अब भैंसें हो रही "गूंगी", इस रिचर्स में हुआ चौकाने वाला खुलासा

punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 09:35 PM (IST)

हिसार : हिसार स्थित केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (CIRB) की एक हालिया रिसर्च में खुलासा हुआ है कि भैंसों का प्राकृतिक व्यवहार तेजी से बदल रहा है और वे अब पहले की तरह संवाद नहीं कर रही हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, झुंड से अलग रहना और अकेलेपन का बढ़ना इसके प्रमुख कारण हैं। इसका सीधा असर उनके गर्भधारण और दूध उत्पादन पर पड़ रहा है, जो पशुपालन के लिए चिंता का विषय बन गया है।

रिसर्च में पाया गया कि शहरीकरण, प्राकृतिक आवासों की कमी और बदलते पर्यावरणीय हालातों के चलते भैंसें अब गूंगी होती जा रही हैं, यानी वे पहले जैसी आवाज़ों के माध्यम से संवाद नहीं करतीं। CIRB के निदेशक डॉ. यशपाल ने बताया कि वर्ष 1990 के बाद से यह प्रवृत्ति अधिक बढ़ी है। इस समस्या की गहराई से जांच के लिए संस्थान एक विशेष सेंसर विकसित कर रहा है, जो भैंसों के व्यवहार और संचार पैटर्न का विश्लेषण करेगा।

यह सेंसर प्रोजेक्ट "क्लाइमेट स्मार्ट बफैलो फार्मिंग" के नाम से चलाया जा रहा है। इसमें CIRB के वैज्ञानिकों के साथ ऑस्ट्रेलिया की एडिलेड यूनिवर्सिटी और पंजाब के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। वैज्ञानिक टीम में डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मेहर खटकड़, डॉ. यैंग ली एंग और डॉ. मुस्तफा हसन प्रमुख हैं। 

हरियाणा-पंजाब में भैंसों पर लगाया जाएगा सेंसर

यह सेंसर हरियाणा और पंजाब में लगभग 500 भैंसों पर लगाया जाएगा। एक वर्ष तक इनके व्यवहार की निगरानी की जाएगी, ताकि समझा जा सके कि भैंसों में संवाद की क्षमता क्यों कम हो रही है और उन्हें फिर से प्राकृतिक परिवेश में कैसे लौटाया जा सकता है।

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Content Writer

Yakeen Kumar

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