नगर निगम सदन बैठक में 1876 करोड़ का बजट पास, विपक्षियों ने भी की सराहना(video)

3/27/2018 12:06:23 PM

फरीदाबाद(ब्यूरो): शहर में विकास को गति देने के लिए आगामी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 1876 करोड़ का बजट मात्र एक घंटे में सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। हालांकि कई मुद्दों पर पार्षदों ने अपना एतराज व्यक्त किया जिस पर निगमायुक्त ने महापौर, वरिष्ठ उपमहापौर व उपमहापौर को अापसी सहमती से आश्वस्त कर दिया। बैठक में रिकवरी के मुद्दे पर पार्षदोंं ने नगर निगम अधिकारियों से जबाब-तलब भी किया। 

निगम आयुक्त मो. शाईन ने सदन को वर्ष 2018-19 की अनुमानित आय-व्यय का ब्यौरा दिया। बैठक देरी से होने के कारण कई पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार करने की बात कही थी परंतु बैठक शुरू होने से पूर्व पार्षद नगर निगम सभागार के बाहर एकजुट हुए और उन्होंने बैठक शुरु होने से पूर्व आपसी बातचीत की। इसके बाद बैठक में बजट रखा गया।  लगभग एक घंटे में पार्षदों ने बजट पर सहमति जता दी और ध्वनिमत से बजट पास कर दिया गया। इस दौरान पार्षदों ने जहां सीएम द्वारा घोषित किया गया पार्षदों का स्वैच्छिक कोष न मिलने पर सवाल उठाए वहीं एलईडी लाइट पर भी चर्चा की गई। बैठक में लोगों पर नगर निगम की बकाया राशि को लेकर नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही को भी उठाया गया। इसके अलावा हाउस टैक्स के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। 

229343.95 लाख की अनुमानित आय
नगर निगम द्वारा आगामी वित्त वर्ष में 229343.95 लाख रुपए की आमदनी का अनुमान लगाया गया है। इनमें निगम को वर्ष 2018-19 में सरकार से सशर्त व बिना सशर्त विकास कार्य हेतु मिलने वाली कैपिटल आय अनुदान 150760 लाख है। बैठक में निगमायुक्त ने बताया कि लाइसेंस फीस निगम की आय का सबसे बड़ा स्त्रोत है  और इस बार इसके तहत 49533.50 लाख रुपए की आय का अनुमान लगाया गया है लेकिन निगम का लक्ष्य 600 करोड़ रुपए वसूलना होगा। 

1 अप्रैल से जारी होंगे हाउस टेक्स के नोटिस
निगमायुक्त ने बताया कि हाउस टैक्स को सर्वे वर्ष 2008 में ही हुआ था। निगम के पास 1 लाख 42 हजार प्रॉपर्टी यूनिट की लिस्ट है जिसमें से 28 हजार विवादित हैं। सरकार द्वारा एक एजेंसी से ड्रोन या जीपीएस के माध्यम से इसके लिए सर्वे करवाने का टेंडर पेंडिंग है। तब तक निगम ने बिजली विभाग से इस संदर्भ में मदद ली है। बिजली विभाग से निगम ने मीटरों की डिटेल मांगी जिसमें 4 लाख युनिटों की जानकारी मिली जिनका पूरा डाटा बिजली विभाग से मांगा गया है। बिजली विभाग ने 5 लाख 40 हजार की लिस्ट बताई है जिसमें से 1 लाख 40 हजार झुग्गियों को छोड़कर 4 लाख युनिटों को 1 अप्रैल से निगम द्वारा नोटिस भेजे जाएंगे। पार्षद कपिल डागर मुद्दा उठाए जाने पर उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लोगों से पुराने एरियर की डिमांड नहीं की जाएगी बल्कि वर्तमान टैक्स भरने का नोटिस भेजा जाएगा। 

4 चरणों में मिलेगा स्वैच्छिक कोष का पैसा 
पार्षद दीपक चौधरी, कपिल डागर, ललिता यादव सहित अन्य पार्षदों ने यह मुद्दा उठाया कि सीएम द्वारा पार्षदों के लिए दिए गए 2-2 करोड़ के स्वैच्छिक कोष का पैसा उन्हें नहीं मिल रहा है। इस पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि चार चरणों में 50-50 लाख रुपए की राशि इसके तहत पार्षदों को उपलब्ध करवाई जाएगी तथा रिकवरी से जो पैसा आएगा, उसमें से भी कोष की राशि दी जाएगी। 

5 सदस्यीय कमेटी रखेगी नजर
उपमहापौर मनमोहन गर्ग ने यह मुद्दा उठाया कि ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों से पिछले वर्ष 236 करोड़ रुपए वसूलने थे परंतु मात्र साढ़े 9 करोड़ रुपए वसूले गए हैं। इसमें अधिकारियों की लापरवाही का मुद्दा उठाए जाने पर निर्णय लिया गया कि मनमोहन गर्ग की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई जिसमें पार्षद दीपक चौधरी, अजय बैंसला सहित दो अन्य पार्षदों को शामिल किया गया। ये पार्षद सोसायटियों से मिलने वाली इंस्टालमेंट व अन्य टेक्सों से होने वाली रिकवरी पर नजर रखेंगे। 

सलाहकार हटाने की मांग
पार्षदों ने कहा कि जो भी निगमायुक्त आते हैं वे अपने सलाहकार नियुक्त कर लेते हैं। उनका तबादला हो जाता है लेकिन सलाहकार वहीं के वहीं काम करते रहते हैं और नए निगमायुक्त पुन: नए सलाहकार की नियुक्ति कर लेते हैं। ऐसे में निगम की आर्थिक हालत खराब होने के बावजूद ऐसे सलाहकारों को तनख्वाह दी जा रही है जिनकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में निर्णय लिया गया कि दो सलाहकार जो काम कर रहे हैं, उनकी सेवाएं समाप्त की जाएंगी। नए सलाहकार अमरीक सिंह को लेकर भी पार्षदों ने अपना विरोध दर्ज करवाया।

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