अवैध धंधों व असामाजिक तत्वों के खिलाफ चलेगी मुहिम: संधू

4/29/2017 8:40:46 AM

सिरसा (संजय अरोड़ा):हरियाणा के नए पुलिस महानिदेशक बी.एस. संधू का कहना है कि प्रदेश सरकार की नीतियों को लागू करना व राज्य में कानून व्यवस्था सुदृढ़ करना उनकी प्राथमिकता होगी। पुलिस महानिदेशक का पदभार संभालने के बाद संधू ‘पंजाब केसरी’ से विशेष बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि प्रदेश में महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों के साथ-साथ समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए। 

मूल रूप से पंजाब के जिले मोहाली की तहसील खरड़ के निवासी नए डी.जी.पी. बी.एस. संधू ने यह भी कहा कि पुलिस असामाजिक तत्वों के खिलाफ जबरदस्त मुहिम छेड़ेगी और प्रदेश में अवैध धंधों को रोकने व नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए सख्ती से कदम उठाएगी। 6 सितम्बर 1958 को जन्मे बी.एस. संधू ने 17 दिसम्बर 1984 को पुलिस सेवा ग्रहण की। 1984 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी बी.एस. संधू की गिनती प्रदेश के ईमानदार व कत्र्तव्यनिष्ठ अधिकारियों की श्रेणी में होती है। 

1986 में फरीदाबाद से सहायक पुलिस अधीक्षक के तौर पर पुलिस में अपना करियर शुरू करने वाले संधू हांसी व अम्बाला में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे, जबकि हिसार, करनाल, कैथल, रोहतक, अम्बाला व सिरसा आदि में बतौर पुलिस अधीक्षक अपनी सेवाएं दी। पिछले 5 वर्षों से हरियाणा पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक के तौर पर कार्यरत रहे बी.एस. संधू ने कभी अपने उद्देश्यों व सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। यही वजह रही कि उन्हें उसूलों से समझौता न करने पर एक सरकार की प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी थी।

संधू ने संभाला पुलिस महानिदेशक का कार्यभार
चंडीगढ़ (संघी): हरियाणा के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक बी.एस. संधु ने आज प्रात पुलिस मुख्यालय में के.पी.सिंह की जगह अपना कार्यभार संभाल लिया। इस अवसर पर सम्मान गार्द ने उन्हें सलामी दी।  

2 बार मिल चुका राष्ट्रपति पुलिस पदक
विभिन्न पदों पर रहते उल्लेखनीय सेवाओं व उत्कृष्ट कार्यों के लिए बी.एस. संधू को स्वतंत्रता दिवस पर वर्ष 2002 व 2012 में 2 बार राष्ट्रपति पुलिस पदक भी मिल चुका है। दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम. एलएल.बी. की डिग्री हासिल करने वाले संधू का नाम पुलिस महानिदेशक पद हेतु पिछले वर्ष अप्रैल माह में उस समय भी चला था जब यशपाल सिंघल की जगह के.पी. सिंह को नया महानिदेशक बनाया गया था। सरकार ने भी बी.एस. संधू की योग्यता को समझा था और पिछले वर्ष हुए आरक्षण आंदोलन दौरान आई.ए.एस. अधिकारी ए.के. सिंह के साथ बी.एस. संधू को ही स्थिति से निपटने के लिए विशेष तौर पर रोहतक भेजा गया था और इस टीम के रोहतक जाने के बाद स्थिति में सुधार आना भी शुरू हुआ था।