दलितों को एकजुट कर भाजपा के लिए जीत की जमीन कर रहें तैयार: सुदेश कटारिया
punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2024 - 05:25 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। राजनीतिक दल चुनावी जमीन को मजबूती देने का रोडमैप तैयार करने की कवायद में जुटे हैं। वहीं मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया दलित सम्मेलन के जरिये न केवल दलितों को साध रहे हैं, बल्कि भाजपा के लिए विस जीत की जमीन तैयार कर रहे हैं।
भाजपा ने प्रदेश भर में दलित नेताओं के प्रयास का कार्यक्रम तैयार किया है। मगर इन कार्यक्रमों से हटकर मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया दलितों को संगठित करने का जिम्मा संभाले हुए हैं। अभी तक प्रदेशभर में आठ दलित सम्मेलन आयोजित कर चुके हैं और इसी सप्ताह रेवाड़ी और पानीपत में सम्मेलन प्रस्तावित हैं।
दलित सम्मेलनों के जरिये कटारिया कांग्रेस से दलितों पर अत्याचार हुए अत्याचार का हिसाब मांग रहे हैं। यही नहीं वे दलित सम्मेलनों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के राज में दलितों पर हुए अत्याचारों को भी गिनवा रहे हैं और वोट की चोट से बदला लेने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
वहीं भाजपा की ओर से दलित सम्मेलन की जिम्मेवारी राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार और पटौदी विधायक सत्यप्रकाश जरावता को सौंपी गई है। इसके साथ ही भाजपा अनुसूचित मोर्चा ने एससी नेताओं के प्रदेशभर में प्रवास के कार्यक्रम तय किए हैं।
कटारिया ने कांग्रेस ने मांगा दलित अत्याचारों का हिसाब
मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस को भाजपा से हिसाब से मांगने से पहले उनके 10 साल के कार्यकाल में दलितों पर हुए अत्याचार का हिसाब देना चाहिए। कांग्रेस शासन काल के दौरान 2005 का गोहाना कांड, 2006 का महमूदपुर कांड और 2010 में हुआ मिर्चपुर कांड की दशहत आज भी हरियाणा के दलितों के मन से नहीं निकल पाई है। कांग्रेस को हिसाब देना चाहिए कि उनके राज में दलितों पर अत्याचार करने के साथ उनके घरों को जलाया जाता था। कांग्रेस का खुद का हिसाब-किताब बिगड़ा हुआ है और वह भाजपा से हिसाब मांग रही है।
मनोहर लाल में दलितों को मिला मान-सम्मान
मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया का कहना है कि कांग्रेस के 10 साल के राज में दलितों ने केवल अत्याचार सहे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के राज में दलितों को मान-सम्मान मिला। दलित कृष्ण पंवार देश की सबसे बड़ी पंचायत में दलितों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तो इनसे पहले सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल ने दलितों की आवाज बुलंद की। साथ ही, वे खुद सबसे बड़ा उदाहरण हैं, मनोहर लाल ने साधारण से कार्यकर्ता को सम्मान देने का काम किया। इसके साथ ही दलितों के महापुरुषों को नई पहचान दिलाने का काम मनोहर लाल ने किया और दलितों के गरीब व होनहार युवाओं को योग्यता व पारदर्शिता के आधार पर नौकरियां मिल रही हैं।