सी-फार्म घोटाला: ईटीओ, इंस्पेक्टर और व्यापारी पर केस दर्ज, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू

11/21/2019 4:24:42 PM

पानीपत(अनिल कुमार): 153. 8 करोड़ के सी-फार्म घोटाला मामले में तत्कालीन ईटीओ, इंस्पेक्टर और व्यापारी पर चांदनी बाग थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने तीनों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी शुरू कर दी है। वहीं विभाग ने दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। प्रदेश में चर्चित इस फर्जीवाड़े में मुख्यमंत्री ने जांच करने के आदेश दिए थे, जिसके आधार पर हुआ मुकदमा दर्ज किया गया। 

बता दें कि पानीपत के उप आबकारी एवं काराधान अधिकारी आरआर नैन ने चांदनी बाग थाना में तीनों की शिकायत दी थी। ये कार्रवाई मुख्यालय के निर्देंशों पर की गई है। इस मामले की जांच चार उच्चाधिकारियों की टीम ने की थी। जांच में दोषी मिलने पर इन पर केस दर्ज करने के लिए सीएम से अनुमति मांगी गई थी। जिसकी अनुमति के बाद मामले में कार्रवाई की गई है।

बोगस सी-फॉर्म जारी करने पर दोनों अफसर हुए थे सस्पेंड
गुरुग्राम में 17 फरवरी 2018 को हुई एक एफआईआर की जांच में पारस इंटरप्राइजेज का नाम सामने आया था। जांच में पता चला कि पारस इंटरप्राइजेज के नाम से अफसरों ने 155.20 करोड़ रुपए के सी-फॉर्म जारी कर दिए थे। इसमें 30.6 करोड़ का टैक्स घपला मिला। इसी केस में अब ईटीओ दिविक शर्मा और इंस्पेक्टर इंद्रावती पर केस दर्ज करने की मंजूरी मिली है। प्रदेश में 2000 करोड़ से अधिक के टैक्स घोटाले सामने आए हैं। पानीपत में टैक्स घोटाले में अब तक 48 फर्मों के खिलाफ एफआईआर हो चुकी है।

12 फर्म ने किया 740 करोड़ का घपला
जांच का दायरा बढऩे पर आंच ईटीओ सार्थक कोहली पर आई। जिसने 12 फर्म को सी फार्म दे रखा था। जिनमें से सात फर्म का रजिस्ट्रेशन तो सार्थक कोहली ने खुद किया था। इन 12 फर्मों ने 740 करोड़ का टैक्स घोटाला कर दिया। जिससे सरकार को 100 करोड़ का नुकसान हुआ। सार्थक कोहली केस की जांच मुख्यालय में डीईटीसी जितेंद्र राघव को दी गई। राघव की जांच के बाद सार्थक कोहली के खिलाफ फरवरी 2019 में अपराधिक मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई, लेकिन सरकार ने केस को लटका दिया।

कोहली केस की संबंधित फाइल देखना चाहते हैं। मुख्यालय द्वारा पानीपत डीटीसी को फाइल दिखाने का आदेश दिया जा चुका है। लेकिन पहली फाइल नहीं देख रहे और ना ही सही जवाब दे रहे हैं। अब दिविक शर्मा पर केस दर्ज करने की अनुमति पत्र में सरकार ने लिखा है कि सार्थक कोहली को फाइल देखने के लिए 10 दिन का समय दिया जाए। सरकार ने दूसरी बार कोहली की फाइल लौटाई है। सार्थक कोहली पानीपत की तत्कालीन डीसी समीर पाल सरो के दामाद है।

क्या होता है सी फार्म
सी फार्म से टैक्स कम भरना पड़ता है। मसलन अगर पानीपत के किसी व्यापारी ने दिल्ली से 12.50 फीसदी टैक्स वाला कोई माल खरीदा और अगर यहां डीईटीसी की ओर से जारी सी फार्म दिल्ली में जमा कराता है तो उसे सिर्फ 2 फीसदी टैक्स ही देना पड़ता है। इस तरह से 10. 50 फीसदी टैक्स कम हो जाता है। सी फार्म इस आधार पर जारी होता है कि उद्यमी यहां पर उस माल का कारोबार करेगा। लेकिन पारस इंटरप्राइजेज वालों ने अफसरों से मिलीभगत कर सस्ता माल खरीदकर दो नंबर में माल बेच दिया। कई ने तो सिर्फ बिल ही बेचा, माल नहीं।

Edited By

vinod kumar