इलाज के लिए भटक रहे कैंसर के मरीज

3/9/2018 1:10:37 PM

गुरुग्राम(सतीश राघव): हरियाणा स्वास्थ्य विभाग भले ही कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने की बात कर रहा है, लेकिन हकीकत तो यह है कि स्वस्थ्य विभाग की ही भेंट कैंसर के मरीज़ चढ़ रहे है। वहीं कैंसर की बढ़ती संख्या को लेकर विधानसभा में हंगामा भी हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग के आकड़ो के मुताबिक गुरुग्राम में 2015 से लेकर 2018 तक 349 कैंसर के मरीजों की मौत हो गई है। 

जानकारी के अनुसार गुरुग्राम में पिछले तीन सालों से कैंसर विंग बंद पड़ा है, इसलिए मरीजों को भटकना पड़ता है। इस विंग में न केवल हरियाणा बल्कि पंजाब, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से कैंसर के मरीज इलाज़ करवाने आते थे। जहां रोजाना 50 कैंसर के रोगियों की ओपीडी होती थी, लेकिन कैंसर विशेषज्ञ के इस्तीफा देने के बाद यहां स्थिती दयनीय हो रही है।

अस्पताल के सीएमअो का कहना है कि इस विंग को दोबारा चलाने की तैयारी में एक डॉक्टर को ट्रेनिंग के लिए रोहतक भेजा गया है जहा वो प्रेक्टिस कर रहे है। उम्मीद है की 12 अप्रैल तक ज्वाइन कर लेंगे। फ़िलहाल कैंसर के जो भी मरीज गुरुग्राम आते हैं। उन्हें  पीएचसी लेवल पर स्क्रीनिंग के लिए रोहतक भेजा जाता है। यहाँ से रोहतक जाने के लिए हरियाणा रोडवेज के पास उपलब्ध करवाए जा रहे है  

वही इस पुरे मामले पर डॉ सतपाल भनोट (कैंसर विषेशज्ञ व पूर्व कैंसर स्पेशलिस्ट समान्य अस्पताल गुरुग्राम) का कहना है कि जब तक मै समान्य अस्पताल में था उस अस्पताल में कैंसर के मरीजों की लाइन लगी रहती थी और ज्यादातर मरीज मुंह छाती गले के कैंसर वाले आते थे। महीने में 10 से 15 मरीजों का किया जाता था। लेकिन अब अस्पताल में डॉक्टर नहीं है वहीं प्राइवेट अस्पताल वाले इस बिमारी के इलाज के लिए बहुत अधिक फीस वसूलते हैं।