Chandigarh: चंडीगढ़ में 36 साल पुरानी कॉलोनी तोड़ी, 400 घर किए जमींदोज, प्रशासन ने बताई ये वजह
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 12:27 PM (IST)

चंडीगढ़: आज सुबह चंडीगढ़ के सेक्टर-38 स्थित 36 साल पुरानी शाहपुर रिहायशी कॉलोनी पर प्रशासन की ओर से बुलडोजर कार्रवाई की गई। भारी पुलिस बल के साथ प्रशासनिक टीम ने कॉलोनी में पहुंचकर करीब साढ़े 400 झुग्गियों को गिरा दिया। सुबह 8:30 बजे तक ज़्यादातर घर रेत, ईंट और मलबे के ढेर में तब्दील हो चुके थे।
कोर्ट से स्टे वाले घरों को नहीं छुआ
प्रशासन ने बताया कि जिन लोगों को कोर्ट से स्टे ऑर्डर मिला हुआ था, उनके घरों को नहीं गिराया गया। ऐसे घरों को पहले से क्रॉस का निशान लगाकर चिह्नित किया गया था, जिससे बुलडोजर की कार्रवाई से उन्हें बचाया जा सके।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश देखने को मिला। कॉलोनी में रहने वाले ज़्यादातर लोग प्रवासी मजदूर हैं, जिनका कहना है कि त्योहारी सीज़न में इस तरह की कार्रवाई करना अमानवीय है।
कॉलोनी निवासी क्या बोले?
प्रमोद नामक व्यक्ति ने बताया, "हम कई सालों से यहां रह रहे हैं। 2006 में सर्वे के समय सारे डॉक्यूमेंट सेक्टर-42 में जमा करवा दिए थे। मेरे पिता की मृत्यु यहीं हुई थी, अब वह घर मिट्टी में मिल गया।" संजय नाम के निवासी ने कहा, "मैं पिछले 22 सालों से यहां रह रहा हूं। अब मजबूरी में किराए का घर ढूंढना पड़ेगा। प्रशासन ने ऐसे दस्तावेज मांगे, जो हमारे पास कभी थे ही नहीं।" राधा ने रोते हुए कहा, "अब मेरे बच्चे सड़क पर रहेंगे, उनकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? सरकार बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ की बात करती है, लेकिन गरीबों को उजाड़ रही है।"
दो हफ्ते पहले मिला था नोटिस
प्रशासन की ओर से बताया गया कि करीब दो सप्ताह पहले एस्टेट ऑफिस के इंफोर्समेंट विंग ने कॉलोनी में ढोल बजाकर चेतावनी दी थी। झुग्गियों पर नोटिस भी चिपकाए गए थे, जिसमें लिखा था कि 30 सितंबर तक कॉलोनी खाली कर दें। इसके बाद यूटी सचिवालय में हुई बैठक के अनुसार DC निशांत यादव ने इस कार्रवाई के आदेश दिए और चीफ इंजीनियर को जिम्मेदारी सौंपी गई।
भारी पुलिस बल और प्रशासनिक बंदोबस्त
- कार्रवाई के दौरान भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
- 4 जेसीबी मशीनें, 10 ट्रक और 200 मजदूर तैनात किए गए।
- 4 DSP, महिला कॉन्स्टेबल सहित 200 पुलिसकर्मी मौजूद थे।
- स्वास्थ्य विभाग की ओर से 4 एम्बुलेंस मौके पर तैनात की गईं।
- SDO और JE भी कार्रवाई स्थल पर मौजूद थे।
प्रशासन का पक्ष
प्रशासन का कहना है कि यह जमीन सरकारी है और अवैध कब्जा हटाकर इसे दोबारा विकसित किया जाएगा।