मंत्रिमंडल के फैसले : ‘पद्मावत’ पर बैन, बिजली बिलों में छूट वापस, क्लीनिकल एस्टाब्लिश्मेंट एक्ट लागू

1/17/2018 10:46:56 AM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):हरियाणा मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। प्रदेश में पद्मावत फिल्म पर बैन लगा दिया गया। जबकि महिलाओं को बिजली बिलों में मिलने वाली छूट वापस ले ली। निजी अस्पतालों पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्र सरकार के क्लीनिकल स्थापना एक्ट के अध्याध्येश पर मुहर लगाने के साथ चिट फंड का काम करने वाले लोगों पर शिंकजा कसने का कानूनी फैसला लिया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना का शहरों में विस्तार करने, 20 वर्षों से नौकरी का इंतजार कर रहे 3 शहीदों के आश्रितों को नौकरी देने तथा एडिड कालेजों के सेवानिवृत नान टीचिंग स्टाफ को मानदेय देने का फैसला लिया गया। 

इसी क्रम में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) का नाम बदलकर एच.एस.बी.पी. कर दिया गया। बैठक के बाद वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने इसकी जानकारी दी। कैबिनेट मंत्री अनिल विज व विपुल खुलकर इस फिल्म को प्रदर्शित किए जाने का विरोध कर चुके हैं। सूरजपाल अम्मू ने पद्मावती के नाम पर न केवल राजपूत समाज को एकजुट करने का प्रयास किया, बल्कि भाजपा के तमाम पदों से इस्तीफा तक दे दिया था।

हरियाणा सरकार ने बिजली बिलों पर महिलाओं को दी जाने वाली 10 पैसे प्रति यूनिट की छूट को वापस ले लिया है। सरकार ने एक वर्ष में ही अपना फैसला वापस ले लिया। हरियाणा सरकार ने पिछले साल महिलाओं को बिजली बिलों की अदायगी में 10 पैसे प्रति यूनिट की छूट प्रदान की थी। सरकार ने 1 जुलाई 2017 को जारी आदेशों में कहा था कि प्रदेश में जिन महिलाओं के नाम सम्पत्ति है और वह अपने नाम से घरेलू बिजली कनैक्शन ले रही हैं, उन्हें 10 पैसा प्रति यूनिट की दर से छूट प्रदान की थी।

 प्रदेश सरकार के इस फैसले का अभी पूरी तरह से महिलाओं को लाभ मिलना भी शुरू नहीं हुआ था कि सरकार ने अपना ही फैसला पलट दिया है। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के चीफ इंजीनियर कमर्शियल की ओर से प्रदेश के सभी एक्स.ई.एन., एस.डी.ओ. व अन्य अधिकारियों को पत्र जारी करके कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से पिछले साल जारी किए गए आदेशों पर पुनर्विचार करते हुए इसे वापस लिया जाता है। प्रदेश सरकार का यह पत्र जारी होते ही महिलाओं को बिजली के बिलों में मिलने वाली छूट बंद हो गई है।

राजपूत समाज के संघर्ष की जीत : अम्मू
करणी सेना के नेता सूरजपाल अम्मू ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह समूचे राजपूत समाज के संघर्ष की जीत है। प्रदेश सरकार ने राजपूत समाज की भावनाओं की कद्र करते हुए फिल्म को बैन कर दिया है। अम्मू ने मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से पूर्व में दिए बयानों पर माफी मांगते हुए कहा कि वह अपने समाज की लड़ाई लड़ रहे थे। इसके चलते कई मंचों से उन्होंने बयान भी दिए, लेकिन उन्होंने कभी किसी की भावनाओं को आहत करने का प्रयास नहीं किया।

इस तरह लगा फिल्म पर बैन
बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिल विज तथा विपुल गोयल ने यह मुद्दा उठाया। दोनों मंत्रियों का तर्क था कि फिल्म को कई राज्यों में बैन किया जा चुका है और फिल्म को अगर हरियाणा में रिलीज किया जाता है तो विवाद बढ़ सकता है। इसके चलते मंत्रिमंडल की बैठक में विचार-विमर्श के बाद इस फिल्म को हरियाणा मेंं बैन कर दिया गया। अब हरियाणा के किसी भी सिनेमाघर अथवा मल्टीप्लैक्स में नहीं यह फिल्म नहीं चलेगी। विवादित फिल्म पद्मावती बदले हुए नाम और सैंसर बोर्ड की मंजूरी के बाद 25 जनवरी को रिलीज हो रही है। 

महिला विरोधी फैसला : हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार ने बिजली बिलों में महिलाओं को दी जाने वाली छूट का निर्णय वापस लेकर महिला विरोधी होने का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल महिला के उत्थान का झूठा ढिंढोरा पीटती आई है, जबकि भाजपा सरकार आने के बाद महिलाओं के विरुद्ध अपराध बढ़ा है।

महिला विरोधी है खट्टर सरकार : जयहिंद
आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने कहा कि  खट्टर सरकार ने महिलाओं को बिजली पर मिलने वाली 10 पैसे की छूट वापस लेकर महिला विरोधी होने को काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने ही फैसले को वापस लेकर महिलाओं के साथ मजाक किया है।