घटना स्थल का सटीक उल्लेख नहीं किया गया है, न ही यह स्पष्ट किया गया है कि पीड़ित बालक संतोष का बायां हाथ कहाँ और कैसे काटा गया। जस्टिस ललित बत्रा की अध्यक्षता वाले पूर्ण आयोग ने चिंता व्यक्त की है कि पुलिस रिपोर्ट में अब तक आरोपियों की पहचान, उनका पता लगाने या गिरफ्तारी संबंधी कोई ठोस प्रगति नहीं दिखाई गई है। आयोग का मानना है कि का मत है कि अब तक की जांच अपूर्ण, अस्पष्ट है। आयोग ने पाया कि पुलिस रिपोर्ट में घटनास्थल का सटीक विवरण, आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी की प्रगति का अभाव है।
क्या था मामला:
रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के किशनगंज जिले का यह बालक संतोष रोजगार के झूठे प्रलोभन में फंसाकर बंधुआ मजदूरी के लिए हरियाणा लाया गया था। बताया गया कि बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर अपने साथियों से बिछड़ने के बाद यह बालक संतोष एक व्यक्ति के संपर्क में आया जिसने उसे ₹10,000 मासिक वेतन पर डेयरी में काम का लालच दिया। परंतु उसे दो माह तक जबरन मजदूरी करवाई गई और शारीरिक उत्पीड़न सहना पड़ा। चारा काटते समय हुई गंभीर दुर्घटना में उसका बायां हाथ कट गया, जिसके बाद नियोक्ता ने उसे बिना सहायता के सुनसान स्थान पर छोड़ दिया। घायल अवस्था में बालक किसी तरह नूंह पहुंचा, जहाँ एक संवेदनशील शिक्षक ने उसकी मदद की, चिकित्सा सहायता दिलाई और पुलिस को सूचना दी।तब आयोग ने कहा था कि यह घटना न केवल संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन को दर्शाती है, बल्कि यह भी उजागर करती है कि बच्चों की सुरक्षा हेतु बनाए गए संस्थागत तंत्र में गंभीर कमी है।
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा तथा दोनों सदस्यों कुलदीप जैन और दीप भाटिया को मिलाकर बने पूर्ण आयोग ने यह अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया था कि यह घटना संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार अभिसमय (UNCRC) के अनुच्छेद 32 का प्रत्यक्ष उल्लंघन है, जो राज्यों को बच्चों को आर्थिक शोषण और खतरनाक कार्यों से बचाने का दायित्व सौंपता है। यह मामला बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 और बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 का भी prima facie उल्लंघन प्रतीत होता है। और यदि ये आरोप सत्य पाए जाते हैं तो यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 और 23 के तहत प्रदत्त जीवन के अधिकार और जबरन श्रम पर प्रतिबंध का गंभीर उल्लंघन होगा।
जांच संबंधी निर्देश;
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के समक्ष प्रस्तुत अब तक की जांच अपूर्ण, अस्पष्ट होने पर सुश्री नीतिका गहलौत (IPS), पुलिस अधीक्षक, रेलवे, अंबाला छावनी से टेली-कॉन्फ्रेंस द्वारा संपर्क किया गया। उन्होंने अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा को आश्वस्त किया कि वे स्वयं मामले की निगरानी करेंगी और घटनास्थल की पुष्टि, आरोपियों की खोज एवं जांच की पूरी श्रृंखला को सघनता से आगे बढ़ाएंगी।आयोग ने उन्हें निर्देशित किया है कि वे अगली सुनवाई (27.11.2025) से पूर्व अद्यतन रिपोर्ट आयोग में प्रस्तुत करें तथा जांच रिकॉर्ड सहित व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों।आयोग के दिनांक 13.8.2025 के आदेश की अनुपालना में, उपायुक्त, जींद; उपायुक्त, नूंह; मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सिविल सर्जन), नूंह; तथा बाल संरक्षण अधिकारी, नूंह से अब तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। उन्हें पुनः निर्देशित किया जाता है कि वे अपनी स्थिति/कार्यवाही रिपोर्ट अगली सुनवाई से पूर्व आयोग को प्रस्तुत करें।
प्रोटोकॉल, सूचना व जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि उपलब्ध तथ्यों और गंभीर आरोपों को देखते हुए, हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने आदेश दिया है कि निम्न मुख्य बिंदुओं पर -
आरोपियों की पहचान, गिरफ्तारी और डेयरी प्रतिष्ठान में बंधुआ मजदूरी की जांच;
घायल बालक की पूर्ण चिकित्सीय रिपोर्ट और पुनर्वास योजना;
श्रम कानूनों के उल्लंघन की विस्तृत जांच और उत्तरदायित्व निर्धारण;
आयुक्त पुलिस, झज्जर, पुलिस अधीक्षक, नूंह, सहायक श्रम आयुक्त, जींद, उपायुक्त, जींद; उपायुक्त, नूंह; सिविल सर्जन, नूंह; तथा बाल संरक्षण अधिकारी, नूंह को सुनवाई की अगली तिथि 27 नवम्बर 2025 से पहले आयोग के सामने अपनी रिपोर्ट प्रतुत करें| आयुक्त पुलिस, झज्जर को निर्देशित किया गया है कि वे उप पुलिस आयुक्त, बल्लभगढ़ को नामित कर पुलिस अधीक्षक, रेलवे, अंबाला छावनी को आवश्यक सहयोग प्रदान करें, क्योंकि घटना की शुरुआत बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन (झज्जर) से हुई थी।
पुलिस अधीक्षक, नूंह को निर्देश दिया गया है कि वे घटनास्थल की पहचान और आरोपियों की गिरफ्तारी में पूर्ण सहयोग करें।चूंकि पीड़ित बालक को बाद में नूंह जिले के क्षेत्र से बरामद किया गया, इसलिए पुलिस अधीक्षक, नूंह को भी निर्देशित किया जाता है कि वे पुलिस अधीक्षक, रेलवे, अंबाला छावनी को पूर्ण सहयोग दें ताकि घटनास्थल की सही पहचान की जा सके| जहां बालक से बंधुआ मजदूरी करवाई गई तथा जहाँ उसका बायां हाथ चारा काटने की मशीन से कट गया।
सहायक श्रम आयुक्त, जींद को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर संपूर्ण रिकॉर्ड प्रस्तुत करने को कहा गया है।10.10.2025 की दिनांकित एक विस्तृत रिपोर्ट सहायक श्रम आयुक्त, जींद से भी प्राप्त हुई है। आयोग उक्त रिपोर्ट से असंतुष्ट है। अतः सहायक श्रम आयुक्त, जींद को निर्देशित किया जाता है कि वे अगली सुनवाई की तिथि पर आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों और सम्पूर्ण संबंधित रिकॉर्ड सहित आयोग की सहायता करें।