विधानसभा में कैग रिपोर्ट: सरकार के वित्तीय प्रबंधन व कामकाज पर उठा सवाल

3/14/2018 3:42:08 PM

चंडीगढ़(धरणी): विधान सभा सत्र के आठवें दिन सदन में कैग की रिपोर्ट पेश की गई जिसमें सरकार के कामकाज व वित्तीय प्रबंधन पर सवाल खड़े किए। ये रिपोर्ट वर्ष 2016-17 की है, जिसमें कुछ विभागों को छोड़कर लगभग सभी विभागों में पैसों का नुकसान हुआ है। कैग की रिपोर्ट सामने आने से विपक्ष को बड़ा मुद्दा मिल गया है।

रिपोर्ट में सरकार के कामकाज पर सवाल उठा गया कि जेलों की सुरक्षा को लेकर सरकार के पास पुख्ता प्रबंध नहीं है, यहां तक कि जेलों की सुरक्षा के लिए गोला बारूद भी नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के 92 प्रोजेक्टों में से केवल 37 प्रोजेक्टों पर ही काम हो पाया है।

रिपोर्ट के अनुसार, संविदाओं के कंप्यूटरीकरण में भी पारदर्शिता नहीं अपनाई गई हैं जिसमें 26.31 करोड़ का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सूचना और जनसंपर्क विभाग में करोड़ों नुकसान हुआ है। प्रिंटिंग प्रेस की क्षमता से कम उपयोग पर करीब पांच करोड़ का नुकसान हुआ है।

क्या होती है कैग रिपोर्ट?
कैग ऑडिट को दो वर्गों - रेग्युलेरिटी ऑडिट और परफॉर्मेंस ऑडिट में बांटा गया है। रेग्युलेरिटी ऑडिट (जो कम्पलायंस ऑडिट भी कहलाता है) में फाइनैंशल स्टेटमेंट का ऐनालिसिस किया जाता है और देखा जाता है कि उसमें सभी नियम-कानून का पालन किया गया है नहीं। परफॉर्मेंस ऑडिट में कैग यह चेक करता है कि क्या सरकारी प्रोग्राम शुरू करने का जो मकसद था, वह कम से कम खर्च में सही तरीके से हासिल हो पाया है नहीं।