लड़कियों की शादी की उम्र 21 पर लगी कैबिनेट की मुहर, लाडो पंचायत ने मनाया जश्न

12/17/2021 11:12:11 PM

चंडीगढ़ (धरणी): केन्द्रीय कैबिनेट में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष किए जाने को कानून बनाने पर मुहर लग गई है। जिसका जश्न लाडो पंचायत की टीम ने इसके फाउंडर सुनील जागलान के साथ हिसार के नलवा गांव में मनाया। इस मौके पर सुनील जागलान ने कहा कि अगर किसी ने लोकसभा में इस बिल का विरोध किया तो लाडो पंचायत आगामी लोकसभा चुनाव में उन सांसदों के क्षेत्र में जाकर उनका विरोध करेंगे।

वहीं नलवा कॉलेज की छात्रा पूनम ने कहा कि यह हम लड़कियों की जिंदगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण पल है, जब सरकार ने कैबिनेट में हमारी लाडो पंचायत की मांग पूरी करने की तरफ राह दिखा दी है। हमें उम्मीद है जल्द ही पक्ष-विपक्ष सभी पूर्ण बहुमत से इसे पास कर देंगे। प्रियाक्षी ने कहा कि सुनील जागलान ने लड़कियों के लिए सैकड़ों अभियान शुरू किए, जिसका असर बहुत महत्वपूर्ण है। अब उनके नेतृत्व में उठी मांग को सरकार ने मान लिया है, आज खुशी का दिन है, हम सब इसे मना रहे हैं।

राजकीय कॉलेज नलवा की प्रोफेसर कविता ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे कॉलेज की लड़कियां इस मुहिम में शामिल हुई और इस बड़े बदलाव के हम सब सहभागी बने। मोनिका ने कहा कि हम सब लड़कियों को अब विश्वास है कि सरकार हम लड़कियों के लिए सार्थक तौर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लागू कर रही है, वरना हमारे यहां तो अधिकतर शादियां बारहवीं करते ही हो जाती थी। अब लड़कियां कॉलेज जाएंगी और अपने सपने पूरे करेंगी।

लाडो पंचायत के फाउंडर व लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 वर्ष करवाने में शिल्पकार रहे सुनील जागलान ने कहा कि वर्ष 2012 से बेटी बचाओ, सेल्फी विद डॉटर, बेटियों के नाम नेमप्लेट जैसे सैकड़ों अभियान सफल होने से जो मजबूती हमें मिली, उसकी ऊर्जा को हमने इस अभियान में लगाया। सेल्फी विद् डॉटर का मकसद है- लड़की के चेहरे पर स्थाई मुस्कान, वही हमने करने की कोशिश की। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रिया करते हैं कि उन्होंने देश में महिलाओं की जिंदगी में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाले हमारे सभी अभियान योजना व नियम बनाकर आगे बढ़ाने का काम किया है। जागलान ने कहा जब तक बिल पास होकर कानून ना बने, तब तक लाडो पंचायत जारी रहेगी और टीम लाडो 21 से पहले शादी का बहिष्कार करती रहेगी।

गौरतलब है कि सुनील जागलान के अभियानों की तारीफें भारत ही नहीं वरन नेपाल सरकार भी कर चुकी है। उनके द्वारा सार्क देशों में भी महिला सशक्तिकरण के अभियान मजबूती से शुरू कर रखे हैं।

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Shivam