गठबंधन के बाद हरियाणा में सोशल इंजीनियरिंग पर बसपा का जोर

4/26/2018 9:19:35 AM

अम्बाला(नरेन्द्र वत्स): हरियाणा में इनेलो के साथ गठबंधन होने के बाद बसपा नेताओं ने सोशल इंजीनियरिंग पर काम करना शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में दलित बसपा के साथ रहते हैं। अब पार्टी सवर्ण जातियों के प्रभावशाली नेताओं को साथ जोडऩे के प्रयास कर रही है। इनेलो की स्थिति गांवों में मजबूत होने के कारण बसपा गांवों की बजाय शहरी क्षेत्रों पर जनाधार मजबूत करने का प्रयास कर रही है।

पार्टी के पास प्रदेश में मजबूत नेताओं की कमी है। इनेलो के साथ गठबंधन होने के बाद पार्टी ने अपने इकलौते विधायक को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब बसपा के पास प्रदेश में प्रभावशाली नेता नहीं हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गठबंधन होने के बाद पार्टी पदाधिकारियों ने सक्रिय होना शुरू कर दिया है। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश भारती ने दूसरे दलों के प्रभावशाली नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।

भारती प्रदेश के ब्राह्मण व वैश्य नेताओं से संपर्क साध रहे हैं, ताकि उन्हें पार्टी के साथ जोड़ा जा सके। इसी कड़ी में वह दो ब्राह्मण नेताओं व एक वैश्य नेता से संपर्क कर चुके हैं। पार्टी विधानसभा चुनावों के लिए ऐसे नेताओं की तलाश में है, जो पार्टी की नैया पार लगाने की स्थिति में हों। खासकर ऐसे नेताओं पर बसपा की नजर है जो अपनी ही पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे हों। ऐसे नेताओं को तोड़कर अपने खेमे में शामिल करना मुश्किल नहीं होगा।

सूत्र बताते हैं कि 60 फीसदी सीटों पर इनेलो और 40 फीसदी सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी। जाट बाहुल्य इलाकों में इनैलो के प्रत्याशी ज्यादा उतारे जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में इनेलो के ज्यादा प्रत्याशी होंगे और शहरी क्षेत्र में बसपा के। साथ ही जिन हलकों में दलित वोट ज्यादा हैं, वहां बसपा प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारने का प्रयास रहेगा। बसपा को इनेलो के वोट बैंक का फायदा तो मिलेगा ही साथ ही दलित वोट भी उसे हासिल होंगे।

यही कारण है कि अब बसपा सवर्ण जातियों को अपने साथ जोडऩे का प्रयास कर रही है ताकि वह प्रदेश में मजबूती के साथ खड़ी हो सके। कांग्रेस और भाजपा दोनों के नेता यह मान रहे हैं कि इस गठबंधन का कोई असर नहीं होने वाला है। वे गठबंधन को हलके में लेने का नाटक कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि गठबंधन के बाद से दोनों प्रमुख दलों के नेताओं ने नए सिरे से रणनीति पर विचार करना शुरू कर दिया है।

Rakhi Yadav