किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, आग लगने से लाखों की गेंहू जलकर खाक

4/30/2019 5:20:22 PM

भिवानी (अशोक भारद्वाज): भिवानी जिले के गांव धनाना में आग ने किसान की सालभर की मेहनत को चंद मिनटों में ही जला कर खाक कर दिया। आसपास के किसानों ने फसल को आग से बचाने के भरसक प्रयास किए लेकिन सफल नही हो पाएं। जिस कारण 8 एकड़ में खड़ी गेहूं  की फसल व 20 एकड़ से अधिक खेतों की तूड़ी जलकर स्वाहा हो गई। घटना की जानकारी अग्रिशमन विभाग को दी गई लेकिन अग्रि शमन विभाग की गाड़ी जब तक मौके पर पहुंची किसान की फसल जलकर नष्ट हो चुकी थी।



किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है वहीं बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से या फिर सड़क के किनारे होने के कारण किसी ने बीड़ी, सिगरेट डाल दी ।लेकिन किसानो को बड़ा नुकसान हुआ है। गांव धनाना में पीड़ित किसान संदीप कुमार ने साल भर खेत जोत कर अपनी गेंहू की फसल तैयार की थी। अचानक शॉर्ट सर्किट या फिर और किसी कारण से गेहूं की खड़ी फसल में ही आग लग गई। आग से लाखों रुपए का नुकसान हो गया।



उन्होंने कहा कि जब वे इस समस्या को लेकर प्रधामंत्री फसल बीमा योजना के अधिकारियन से मिले तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया और इसे आपदा में शामिल न होने की बात कहकर कन्नी काट ली और कुर्सी छोड़ कर भाग गया। संदीप ने कहा कि वे कॉस्ट पर जमीन लेकर खेती करते हैं पर अब वे क्या करें उन पर काफी कर्ज हो गया, कर्ज को उतारने का साधन था वह जलकर राख हो गया है। पीड़ित किसान का कहना है कि वह घर पर था कि आग लगने की जानकारी उसे मिली तो खेत में गया तो उसकी फसल जल रही थी। देखते देखते सारी फसल जलकर राख हो गई। किसान की मानें तो आगे बिजली के शार्ट सर्किट से या अन्य कारण से लगी। उसने सरकार व प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।



इस मामले में किसान सहायता केंद्र से अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि आज किसान उनके पास यह समस्या लेकर आया है और इस मामले में अधिकारीयों की टीम गठित कर किसान के खेत में जांच करेगी। ताकि किसान के नुकसान की भरपाई हो सके। उन्होंने कहा कि जाँच कर के किसान को प्रसाशनिक स्तर की सहायता मुहैया करवाई जाएगी। कहा कि इस प्रकार की घटना आपदा में शामिल नहीं है, केवल आसमानी बिजली ही इसमें शामिल है। हालांकि फसल बीमा योजना अधिकारीयों ने किसान को कलिंग चिट दे दी है कि किसान को इसका लाभ नहीं मिलेगा यदि आसमानी बिजली होती तो इसका लाभ मिलता ,इसके चलते अब किसान क्या करें यह जवाब तो प्रदेश की सरकार और जिला प्रसाशन ही दे सकता है।

Naveen Dalal