उफनती घग्गर में दरार, 600 ट्यूबवैल के साथ पशुओं का चारा भी हुआ जलमग्न

7/20/2019 1:23:32 PM

सिरसा: गांव मल्लेवाला में हिस्से पर खेती करने वाले बिहार से आए तारी साहनी के खेत में बने मकान में घग्गर का पानी प्रवेश कर गया। अलसुबह आई बाढ़ में तारी एवं उसकी पत्नी ने बड़ी मुश्किल से घर का सामान सुरक्षित बाहर निकाला और तटबंध के किनारे शरण ली।



दरअसल, पिछले 2 रोज से उफान पर आई घग्गर नदी में गांव सहारनी के पास तटबंध में दरार आने के बाद गांव मल्लेवाला, नेजाडेला खुर्द एवं नेजाडेला कलां गांव की करीब 500 एकड़ धान, नरमा एवं चारे की फसल जलमग्न हो गई। करीब 600 ट्यूबवैल भी पानी में डूब गए। अभी भी निरंतर घग्गर का जलस्तर बढ़ रहा है और कई गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। वहीं, ङ्क्षचतनीय पहलू यह है कि प्रशासन खामोशी की चादर ताने हुए है। नदी के तटबंध इतने कमजोर हैं कि कभी दरक सकते हैं।



गांव सहारनी के पास अलसुबह करीब साढ़े 3 बजे घग्गर नदी के उफान पर आने के बाद दरार आ गई। इस दरार की वजह से 3 गांवों की फसल डूब गई। गांव मल्लेवाला में घग्गर पर बने पुल तक पानी पहुंच गया। गांव नेजाडेला के हरकिशन की एक एकड़, बागचंद की 3 एकड़, गोकुल चंद की 3 एकड़, हरफूल नम्बरदार की 7 एकड़, लाभचंद की 7 एकड़, राजकुमार की 7 एकड़ फसल डूब गई। अधिकांश रकबे पर धान की काश्त की गई थी और पशुओं के लिए चारा बोआ गया था। किसानों का कहना है कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मौके पर पहुंचे तो किसान स्वयं ही बाढ़ नियंत्रण प्रबंधों में जुटे दिखाई दिए।  इस दौरान सिंचाई विभाग के घग्गर मंडल के कार्यकारी अभियंता एन.के. भोला भी जायजा लेने मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि अभी कोई खतरा नहीं है। सरकारी बांध मजबूत है। वहीं, किसानों ने कहा कि जिस तरह से घग्गर का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है, उससे गांवों के डूबने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
 


सेवादारों ने की सेवा
वहीं, गांव मल्लेवाला के सेवादारों ने सेवा का बीड़ा उठाया। इस दौरान डेरा बाबा भूम्मण शाह के सेवक बाबा हरिनाम दास, बलवंत, सुरजीत व सुखप्रीत सहित अनेक किसान तटबंध पर मिट्टी डाली। बैगों में मिट्टी डालकर नदी के तटबंधों को मजबूत किया। इस दौरान डेरा की ओर से सेवा में लगे किसानों के लिए लंगर का भी प्रबंध किया गया।
 

Isha